15 दिसंबर 2015

भारत के लोग अंग्रेजी में ही बात करने में रूचि लेते है - जियांग

संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी में भाषण देने वाले पहले विदेशी व चायना एसोसिएशन ऑफ फॉरेन लैंग्वेजेज के उपाध्यक्ष जियांग केंद्रीय हिन्दी संस्थान के सूचना एवं भाषा प्रौद्यौगिकी विभाग में हिन्दी सीखने आए विदेशी छात्रों से रुबरु हुए। उन्होंने कहा कि 27 साल पहले उन्होंने केंहिस में हिन्दी सीखी और उसके बाद जीवन में चायना व हिन्दी को समान रुप से बतौर मातृभाषा आत्मसात किया।  जियांग ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि भारत के लोग अंग्रेजी में ही बात करने में रूचि लेते है, ऐसे में हिन्दी कैसे विश्व पटल पर स्थापित हो सकती है। उन्होंने यहां तक कहा कि जो हिन्दी से प्रेम नहीं करते वह भारत से कैसे प्रेम कर सकते है।