23 मई 2015

आगरा –इटावा हाई वे को नयी कंपनी से करार

--124.52 किमी के इस प्रोजेक्ट पर 2,650 करोड़ रुपये की लागत आयेगी

(पूर्व में अनुबंधि‍त कंपनी रैम्‍के के द्वारा प्रस्‍तावि‍त 
कि‍या गया आगरा इटावा हाई वे प्रोजेक्‍ट, जि‍से अब 
आईआरबीइ डेवलपर्स के द्वारा बनाया जायेगा।)
आगरा: स्‍टेट एक्‍सप्रेस वे अथार्टी के चच्रि‍त लखनऊ आगरा एक्‍सप्रेस वे की बनने जा रही एकाधि‍कारी की आगरा इटावा के बीच स्‍थि‍ति‍ की संभावनाये अब समाप्‍त हो गयी हैं। अब तक यह रैमके कंपनी के पास था जि‍सके द्वारा हाथ खडे कर दि‍ये जाने के बाद अब आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकार (एनएचएआई) से आगरा-इटावा बाईपास परियोजना का ठेका ले लि‍या है,इस प्रोजेक्‍ट पर 2,650 करोड़ रुपये की लागत आनी है। कंपनी को
यह प्रोजेक्‍ट बी ओ टी के तहत मि‍ला है। हकीकत में यह प्रोजेक्‍ट उ प्र सरकार की स्‍टेट हाई वे अथार्टी के तरीकों से गडबडाया । जो इसी की तरह नि‍र्माण,संचालन और अनुरक्षण के आधार पर अपने लखनऊ आगरा प्रोजेक्‍ट के लि‍ये नि‍वेशक नहीं ढूढ सकी फलस्‍वरूप अब उसे राजकोष से ही इस पर धन खर्च करना पड रहा है। 
वैसे राज्‍य सरकार जो भी दावे करे कि‍न्‍तु लखनऊ आगरा एक्‍सप्रेस वे प्रोजेक्‍ट का क्षेत्र के वि‍कास पर आने वाले समय में जो भी असर पडे कि‍न्‍तु एन एच टू के आगरा इटावा सैक्‍शन पर सीधा प्रति‍कूल असर ही अब तक पडा है। इस मार्ग को भी इटावा कानपुर सैक्‍शन के बीच बने मार्ग के साथ हीकाम पूरा होकर शुरू हो जाना था। कि‍न्‍तु राज्‍य सरकार के द्वारा आगरा –लखनऊ एक्‍स्रपेस वे की तुलना में इस प्रोजेक्‍ट को तरजीह नहीं दी। यही नहीं अप्रेल  में मुख्य सचिव आलोक रंजन ने तो यह तक कह डाला कि‍ था कि आगरा-इटावा हाईवे (एनएच-2) निर्माणाधीन आगरा-लखनऊ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के समानांतर है। इसलिए आगरा-इटावा हाईवे के चौड़ीकरण के लिए राज्य सरकार स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट नहीं करेगी।फलस्‍वरूप जि‍स संस्‍था ने इसे बनाने का ठेका लि‍या था वह हाथ खडे कर गयी। एक दम नकारात्‍मक स्‍थि‍ति‍यां बनी रहने के बाद 22 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 124.52 किमी के इस प्रोजेक्ट पर मूल रूप से  178.02 करोड़ रुपये की अनुमानि‍त
लागत से वि‍कसि‍त करना अनुमानि‍त था जो कि‍ समय के साथ बढती ही गयीं।