23 जनवरी 2020

चीन से भारत आने वाली उड़ानों पर 12,828 यात्रियों की स्क्रीनिंग

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के मुद्दे पर भारत ने सख्त कदम उठाये हैं।    दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद और कोचीन के अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सभी एयरलाइनों से कहा है कि वे चीन से भारत आने वाली उड़ानों पर किसी भी बीमार व्यक्ति के बारे में सूचना देने और इस संबंध में प्रबंधन के लिए अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के दिशा-निर्देशों का पालन करें। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारत आने वाली उड़ानों के लिए हवाई जहाज के भीतर घोषणा करने का भी निर्देश दिया है।
17 जनवरी को सलाह यात्रा जारी की गई थी और उसे मंत्रालय की वेबसाइट तथा उसके प्रचार के लिए मंत्रालय के ट्विटर हैंडल पर भी डाला गया है।
बंदरगाह और हवाई पत्तन स्वास्थ्य संगठनों को जागरूक किया गया है और दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद और कोचीन के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग
शुरू की गई है। बीमार होने की स्थिति में जनता को स्वयं सूचित करने के लिए दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद और कोचीन हवाई अड्डों के प्रमुख स्थानों पर हवाई पत्तन स्वास्थ्य संगठन ने संकेतक लगाए हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल और कर्नाटक राज्य सरकारों को समीक्षा करने तथा गंभीर रोग सुविधाओं तथा मरीजों को अन्य लोगों से पृथक करने संबंधी हवाई अड्डों पर तैयारी मजबूत करने के लिए कहा है। इन गतिविधियों को संक्रमण के रोकथाम और नियंत्रण तथा वीआरडीएल नेटवर्क की प्रयोगशालाओं से जोड़ा गया है।
एकीकृत रोग सतर्कता कार्यक्रम ने सभी राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों को सलाह जारी की है कि वे एसएआरआई के प्रति सतर्क रहें, यात्रा संबंधी मामलों की रिपोर्ट करें और संदिग्ध/पुष्ट मामलों की लगातार निगरानी करें।
राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान-पुणे कोरोनावायरस के नमूनों की जांच के लिए पूरी तरह से तैयार है। आवश्यकता पड़ने पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की विषाणु अनुसंधान एवं निदान प्रयोगशालाओं का नेटवर्क भी ऐसे नमूनों की जांच करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार कर दिया गया है।
चिकित्सा सामग्री भंडार संगठन, व्यक्तिगत रोकथाम उपक्रम के पर्याप्त भंडारण की व्यवस्था कर रहा है।
वर्ष 2014 में मर्स-कोवी बीमारी फैलने पर राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों की त्वरित कार्रवाई टीमों को प्रशिक्षित किया गया था। यह वायरस, कोरोनावायरस की तरह ही था और मध्य-पूर्व में इसकी उत्पत्ति दर्ज की गई थी। नवंबर-दिसंबर 2019 में कांगों में फैलने वाले इबोला वायरस रोग के संबंध में इस मंत्रालय के क्षेत्रीय निदेशकों, एपीएचओ/पीएचओ और सभी राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों की त्वरित कार्रवाई टीमों को हाल में प्रशिक्षित किया गया है।
विस्तृत प्रसार और यात्री सूचना के लिए विदेश मंत्रालय से आग्रह किया गया है कि वह चीन और उससे जुड़े देशों में भारतीय दूतावासों को स्थानीय भाषाओं में यात्रा सलाह जारी करने के लिए कहे। चीन में भारतीय छात्रों की बड़ी संख्या को देखते हुए विदेश मंत्रालय से आग्रह किया गया है कि वे इन छात्रों को विवरण से अवगत कराए।
गृह मंत्रालय से आग्रह किया गया है कि वह चीन से आने वाले जिन यात्रियों को 31 दिसंबर, 2019 से ई-वीज़ा जारी किया गया है, उनका विवरण साझा करे।