12 जून 2018

टाइल्‍स ठुके फुटपाथ से एम जी रोड का रिचार्ज सिस्‍टम लगभग समाप्‍त

-- हरविजय सिंह वाहिया के करवाये प्‍लांटेशन भारी क्षति ,पेड पनपना होगा मुश्‍किल 
हरविजय सिंह वाहिया:'  एम जी रोड की फुलवारी को उजडने की
 कसक,फिलहाल नाला मंटोला के  किनारे महकने से थोडी राहत'
आगरा: ताज ट्रिपेजियम जोन के सबसे चर्चित ' नाला मंटोला ' केे अंदरूनी हालात भले ही नहीं बदलेे जा सकेे हो किन्‍तु स्‍वत: के संसाधनों और प्रशासन की औपचारिक सहमति मात्र से इस नाले को बडा आकार प्रदान करने वाले नाला कंस खार, नाला चून पचान, नाला नगला पोहपा, ईदगाह पुलिस लाइन नालों में से,  पुलिस लाइंस से कलैक्‍ट्रेट के पीछे से होकर जाने वाले नाले के अलावा जी आई सी फील्‍ड अशोक नगर से ढाकरान की पुलिया तक के नाले के किनारे अब पहले जैसे बदबूदार नहीं रहे। इनमें
कई जगह फूलदार पेडों के झुरमुठ और झाड भी हैं जिनको देखकर बरबस ही लगने लगता है कि गंदगी को अपने अंदाज में निपटने की क्षमता रखने वाले भी यमुना तटीय शहर में अब भी हैं ।
एम जी रोड को किया था हराभरा
इन्‍हीं चन्‍द चुनींदाओं में श्री हरविजय सिंह वाहिये भी हैं। पेशे से शू मैन्‍यू फैक्‍चरर और एक्‍सपोर्टर श्री वाहिये का मुख्‍य शौक तो कार ड्राइविंग ही है किन्‍तु महानगर को हराभरा रखने में भी उनकी लगातार दिलचस्‍पी रहती है। जिस एम जी रोड को हराभरा करने के लिये बडे बडे बजट खर्च कर सरकारी विभाग भी कामयाब नहीं हो सके उसे श्री वाहिये ने न केवल हराभरा किया अपितु आर्नामेंटल प्‍लांटों से पाट दिया। पेड पनप सके और सुरक्षित भी रहे इस लिये सुरक्षा के लिये ट्रीगार्ड और  आर्नामेंटल पेडों के लिये ग्रीन कवर तक लगवाये। 
टाइलों के लिये उजाड दी हरियाली
जानवरों और उत्‍पातियों से तो पेड बच गये तथा पनपे भी किन्‍तु जब सरकारी तंत्र ही अपनी सी पर आ जाये तो हरियाली क्‍या कंक्रीट के जंगल तक नहीं बचते। न जाने किस आला योजना कार ने एम जी रोड पर सडक से एक फुट तक ऊंचे टाइल जडे फुटपाथ को बनाये जाने की योजना बना डाली। दिव्‍यांगों (शारीरिक रूप से विकलांगों ) के अनुपयुक्‍त इस फुटपाथ के बनाना शुरू होने के साथ ही श्री वाहिये की लगायी रोड साइड फुलवारी का उजाडा जाना शुरू हो गया । मीडिया के एक सैक्‍शन ने इसे संज्ञान मे भी लिया किन्‍तु बाद में  खुद ही किनारा भी कर लिया। 
अब शायद आगरा कॉलेज के प्राचार्य की कोठी के गेट के दाहिनी ओर पेडों की वाटिका ही बची रह गयी है अन्‍यथा श्री वाहिया जी को एम जी रोड पर फिर से ही प्‍लांटेशन करवाना पडेगा बशर्त अब भी उनमें जज्‍बा बचा हो। श्री वाहिया को मैं ही नहीं मेरे जैसे काफी शहरवासी जानते हैं और जो जानते हैं वे उनके उस जज्‍बे की बेहद कद्र करते हैं जो कि वह  शहर की बैहतरी के लिये रखते हैं।
सीपेज सिस्‍टम को पहुंची है बेहद क्षति
 डा के एस राणा
पर्यावरण विद्
जो भी हो फिलहाल एम जी रोड जो कि कभी ठंडी सडक के नाम से जानी जाती थी बाद में अंग्रेज कलैक्‍टर के नाम पर 'ड्रैमंड रोड' के नाम से पहचानी गयी। अब टाइल ठुके फुटपाथ वाली 'एम जी रोड-1' है। टाइल ठुकने के कारनामें से हरियाली तो उजडी ही , भूमिगत जल का नेचुरल ' सीपेज और रिचार्ज सिस्‍टम' सिस्‍टम भी बेअसर हो गया है। मिनिस्‍ट्री आफ एनवायरमैंट ,फारैस्‍ट ऐंड क्‍लाईमेट चेंज की एक शीर्ष कमेटी के चैयरमैन डा के एस राणा ने कहा है कि सरकारी पद कमेटियां अपनी जगह है किन्‍तु पर्यावरण का जानकार होने के नाते में इतना जरूर मानता हूं कि एम जी रोड के फुटपाथ के नये डिजायन से सीपेज सिस्‍टम को भारी क्षति पहुंची है । जो पेड -पौधे उजाडे जा चुके हैं उनसे तो हिरयाली में कमी आयी ही है किन्‍तु जो अब भी खेड बचे रह गये हैं वे भी बहुत सुरक्षित नहीं हैं। जमीनी पानी जडो  को न मिलने से पनपना बन्‍द हो जायेंगे। डा राणा ने कहा कि उन्‍हे यह जानकर और भी कष्‍ट हुआ कि उजाडी गयी हरियाली श्री हरविजय सिंह वाहिया के द्वारा वाकायदा सरकारी अमले के संज्ञान में लाकर अपने संसाधनों से विकसित की गयी थी।