10 अगस्त 2017

आगरा सिविल एन्क्लेव की जमीन का मार्ग प्रशस्त

अब ‘ए ए आई’  पर  एम ओ यू के क्रि‍यान्वयन को रखी जायेगी नि‍गरानी
अब एक बार सि‍वि‍ल एन्‍कलेव  प्रोजैक्‍ट  फि‍र पटरी पर
आगरा:सि‍वल एन्कलेव आगरा के लि‍ये जमीन खरीदने को शासन ने धन अवमुक्त कर आगरा के नागरि‍कों और टूरि‍ज्म ट्रेड से बनचली टकराव की स्थिति‍ को टाल दि‍या है। सबसे बडी बात है कि‍ आगरा के साथ ही उन कई हवाई अड्डों और पट्टि‍यों के लि‍ये भी धन मि‍ला है जि‍नके लि‍ये मांग करने वाले भी अब सक्रि‍य नहीं  रह गये थे।संभवत: इलाहाबाद हाईकोर्ट में 17अगस्त को सि‍वि‍ल सोसायटी की दाखि‍ल याचि‍का में जबावदेही के परि‍प्रेक्ष्य में सरकार को यह घोषणा करनी पडी है। चूकि‍ केवल आगरा के लि‍ये धन अवमुक्त  करके याचि‍का की याची सि‍वि‍ल सोसायटी आगरा को इसका श्रेय न मि‍ले इस लि‍ये प्रदेश के अन्य एयरफील्ड प्रोजेक्टों के प्रति‍ भी शासन को उदारता दर्शानी पडी। सि‍वि‍ल सोसायटी आगरा के जनरल सैकैट्री अनि‍ल शर्मा ने कहा कि‍ सि‍वि‍ल एन्कलेव के बारे में प्राप्त  जानकारी राहत कारी है,  किन्तु वस्तुस्थिति‍ कोर्ट में सरकार के वकील के द्वारा दाखि‍ल जबाव के बाद ही स्पष्ट

हो सकेगी।
अकलंक कुमार जैन एडवोकेट
 सि‍वि‍ल सोसायटी के एडवोकेट अलंक  कुमार जैन ने कहा उम्मीद है कि‍ सरकार के द्वारा आगरा के नागरि‍कों की अवस्था्पना सुवि‍धा की जरूरत का आंकलन सही प्रकार से कर शासन स्तर से ही समुचि‍त कार्रवाही कर दी जायेगी। फि‍लहाल न्याायालय में एयरपोर्ट अथार्टी के एफीडेवि‍ट का इतजार रहेगा क्योकि‍ जमीन अधि‍ग्रहण करने के बाद उसे ही सि‍वि‍ल एन्क्लेव योजना का क्रि‍यान्वयन करवाना है।
 सि‍वि‍ल सोसायटी के अध्य्क्ष नि‍वार्तमान नगर नि‍गम पार्षद डा शि‍रोमणी सिंह का कहना है कि‍ एवीयेशन इंफ्रास्ट्रक्चर  के लि‍ये दि‍खाई गयी यह उदारता अपने आप में आश्च‍र्यजनक है, क्यो‍कि‍ प्रदेश का बजट जारी हो चुका है। उन्होंने कहा कि‍ धन रि‍लीज हो जाने के बावजूद आगे का काम तभी तेजी के साथ बढ सकेगा जबकि‍ भूअर्जन तेजी के साथ हो। प्रमुख व्यावसायी एवं नेशनल चैंम्बर आफ इंडस्ट्रीिज के पूर्व अध्य्क्ष राजीव गुप्ता ने कहा है कि‍ आगरा मे नये सि‍वि‍ल एन्कलेव की मांग लम्बे् समय से की जा रही थी,जो अब मि‍लने का मार्ग प्रशस्त हो सका है।आगे उन्होंने कहा कि‍ यह तो नहीं मालूम कि‍ टूरि‍जम उद्योग की अहम जरूरत का यह फैसला सरकार में बैठे समझदार नेताओं और अधि‍कारि‍यों की समझ का नतीजा है या फि‍र इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा जवाबदेही तय करने का।कि‍न्तु यह जरूर एक साक्ष्य पूर्ण तथ्य है कि‍ सि‍वि‍ल सोसायटी आगरा ने सि‍वि‍ल टर्मि‍नल के मुद्दे को लेकर जनहि‍त याचि‍का की याची है और कोर्ट उस पर जबाव देही के लि‍ये 17 अगस्त की तारीख तय कर चुका है।