डिफेंस कॉरीडोर प्रोजेक्ट को दृष्टिगत और अधिक प्रवल संभावनाये
' पी एम ग्रीवास पोर्टल ' जिसने धूल साफ करवायी आई टी पार्क प्रोजेक्ट की फाइल से। |
आगरा: हो सकता है कि यह सुखद संयोग ही हो किन्तु 'टी टी जैड ए' की पाबंदियों की भेंट चढे आगरा के विकास के तमाम प्रोजेक्टों में से 'आई टी पार्क' प्रोजेक्ट के लिये नयी संभावनाये बन गयी हैं। 'आगरा समाचार ' न्यूज पोर्टल के एडीटर की ओर से इस सम्बन्ध में कई संबधित सरकारी एजैसियों से लगातार पूछताछ कर जानकारी लेने का प्रयास किया जाता रहा किन्तु 'जबाव देही से बचने की आदत के अभ्यस्तों से जब कुछ भी सामने नहीं आ सका तो 'पी एम ग्रीवांस पोर्टल' को माध्यम बनाकर इस प्राजेक्ट के ममाले को उठाया गया था।
10फरवरी को उठाये गये इस मामले में जानकारी मांगी गयी थी कि यह प्रोजेक्ट कभी रद्द नहीं हुआ है और वाकायदा सूची बद्ध है। फिर इस पर काम क्यो नहीं हो रहा है।
इस पर पी एम ओ से उ प्र सरकार से जानकारी मंगी गयी। जानकारी तो पता नहीं आधिकारिक रूप कभी आयेगी भी या पैंडिग ही रहेगी किन्तु लखनऊ से किसी सरकारी अधिकारी ने इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी का कारण जरूर पूछा। जिस पर उनको बताया कि बताया कि ' आगरा के आसपास कई डिफैंस प्रोडैक्शन प्रोजेक्ट ' शुरू होने हैं। इस प्रकार के एस्टैब्लिशमेंटों के लिये कमिटिड आई टी 'प्रोफैशनल्स और इंस्टालेशनों' की बेहद जरूरत होती है।इस लिये यह आगरा ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश के आटी सैक्टर से जुडे हुओं के लिये अपने हुनर से कमाने और दूसरों को काम देने का अत्यंत सुनहरा अवसर है।
आगरा कॉलेज इंजीनियरिग फैकल्टी के कम्प्यूटर इंजीनियरिग डिपार्टमेंट के हैड डा अनुराग शर्मा और एक अन्य आई टी इंजीनियर मित्र श्री डी के तिवारी से जब इस मामले को लेकर विचार विमर्ष हुआ तो दोनों ने ही कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है आई टी सैक्टर में आगरा की मौजूदगी दर्ज करवाने का।
विचार विमर्ष के इसी दौर पी एम ग्रीवांस सैल के द्वारा प्रदेश सरकार को जानकारी देने के लिये अग्रसरित की गयी ग्रीवांस का जबाव तो नहीं मिला किन्तु अनायास ही प्रदेश सरकार की ओर से वाकायदा सूचना जारी कर आगरा सहित प्रदेश में विचारधीन चारों आई टी पार्कों पर कार्यशुरू करने की घोषणा कर डाली गयी है।
-- आगरा में मौजूद हैं 'आई टी पार्क' के लिये अनुकूलता
'आगरा ' प्रदेश का एक मात्र एैसा महानगर है जहां कि आई टी पार्क के लिये सबसे महत्वपूर्ण अनवरत प्रवाह वाली बिजली की आपूर्ति जरूरी है। टोरैंट कंपनी ने तमाम अन्य नकारात्मकताओं के बावजूद 'फ्लैक्चुयेशन 'रहित विद्युत आपूर्ति संभव की हुई है। इसी प्रकार परिणाम चाहे कुछ भी आते रहे हों प्रदेश में धूल रहित पर्यावरण करने की मुहिम पर सबसे ज्यादा धन की उपलब्धता आगरा को ही होती रही है।
--बीस साल से अटकी पडी थी योजना
आगरा में 'आई टी पार्क' बनाये जाने की फायल बीस साल पूर्व बनी थी किन्तु जिस पार्टी की सरकार के शासन में यह बनी थी वह राजनैतिक दल समय के साथ उ प्र में राजनैतिक दृष्टि से अपनी प्रासंगिकता खो बैठा ।फलस्वरूप उस दल की सरकार के समय के अधिकांश प्राजेक्टों की फायलें लाल फीते मे बंधी रह गयीं।लेकिन 20012 में आई टी प्रोजेक्ट फिर चर्चा में आया किन्तु इस बार आगरा के साथ कानपुर,गोरखपुर ,मेरठ तथा नौयडा के नाम भी जुडे हुए थे।
