--अगले हफ्ते से ऊफनना शुरू होंगे नदियों नालों के परंपरागत ऊफान
आगरा: मानसून के खंडित और
कम होने की संभावना इस बार काफी
(खेतों में हरियाली किन्तु पोखर तालाबों के ऊनने का बना हुआ है इतजार) |
जानकारों क अनुसार उत्तर प्रदेश में भी भरपूर वर्षा होगी किन्तु
सितम्बर के दूसरे सप्ताह तक की औसत सामान्य तक पहुंच सकेगा। खरीफ की पिछैती
की बुवाई करने वालों के लिये अभी सामान्य स्थिति ही मानी जा रही है।
देश के अन्य भागों से
भरपूर पानी पडने
की खबरो से किसान बेचैन हैं। किन्तु यह स्थिति नयी नही है।पश्चिमी यू पी के जनपदों में खरीफ की बुवाई को लेकर हमेशा अनिश्चित्ता रही है। मौसम विभाग का कहना है कि अब उत्तर पश्चिमी भारत में मानसून की बारिश का दूसरा दौर अगले महीने तीन जुलाई के बाद ही शुरू हो सकता है। तापमान में बढ़ोत्तरी का अनुमान भी जताया गया है।
की खबरो से किसान बेचैन हैं। किन्तु यह स्थिति नयी नही है।पश्चिमी यू पी के जनपदों में खरीफ की बुवाई को लेकर हमेशा अनिश्चित्ता रही है। मौसम विभाग का कहना है कि अब उत्तर पश्चिमी भारत में मानसून की बारिश का दूसरा दौर अगले महीने तीन जुलाई के बाद ही शुरू हो सकता है। तापमान में बढ़ोत्तरी का अनुमान भी जताया गया है।
मौसम
विभाग के अनुसार अरब सागर से गुजरात के ऊपर होते हुए एक निम्न दबाव का क्षेत्र
बिहार एवं झारखंड की तरफ बढ़ा है। जिसके चलते पिछले दो-तीन दिनों से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ
हिस्सों में ठीक ठाक बारिश दर्ज की गई है। हालांकि अगले 24 घंटों में अब इसका प्रभाव कम हो
जाएगा। लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के इलाकों में इस
दबाव का असर नहीं होगा।
मौसम
विभाग के अनुसार 3 जुलाई के
बाद मानसून सक्रिता बढ जायेगी । दी गयी एक अन्य जानकारी के अनुसार 30
जून तक देश में सामान्य से 19 फीसदी ज्यादा बारिश हुई।