25 सितंबर 2017

मुसीबत में फंसे बच्‍चों की सहायता करेगा रेलवे सुरक्षा बल

रेलवे सुरक्षा बल द्वारा मुसीबत में फंसे बच्‍चों की सहायता के लिए चलाए जा रहे अभियान की सफलता को देखते हुए रेल मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि वह इस अभियान को मौजूदा 35 स्‍टेशनों के साथ 47 अतिरिक्‍त रेलवे स्‍टेशनों पर भी चलाएगी। इन अतिरिक्‍त रेलवे स्‍टेशनों पर बाल सुरक्षा अभियान चलाने से अब यह अभियान कुल 82 रेलवे स्‍टेशनों पर चलाया जाएगा। ए1 श्रेणी के 75 स्‍टेशनों को इस अभियान के तहत शामिल किया जाएगा।
‘ऑपरेशन मुस्‍कान’ लापता बच्‍चों के बचाव और पुनर्वास के लिए गृह मंत्रालय द्वारा चलाई गई  एक प्रमुख पहल है। यह एक समर्पित अभियान है जहां पुलिस संगठन गुमशुदा बच्‍चों की खोज और बचाव के लिए विभिन्‍न कार्य योजनाएं चलाते हैं और ऐसे बच्‍चों को
उनके परिवार से मिलाते हैं। रेलवे पुलिस और रेलवे रक्षा बल बचाव उपाय करती है और रेल गाडि़यों और रेलवे परिसरों में ऐसे गुमशुदा बच्‍चों की सहायता करती है जिन्‍हें संरक्षा और सहायता की जरूरत होती है।
वर्ष 2014, 2015 व 2016 के दौरान रेलवे रक्षा बल के कार्मिकों ने 20,931 बच्‍चों का बचाव किया इनमें 1,317 ऐसे बच्‍चे थे जो मानव तस्‍करी में फंसे थे। इनमें 944 लड़के और 373 लड़कियां शामिल थीं। वर्तमान वर्ष 2017 में अगस्‍त तक 7,126 बच्‍चों को रेलवे सुरक्षा बल ने मुक्‍त कराया है इनमें 185 ऐसे बच्‍चे थे जो मानव तस्‍करी के जाल में फंसे थे, इनमें 124 लड़के और 61 लड़किया शामिल हैं।

रेलवे सुरक्षा बल प्रतिदिन रेलों और रेल परिसरों से 20-25 ऐसे बच्‍चों को उनके माता-पिता, रिश्‍तेदारों अथवा स्‍वयंसेवी संगठनों के सुरक्षित हाथों में सौंप रही है। ये बच्‍चे कानून द्वारा स्‍थापित बाल कल्‍याण समितियों और कानूनी पुनर्वास संस्‍थानों को भी सौंपे जाते हैं। यह कल्‍याणकारी कार्य करके प्रति वर्ष रेलवे सुरक्षा बल के कर्मियों ने हजारों दुखी और हताश माता-पिता और रिश्‍तेदारों के चेहरे पर मुस्‍कान वापस दी है।

परिणामस्‍वरूप ‘मुस्‍कान अभियान’ के तहत लापता बच्‍चों के बचाव के लिए चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत रेलवे सुरक्षा बल द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों और त्‍वरित मानवीय कदमों को देखते हुए गृह मंत्रालय ने  रेल सुरक्षा बल को उल्‍लेखनीय सेवा के लिए पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया है।

चिन्हित रेलवे स्‍टेशनों पर विशेष बूथ और बाल सहायता स्‍थल बनाए हैं। यहां पर रेलवे सुरक्षा बल के कर्मचारी 24 घंटे तैनात रहते हैं। इनके अलावा महिला व बाल विकास मंत्रालय द्वारा नामांकित स्‍वयंसेवी संग्‍ठन और बाल सहायता से संबद्ध कर्मचारी भी तैनात रहते हैं। यह सेवा रेलवे के लिए मानदंड संचालन प्रक्रिया के तहत चलाई जाती है ताकि रेलवे परिसरों और गाडि़यों में इस प्रकार के जरूरतमंद बच्‍चों को सहायता और संरक्षण प्राप्‍त हो सके।  यह सेवा रेल मंत्रालय राष्‍ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा कमिशन (एनसीपीसीआर) व महिला व बाल विकास मंत्रालय संयुक्‍त रूप से चला रहा है।