19 मई 2015

महाराष्ट्र में दि‍ग्गज कांग्रेसि‍यों का सफाया कर रहे हैं नि‍रुपम

--प्रि‍या दत्‍त के बाद कई और का आ सकता है पुन: पनर्गठन में नम्‍बर

'--राज्‍य सभा के माध्‍यम से संसद में घुसने को बेताबों का प्रदेश अध्‍यक्ष पर वरद हस्‍त  
(प्रि‍या दत्‍त और संजय दत्‍त अब खुकर
आमने सामने)

नई दि‍ल्‍ली: केन्‍द्रीय संगठन के कमजोर पडेने के साथ ही कांग्रेस के सूबाई संगठन मजबूत हुए हो या नहीं कि‍न्‍तु सूबेदार जरूर दादागीरी पर उतर आये हैं और गि‍न गि‍न कर अपने वि‍रोधि‍कयों का सफाया कर रहे हैं। महाराष्‍ट्र में अपना व्‍यक्‍ति‍गत असर रखने वाली माने जाने वाली पूर्व सांसद प्रि‍या दत्‍त को पुनर्गठि‍त राज्‍य कांग्रेस की कार्यकारि‍णी में शामि‍ल नहीं होने दि‍या है। संजय नि‍रूपम
मूल रूप से शि‍वसेना से राजनीति‍ मे आये थे,मुम्‍बई की रजनीति‍ में कांग्रेस नेता स्‍व सुनील दत्‍त के वि‍रोधी थे। वैसे सुश्री दत्‍त के अलावा वरि‍ष्‍ठ नेता  कृपाशंकर सिंह , पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड़ जैसे कई अन्‍य  नई कार्यकारिणी से बाहर कर दि‍ये गये हैं।वर्तमान में कांग्रेस शासि‍त राज्‍यों में महाराष्‍ट्र ही उन कुछ राज्‍यों में से एक हैं हां से कि‍ लोक सभा चुनव की राजनीति‍ में परास्‍त दि‍ग्‍गज राज्‍य सभा में पहुंच सकते हैं।इन्‍हीं को दृष्‍टि‍गत श्री नि‍रूपम के माध्‍यम से उन सभी महाराष्‍ट्र के दि‍ग्‍गजों को राज्‍य की राजनीति‍ से साफ करवाने का काम चल रहा है जो कि‍ दि‍ल्‍ली में भी अपना असर रखते हैं।

फि‍लहाल श्री नि‍रुपम को पार्टी के राज्‍य सभा सदस्‍य राजीव शुक्‍ला का भरपूर समर्थन है जो कि‍अपनी राजनैति‍क हैसि‍यत रखने के अलावा राहुल सोनि‍यां कैंप में भीतर तक दखल रखते हैं।वरि‍ष्‍ठों के बरदहस्‍त रहने का ही कमाल है जो कि‍  पिछले लोकसभा चुनाव में संजय निरूपम के सर्वाधिक मतों से हारने के बावजूद दि‍ल्‍ली  ने उन्हें मुंबई कांग्रेस की कमान सौंपी हैं। यह बात अलग है कि‍ 120 सदस्यों की नई कार्यकारिणी घोषित होते ही पार्टी में गुटबाजी तेज हो गई है। कोई अश्‍चर्य नही कि‍ मुम्‍बई तक सीमि‍त रह रही उठाक पटाक दि‍ल्‍ली में दि‍खने लगे।