7 जून 2019

टी टी जैड अथार्टी : काम काज पर्देदारी के चलते ताजमहल संरक्षण के मुख्‍य लक्ष्‍य से भटकन


न तो अब तक कोयी नि‍यमावली और नहीं  प्रक्रि‍याओं की जानकारी देने वाला सहज सुलभ मैन्‍युअल

काम कम हल्‍ला ज्‍यादा

( राजीव सक्‍सेना द्वारा  ) आगरा: ताज ट्रि‍पेजि‍यम जोन अथार्टी की मीटिग आगरा के वि‍कास कार्यो की दि‍शा व स्‍वीकृति को दि‍ये जाने वाला सबसे महत्‍वपूर्ण नि‍काय है। जनहि‍त याचि‍का की सुनवायी पर हुए एक फैसले के तहत सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के नि‍र्देश पर इसका गठन हुआ था। लेकि‍न शुरू से ही इसके काम काज में परदर्शि‍ता नहीं रही और अपने मुख्‍य मकसद से भटक कर जनधन की तीन तेरह करने वाला ही अब तक साबि‍त हुआ है। 
इसके सरकारी और गैर सरकारी सदस्‍यों में से अधि‍कांश ने इसका कारण प्राधि‍करण का अलग से बजट न होना और अपने बाबू तंत्र का अभाव  माना है, इस बाबत एक रि‍ट भी सदस्‍यों में से एक  के द्वारा सुप्रीम कोर्ट मे दाखि‍ल की हुई है।
जबकि हकीकत यह है कि ताज ट्रि‍पेजि‍यम जोन अथार्टी के काम काज में पारदर्शि‍ता का नि‍हायत अभाव है। अगर इसकी मीटि‍गों के  एजैंडे को देखा जाये तो ताज संक्षण के मकसद से यह लगभग भटक चुका है, हालांकि‍ प्रकट तौर पर इसका काम काज अब भी ताज संरक्षण के नाम पर
ही होता है।ताज संरक्षण को चुनौती देने वाले वाकायदा चि‍न्‍हि‍त कामों और लक्ष्‍यों के इतर, इंडस्‍ट्रि‍यल और कर्मशि‍यल प्रोजेक्‍टों की स्‍वीकृति‍यों और स्‍टैडी रि‍क्‍मंडेशनों जैसे कामों पर ज्‍यादा केन्‍द्रि‍त हो चुका है।
कि‍स अर्जी को कब एजैंडे में स्‍थान मि‍लेगा या कब उस पर सुनवायी होगी यह सदस्‍यों की सुवि‍धा पर ही निर्भर है।दि‍लचस्‍प तथ्‍य यह है कि टी टी जैड ए के द्वारा , स्‍वीकृति‍यों की अनि‍वार्यता की तहत आने वाले कामो की सूची तथा अब तक अपने से संबधि‍त गजटों को समावेशि‍त कर एक मैन्‍युअल या हैंडबुक तक आधि‍कारि‍क रूप से प्रकाशि‍त नहीं की है।फलस्‍वरूप आगरा,मथुरा,भरतपुर,फीरोजाबाद सहि‍त कई समीपस्‍थ जनपदों के आम नागरि‍क ही नहीं अधि‍कारी तंत्र तक नि‍यम कानूनो को लेकर संशय की स्‍थति‍ में रहता है।

काम काज में अधि‍क पारदर्शि‍ता की जरूरत

एक दम कि‍सी बडे बदलाव की उम्‍मीद तो कि‍सी भी व्‍यवस्‍था में नहीं की जा सकती कि‍न्‍तु काम काज नि‍स्‍तारण के तरीकों में चल रही परदेदारी की स्‍थि‍ति  को जरूर समाप्‍त कि‍या जा सकता है। इसकी शुरूआत ताज ट्रि‍पेजि‍यम जान की मीटि‍ग के एजैंडे के डि‍स्‍क्‍शन सहि‍त पूरी कार्रवाही की वीडि‍या रि‍कार्डिग से शुरू की जा कती है। आगरा के कई सरकारी भवनों के मीटि‍ग कक्षों में इस प्रकार की वीडि‍यो और सी सी टीवी  रि‍कार्डि‍ग की सुवि‍धा संभव है। हो सकता है कि‍ आगरा में इस प्रकार की मांग उठाया जाना अटपटा लगे कि‍न्‍तु पूर्व पर्यावरण मंत्री श्री जायराम रमेश ने इसे मंत्रालय स्‍तर की मीटि‍गो के लि‍ये संभव कि‍या। प्रोजैक्‍टों के एवयरमैंट  क्‍लीयरैस संबधी मीटि‍गों के लि‍ये तो आडि‍यों -वीडि‍यों रि‍कार्डि‍ग अनि‍वार्य ही कर दी। इसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि‍ ताज ट्रि‍पेजि‍यम जोन का प्रोजेक्‍ट तमाम गैर जरूरी जगह जहां अटकता रहा वही मौसम परि‍वर्तन एवं पर्यावरण की एन्‍वायरमैंट इम्‍पैक्‍ट मीटि‍ग में बि‍ना कि‍सी मुश्‍कि‍ल के क्‍लीयर हो गया। अगर आगरा में भी टी टी जैड ऐ की मीटि‍गों की पारदर्शि‍ता के लि‍ये आडि‍यों वीजि‍उल रि‍कार्डि‍ग की व्‍यवस्‍था संभव हो सकी तो यही स्‍थि‍ति ताज रि‍पेजि‍यम जोन अथार्टी की मीटि‍ग में भी एजैंडे के प्रस्‍तावों की क्‍लीयरैस मि‍लने को लेकर होने लगेगी।

 पोर्टल अधि‍क सार्थक बनाये जाने की जरूरत

ताज ट्रि‍पेजि‍यम जोन अथार्टी का काम काज की जानकारी आम नागरि‍कों की पहुंच से एक दम बाहर तो नहीं कही जा सकती कि‍न्‍तु एक दमसमझ में न आसकने वाली स्‍थि‍ति‍ में जरूर है। अथार्टी का पोर्टल केवल इंग्‍लि‍श भाषा में है, जबकि‍ टी टी जैड क्षेत्र के तहत आने वाले शहर और देहाती क्षेत्र हि‍न्‍दी भाषा भाष्‍ी नागरि‍कों की बहुलता वाले ही है। यदि‍ यह पोर्टल सरकार के वि‍भागों की तरह हि‍न्‍दी में भी यानि‍ बाई लि‍ग्‍वल हो जाये तो इसकी सार्थकता अधि‍क हो सकती है।