12 नवंबर 2018

शहरों के नाम परिवर्तन पार्लियामेंट या जनमत संग्रह के जरिये ही होने चाहिए

आगरा के भाजपा  विधायक  द्वारा आगरा का नाम अग्रवाल या अग्रवान  करने की मांग के बाद आगरा  के सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ जारी हैं। उधर अलीगढ़ , आजमगढ़, फ़िरोज़ाबाद आदि अन्य  शहरों के  नाम भी बदलने के लिए  स्थानीय  भाजपा  नेता  मांग कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री द्वारा फैज़ाबाद का नाम अयोध्या करने के बाद प्रदेश में शहरों के ऐतिहासिक नामों को बदलने के मांगों का सिलसिला जारी है। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों का मानना है कि  हर नाम के पीछे एक इतिहास है। नामों को छेड़ने से शायद ही देश में कुछ बदले, सिर्फ समुदायों में द्वेष भावनाएं बढ़ेंगी और कुछ नहीं। फेसबुक पर  आगरा के  अनुराग रावत ने कहा कि शहरों के नाम परिवर्तन   पार्लियामेंट या जनमत संग्रह के जरिये ही होने चाहिए। फेस बुक पर एक और  सदस्य ने चुटकी लेते  हुए यहाँ तक लिख दिया कि  आगरा का नाम बदलकर स्विट्जरलैंड कर दिया जाये...
जिससे कम से कम मेरा स्विट्जरलैंड में रहने का सपना तो पूरा हो जायेगा। आगरा में फेसबुक पर यह भी   सवाल रहा कि यदि सपा , बसपा , कांग्रेस या गठबंधन  की सरकारें सत्ता में आती हैं तो वे  बदले नामों को फिर बदलें तो क्या होगा।  आगरा के एक अन्य युवा  अरविन्द प्रताप सिंह  ने भी चुटकी लेते हुए कहा  लगे हाथ नेताओ को अपना और परिवार के लोगो का नाम भी बदल कर अनुभव करना चाहिए कि कैसी कैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है | एक अन्य फेसबुकिये राजकुमार ने लिखा कि यदि  बदलना ही है तो भ्रष्ट नेताओं के दिलों को बदलो, जिन्होंने लोगों में नफ़रत बो दी। देश भाईचारा खत्म करा दिया है। इनको बदलो तो हो सकता है देश ही बदल जाये।