20 मई 2015

केजरी की जंग टालने पर मध्यस्थ उदासीन

--गृहमंत्री बनाम राज्‍य सरकार जंग में अब बि‍ना लि‍हाज के सीधे हो रहे हैं प्राहर

नई दिल्ली:  नौकरशाह की नियुक्ति को लेकर लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग के साथ बनी चल रही टकराव की स्‍थि‍ति‍ कोटाले जाने के लि‍ये अबतक न तो कोई कोशि‍श हुई और न हीं होने की संभावना है।भाजपा जहां अबतक प्रोग्‍सी लडाई लडवा रही थी अब खुलकर श्री जंग के पक्ष में है।वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सहि‍त अन्‍य प्रमुखदल भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच खि‍ची तलवरों को अपने लि‍ये फायदे का मानकर चल रहे हैं। समान्‍य तौर पर राष्‍ट्रपति‍ भवन तक मामला पहुंचता ही नहीं और अगर पहुंचता भी है तो वहां से एक नयी सकारात्‍मक शुरू आत करने के इरादे से झगों पर वि‍राम लगता रहा है या सरकारें बर्खास्‍त होती रही हैं।प्राप्‍त जानकारी के अनुसार  भाजपा पर इस समय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को संविधान का पाठ पढ़ाने का इरादा कि‍ये हुए है,वहीं श्री केजरीवाल केन्‍द्र के कि‍सी भी कदम का संवैधानि‍क व्‍यवस्‍था से जुडे मंचों के अलावा सडक पर भी जबाव देने के मूड में हैं।

     सूत्रों के अनुसार संविधान के अनुच्छेद 355 के तहत दिल्ली सरकार को संविधान के प्रावधानों के अनुसार काम करने का निर्देश देने का संदेश देना केंद्र सरकार के सामने उपलब्ध विकल्पों में एक है।अनुच्छेद 355 के तहत केंद्र सरकार राज्य को यह सुनिश्चित करने के लिए कह सकती है कि शासन संविधान के प्रावधानों के अनुसार चलाया जाए.

  केजरीवाल की कड़ी आपत्ति के बाद भी जंग ने शुक्रवार को गैमलिन को :कार्यवाहक मुख्य सचिव के: इस पद पर नियुक्त कर दिया था. शनिवार को मुख्यमंत्री ने उनसे पद नहीं संभालने को कहा था लेकिन उन्होंने उनके निर्देश की उपेक्षा की और उपराज्याल के आदेश का पालन किया.

  जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दोनों ही अलग अलग राष्ट्रपति से मिले थे तथा दोनों ने उनके सामने अपना अपना पक्ष रखा। श्री जंग ने तो राष्ट्रपति से भेंटकरने के बाद गृहमंत्री से भी मुलाकात की थी।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, पत्र में केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर दिल्ली में उनकी आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार उपराज्यपाल नजीब जंग के माध्यम से चलाने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया.

केजरीवाल का यह पत्र दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की राष्ट्रपति प्रणब जुखर्जी से मुलाकात के एक दिन बाद आया है. इस मुलाकात में उन्होंने शिकायत की थी कि उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के कामकाज में दखल दे रहे हैं।

मनीष सिसोदिया ने बुधवार को नौकरशाहों के साथ एक बैठक की और उनसे कहा कि दिल्ली सरकार के आदेशों का पालन होना चाहिए।
हालांक तठस्‍थता अपनी जगह महत्‍वपूर्ण है कि‍न्‍तु प्रमुख दलों में समाजवादी पार्टी,जेडी यू

शि‍वसेना तक खामोश हैं। कांग्रेस झगडे को तो चलने देना चाहती है कि‍न्‍तु खुद कुछ भी कहना ने बच रही है उसकी प्राथमि‍क्‍ता में फि‍लहाल ‘बाड्रा’जमीन घोटाला कांड को गर्मा सकने वालों को खामोश रखना है।