20 सितंबर 2018

शिक्षाविद् डा के एस राणा भाजपा में शामिल

-- पार्टी ने किसान मोर्चा  के पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास समित क दायि त्‍व सौपा 
डा के एस रणा 
आगरा: प्रख्‍यात शिक्षाविद् डा के एस राणा को भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी के किसान मोर्चा (भाजपा किसान मोर्चा) की  पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास समिति  का राष्‍ट्रीय सह संयोजक नियुक्‍त किया  है। सांसद वीरेन्‍द्र सिंह मस्‍त समिति के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष हैं। किसान मोर्चा के राष्‍ट्रीय महामंत्री सुग्राकर राव ने उनकी नियुक्‍ति की आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा है कि डा राणा का किसानों की समस्‍याओं को लेकर काफी अनुभव रहा है जिसका संगठन को लाभ मिलेगा।
अंत्‍योदय दर्शन का प्रवल समर्थन
 डा राना छात्र एवं युवा राजनीति से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहे हैं । वह समाज में व्‍याप्‍त विसंगतियों को तेजी के साथ दूर करने के लिये स्‍व पं दीन दयाल उपाध्‍याय के अंत्‍येदय दर्शन को सामायिक जरूरत मानते हैं ।डा राणा आगरा कॉलेज के
ज्‍योलाजी डिपार्टमेंट के अध्‍यक्ष रहे हैं, लॉ मे उन्‍होंने डाक्‍टरेट की हुई है। वह भारत सरकार की पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के तहत गठित प्रोजेक्‍ट एप्रेजल कमेटी के उपाध्‍यक्ष भी रहे हैं।तीन महीने पूर्व उन्‍हे बिहार सरकार ने मगध विश्‍विद्यालय कुलपति नियुक्‍त कर दिया था किन्‍तु व्‍यस्‍तताओं के चलते उन्‍होंने यह पद विनम्रता पूर्वक अगह करके ग्रहण नहीं किया।
चौ चरण के आर्थिक दर्शन पर लिखा है, शोध परक ग्रंथ
डा राणा पर्यावरण और प्राणीशात्र की पपनी एकेडैमिक उपलब्‍धियों के लिये शिक्षा जगत में खास पहचान रखते हैं किन्‍तु उनकी व्‍यक्‍तिगत यचि ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को लेकर रही है , जिसका उन्‍हों  गहन अध्‍यन है, पूर्व प्रधान मंत्री स्‍व चौधरी चरण सिंह पर उन्‍होंने अपनी पहली शोध परक किताब लिखी है। स्‍व चरण सिंह ने जब स्‍वयं इस किताब को देखा तो उनकी पीठ ठोंके बिना नहीं रह सके थे।ख्‍याइश की थी कि हो सके तो इसे हिन्‍दी मे भी छपवाना जिससे कि इसे वे लाग भी पढ सकें जिन्‍हे लक्ष्‍य कर इसे लिखा गया है। पता नहीं 'इकनामिक पॉलिसी आफ चौधरी चरण सिंह ' का हिन्‍दी संस्‍करण आ सका या नहीं किन्‍तु ग्रामीण अर्थव्‍यस्‍थ और चौधर चरण सिंह को लेकर हुए शोधा प्रबंधों में संदर्भ पुस्‍तक के रूप में अवश्‍य उपयोग की जाती रही है।
बैहतर करवाना उनका लक्ष्‍य 
एक जानकारी में डा राणा ने बताया कि यह संगठन और ग्रामीण क्षेत्र के कल्‍याण को समर्पित जिम्‍मेदारी है, अपने अनुभवों का जितना संभव होगा योगदान देंगे । उन्‍होंने बताया कि हालाते से हताशा होकर  बैठजाना मेरी आदत कभी नहीं रही, जो कुछ हो चुका है उसे और बैहतर करवाने को प्रयासरत रहना उनका लक्ष्‍य रहता है।