26 अप्रैल 2017

भाईचारा, तहजीब की मिसाल थे ‘मैकश अकबराबादी’

--सैय्यद इख्तिजयार जाफरी किये गये सम्मानित 

मैकश अकबरा बादी का मनाया गया 25वां स्‍मृति समारोह
                         फोटो:असलम सलीमी
आगरा:प्रख्याहत सूफी शायर मैकश अकबराबादी का साहित्य  आमलोगों की सहज पहुंच के लायक बनाया जाये और इसका अनवरत प्रकाशन हो, यह कहना है डा जहांगीर खान अलवी का जो कि  की पच्चीासवीं पुण्यम तिथि पर संजय प्लेकस स्थिात यूथ हॉस्टि ल में जनकला मंच के तत्वावधान में


आयोजित ‘हजरते मैकश और तसव्वुाफ’ विषयक सैमीनार की अध्य्क्षता कर रहे थे। उन्होंकने कहा कि भाईचारा और तहजीब को आगरा के कल्‍चर में शुमार रखना आज की सबसे बडी जरूरत है । जो कि मैकश साहब के लिट्रेचर से आम जनता सबसे ज्या दा आसानीसे समझ सकती है।
मंच के संरक्षक अजमल अली शाह ने कहा कि तसव्वुतफ ही वह जमीन है जहां कि इंसानियत का अंकुर फूटता है और पेड के रूप में फलता-बढता है।कार्यक्रम के मुख्यासतिथि के सी श्रीवास्तेव ने कहा कि वह उन खुशकिस्तों  में शामिल है जिन्होंरने मैकश साहब को देखा और सुना है। सैय्यद इख्तितयार जाफरी ने अपना विषय पत्र पेश कर उन्हेंख उर्दू अदब की आला शख्सिेयत बताते हुए उनके लिट्रेचार पर विस्ताशर से प्रकाश डाला।
प्रख्यारत वाल चिकित्स्क डा जे एन टंडन ने श्री सैय्यद इख्ति यार जाफरी को स्मृयति चिन्ह् प्रदान किया, जबकि डा ज्योतत्सकना रघुवंशी ने उन्हेंर शाल उढाकर उनके सामाजिक गतविधियों में योगदान के लिये सम्मा्नित किया।
इस असर पर अन्यज विचार करने वालों में डा मुहम्मरद अरशद, श्रीमती भावना जितेन्द्रृ रघुवंशी, मुहम्मगद असलम, मानस रघुवंशी, नीतू दीक्षित, सनी, भाईया जाहिद हुसैन, फैज अली शाह, स्वीरटी अग्निरहोत्री, हुमा अरशद, दिलीप रघुवंशी, विशाल झा, ज्यो,ति खंडलेवाल, नरेश पारस, मुबीन अल्वीश, अनिल जैन,महताब खान, महमूद उज्ज मा, के.नन्दा्,प्रमोद सरास्वदत, श्री भगवान शर्मा, फैसल उस्माून, कलाम अहमद आदि कार्यक्रम में शिरकत करनेवालों में शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन विशाल रियाजने किया जबकि धन्य वाद अर्चना सारास्वलत के द्वारा दिया गया।

आगरा:प्रख्याहत सूफी शायर मैकश अकबराबादी का साहित्यब आमलोगों की सहज पहुंच के लायक बनाया जाये और इसका अनवरत प्रकाशन हो, यह कहना है डा जहांगीर खान अलवी का जो कि  की पच्चीासवीं पुण्यम तिथि पर संजय प्लेकस स्थिात यूथ हॉस्टि ल में जनकला मंच के तत्वाीवधान में  आयोजित ‘हजरते मैकश और तसव्वुाफ’ विषयक सैमीनार की अध्य्क्षता कर रहे थे। उन्होंकने कहा कि भाईचारा और तहजीब को आगरा के कल्‍चर में शुमार रखना आज की सबसे बडी जरूरत है । जो कि मैकश साहब के लिट्रेचर से आम जनता सबसे ज्या दा आसानीसे समझ सकती है।
मंच के संरक्षक अजमल अली शाह ने कहा कि तसव्वुतफ ही वह जमीन है जहां कि इंसानियत का अंकुर फूटता है और पेड के रूप में फलता-बढता है।कार्यक्रम के मुख्यासतिथि के सी श्रीवास्तेव ने कहा कि वह उन खुशकिस्तों  में शामिल है जिन्होंरने मैकश साहब को देखा और सुना है। सैय्यद इख्तितयार जाफरी ने अपना विषय पत्र पेश कर उन्हेंख उर्दू अदब की आला शख्सिेयत बताते हुए उनके लिट्रेचार पर विस्ताशर से प्रकाश डाला।
प्रख्यारत वाल चिकित्स्क डा जे एन टंडन ने श्री सैय्यद इख्ति यार जाफरी को स्मृयति चिन्ह् प्रदान किया, जबकि डा ज्योतत्सकना रघुवंशी ने उन्हेंर शाल उढाकर उनके सामाजिक गतविधियों में योगदान के लिये सम्मा्नित किया।
इस असर पर अन्यज विचार करने वालों में डा मुहम्मरद अरशद, श्रीमती भावना जितेन्द्रृ रघुवंशी, मुहम्मगद असलम, मानस रघुवंशी, नीतू दीक्षित, सनी, भाईया जाहिद हुसैन, फैज अली शाह, स्वीरटी अग्निरहोत्री, हुमा अरशद, दिलीप रघुवंशी, विशाल झा, ज्यो,ति खंडलेवाल, नरेश पारस, मुबीन अल्वीश, अनिल जैन,महताब खान, महमूद उज्ज मा, के.नन्दा्,प्रमोद सरास्वदत, श्री भगवान शर्मा, फैसल उस्माून, कलाम अहमद आदि कार्यक्रम में शिरकत करनेवालों में शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन विशाल रियाजने किया जबकि धन्य वाद अर्चना सारास्वलत के द्वारा दिया गया।