9 मई 2015

मोदी ने बीमा और पेंशन क्षेत्र में तीन सोशल सिक्योरिटी योजनाओं की शुरूआत की घोषणा की

कलकत्ता।  प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में  कहा कि 80 से 90 प्रतिशत  इस देश के लोग हैं, जिनको कोई  इन्सुरेंस नहीं है, जिनको कोई पेंशन की संभावना नहीं है। सवा सौ करोड़ का देश, 80-90 प्रतिशत जनसंख्या, इन सामान्य आवश्यकताओं की पूर्ति उसके भाग्य में न लिखी हो तो कितनी पीड़ा होती है। और ये सारी योजनाएं आज  जन्म ले रही हैं, वो गरीबों के प्रति हमारे दायित्व में से एक है, गरीबों के प्रति संवेदना में से एक है। और हम विकास कितना ही करें, नई ऊंचाइयों को कितना ही पाएं, प्राप्त करें। लेकिन अगर इसके सुफल गरीबों की झोंपड़ी तक नहीं पहुंचते हैं तो विकास अधूरा है। और इसलिए एक तरफ हम विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए सारी दुनिया को झकझोर रहे हैं, मेक इन इंडिया  के लिए प्रेरित कर रहे हैं तो दूसरी तरफ गरीब से गरीब का बैंक का खाता खुले इसके लिए दिन-रात कोशिश करते हैं। और मुझे खुशी है कि जब प्रधानमंत्री जन-धन योजना हम लेकर के हम आए, 15 अगस्त को मैंने घोषित किया, 26 जनवरी तक पूरा करने की कल्पना
थी, लेकिन देश के बैंकों में काम करने वाले सभी मित्रों ने इतनी मदद की, एक ऐसा जनांदोलन बन गया। 15 करोड़ नए खाते खोल दिए और आज देश में करीब-करीब 95प्रतिशत  से ज्यादा लोग अर्थव्यवस्था की जो मुख्यधारा होती है ,बैंकिंग सेक्टर  उससे जुड़ गए हैं। जो कभी आधे भी नहीं थे।