23 सितंबर 2016

घर में शौचालय बनने से बदल गई जिंदगी अमीना की, सुरक्षित महसूस करती हैं अब वह

( सरिता बरारा द्वारा)
हरियाणा के मेवात जिले के कोराली गांव की अमीना के छोटे से घर में तीन चार महीने पहले ही शौचालय बना है। उनका कहना है कि शौचालय बन जाने से वे अपने आपको जहां सुरक्षित महसूस करते हैं, वहीं पर उन्‍हें हर दिन अपने स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर जोखिम नहीं उठाना पड़ता।
अमीना बताती है कि खेतों में कीडे मकोडें और सांपों का ही डर नहीं रहता बल्कि कौन आपको देख रहा है। ये पीड़ा भी कचोटती रही है, खतरा हर समय बना रहता है। इतना ही नहीं कई बार तो शौच करते-करते बीच में उठ जाना पड़ जाता था। पर अब सब ये बीते समय की बात है। आज मैं अपने घर के अंदर ही शौच
जा सकती हूं और मुझे किसी प्रकार का कोई डर नहीं।उनके पति इरफान का कहना है कि मुख्‍य सड़क के किनारे अक्‍सर लोग शाम के समय शराब पीएं रहते है और ऐसे में किसी महिला का बाहर शौच के लिए जाना मुनासिब नहीं है और कुछ महीने पहले तक महिलाएं घर के मर्द को साथ लेकर ही शौच के लिए जा सकती थी। इस गांव में लगभग हर घर में शौचालय बना दिया गया है। कुल मिलाकर 150 शौचालय बनाए गए है। कोराली गांव के उमर मोहम्‍मद का कहना है कि पहले इस गांव में सड़क हो या खेत चलना मुश्किल होता था, क्‍योंकि हर जगह लोग शौच करने बैठ जाते थे और जगह जगह गंदगी फैल जाती थी, खासकर बरसात के मौसम में पांव रखने की जगह नहीं होती थी। पर अब स्थिति खुशग्‍वार हो गई है।  
इसके साथ ही इस ग्राम पंचायत के अधीन छापरा गांव में भी 60 शौचालय अब तक बन चुके है और खुशी की बात यह है कि जिनके घरों में शौचालय नहीं बने है वे शौचालय बनाने की मांग करने लगे है ऐसा पहले नहीं था। शौचालय बनाने के लिए लोगों को राजी करना पड़ता था तथा उन्‍हें खुले में शौच करने से होने वाली बीमारियों की जानकारी देनी पड़ती थी। इसी गांव की हफीजन के 8 बच्‍चे हैं और वे चाहते हैं कि उनके घर में भी जल्‍द से जल्‍द शौचालय बना दिया जाए।
 इस मेवात में ही हीरमिथला गांव में आज हर घर में शौचालय है। किसी किसी के घर में तो दो से ज्‍यादा शौचालय है क्‍योंकि बेटों की शादी होने से परिवार बढ़ जाने पर वे अब ज्‍यादा शौचालय की मांग करने लगे है। हालांकि मेवात में ही पानी की सुविधा उपलब्‍ध न होने की वजह से शौचालय बन जाने पर भी उनका इस्‍तेमाल नहीं हो पा रहा।