21 मई 2015

लि‍टि‍ल इप्टा शि‍वि‍र:बच्चों को कला से जुडने का एक परंपरागत मौका

(ज्‍योत्‍सना रघुवंशी
और नन्‍हीं प्रशि‍क्षणार्थी)
आगरा:इप्‍टा का आगरा:ग्रीष्‍म अवकाश शुरू होते ही बच्‍चों को ही नहीं उनके ‘मम्‍मी  ,पापाओं’ को भी बेसब्री से इतजार रहता है लि‍टि‍ल पप्‍टा के ग्रीष्‍म कालीन शि‍वि‍र के शुरू होने का ।चालीस साल से यह परंपरा जारी है,हरबार कुछ न कुछ नया जुडता रहा है1इस बार बच्‍चों ने चित्रकारी तो सीखी ही साथ ही  अलग-अलग शेप के चेहरे और उनके भाव,फिर वैसे ही अपने चेहरे पर भाव लाना आदि‍ मंचीय प्रस्‍तुति‍यों के लि‍ये उपयोगी
अभि‍व्‍यक्‍ति‍यों की बारीखि‍यों को समझा। सुश्री ज्‍योत्‍सि‍ना रघुवंशी के कॉर्डीनेशन में चल रहे इस शि‍वि‍र में  डा विजय शर्मा जो कि‍ बच्‍चों को सि‍खा रहे हैं कि‍ बच्‍चे अब खुद भी पहले से कही अधि‍क जागरूक होते हैं ।

पूर्व दि‍वस पर शिविर में पहले संगीत की सरगम,कत्थक की तत्कार और मुद्राओं केअभ्यास, नाट्यपाठ आदि‍ हुए और बाद में एक सधी प्रस्तुति 'घर याद आता है मुझे’ पेश की गयी।