देरी के करणों में मुख्य जनता की जरूरत और आगरा की खराब होती जा रही माईक्रो इकनामी को बचाने के प्रयासों को अनदेखा कर , उनलोगों का असरदार हा जाना रहा जिनके कारण सत्ताधरी दलों और राज्य ब्यूरोक्रेसी द्वारा दिशाहीनता वाले मनमाने हालात उत्पन्न होते रहे ।
जैसे ही नीतिगत तौर पर अक्टूबर 2012 में आई टी पार्क बनाये जाने की योजना घोषित उसी के साथ इसके क्रियान्वयन के लिये जमीन भी चिन्हित कर ली गयी। किन्तु बाद में इस प्रोजैक्ट को क्रियान्वित करवाने के नाम स्थान पर चिन्हित जमीन का वैकल्पिक उपयोग तलशवाने में व्यूरोक्रसी की अधिक दिलचस्पी रही।
अब एक बार फिर से नयी आशाबंधी है। प्रदेश के चिन्हित अन्य नगरों में आई टी पार्क बनपाये या नहीं किन्तु अगर सरकार ने आगरा के मामले को जरा सी भी गंभीरता से लिया तो लिया तो स्थानीय निवेशक ही इसके लिये पूरीतरह से सक्षम हैं।
पूरी तरह गंभीर लगातार सक्रिय बनाये रखेंगे
डी के तिवारी, शैलेन्द्र सिह नरवार के
साथ डा अनुराग शर्मा:आई टी पार्क चिंतक |
आगरा कॉलेज इंजिनियरिग के कम्प्यूटर डिपार्टमेंट के हैड डा अनुराग शर्मा ने कहा है कि आई टी पार्क बनाये जाने का फैसला अत्यंत महत्वपूर्ण प्रयास सावित होगा। उनका प्रयास होगा कि इसे यथा संभव तेजी के साथ क्रियान्वित किया जाये। यह इंजीनियरिग के छात्रों और इकनामी के लिये भरपूर अवसर संभव करवाने वाला सावित होगा।
आगरा के दिनेश पालीवाल आई टी सैक्टर का एक बडा नाम
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स कं लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी हरमन के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री दिनेश पालीवाल आई टी सैक्टर के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बडा नाम हैं।
श्री पालीवाल आगरा के हैं और शायद अपने शहर के लिये काफी कुछ करने का इरादा रखते हैं। मेरी उनसे कोयी निजी मुलाकत तो कभी नहीं हुई किन्तु जो उनके बारे में तमाम जानकारियां रखते हैं उनसे मिलते रहे फीडबैक से तो यही लगता है।
अपने समय के प्रसिद्ध सामाजिक नेता एवं स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी और अन्य नेताओं के साथ काम करने वाले स्व.स्व राम चंद्र पालीवाल की सात संतानों में से एक हैं।
वर्तमान में वह सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स कं लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी हरमन के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।सैमसंग ने 2017 में लगभग 8 बिलियन डॉलर में उनकी कम्पनी हरमन का अधिग्रहण किया जिसके बाद दिनेशजी ने इसका नेतृत्व जारी रखा।
दिनेश पालीवाल 1981 में भारत छोड़ अमरीका चले गए थे। लेकिन अभी भी अपने आगरा में रहने वाले अपने परिजनों और पुराने मित्रों से संपर्क में रहते हें। यदि सरकार और आगरा के नागरिक चहे तो उनकी बौद्धिक संपदा तथा संपर्कोंं की व्यपकता का लाभी उठाने की कोशिश कर सकते हैं। जो कि ई -गवर्नेंस के मौजूदा दौर में न तो मुश्किल भरा है और नहीं ज्यादा खर्चीला ही ।