--स्वावलवंन का पर्याय है गांधी जी का चर्खा
(स्वतंत्रता सेनानी चिम्मन लाल जैन विक्टोरिया की उन प्रतिमओं के साथ,जिनको लेकर साठ साल पूर्व उन्होंने भी किया था आंदोलन) --फोटो:अनिल शर्मा |
आगरा, स्वतंत्रता
सेनानी श्री चिम्मन लाल जैन ने जोन्स लाइब्रेरी स्थित ताज सिटी म्यूनिस्पिल
म्यूजियम में एतिहासिक गांधी चर्खा भेंट करने के बाद परिसर में रखी महारानी
विक्टोरिया की प्रतिमाओं का अवलोकन करने के साथ ही फोटो भी खिचवाये। श्री जैन
ने पुरानीस्मृतियों को याद करते हुए कहा कि साठ साल पहले उनकी उस आंदोलन में
उनकी सक्रिय शिरकत रही थी जिसके...
कारण इन मूर्तियों को मोतीलाल नेहरू पार्क(तब विक्टोरिया गार्डन) से हटाना पडा था।उस समय भी हमारी मांग थी कि अंग्रेजो की मूर्तियों को सार्वजनिक पार्क व चौराहों से हटा कर म्यूजिमों में रखवा दिया जाये साथ ही उनके स्थानपर स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियां लगा दी जाये। आगरा में
विक्टोरिया की मूर्ती हटने के बाद ही स्व मोतीलाल नेहरू की मूर्ति लगी है।किन्तु उस समय आगरा में म्यूजियम नहीं था।उन्हों ने संतोष जताया कि अब नगर पालिका ने म्यूजियम खुलवा दिया है।
कारण इन मूर्तियों को मोतीलाल नेहरू पार्क(तब विक्टोरिया गार्डन) से हटाना पडा था।उस समय भी हमारी मांग थी कि अंग्रेजो की मूर्तियों को सार्वजनिक पार्क व चौराहों से हटा कर म्यूजिमों में रखवा दिया जाये साथ ही उनके स्थानपर स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियां लगा दी जाये। आगरा में
विक्टोरिया की मूर्ती हटने के बाद ही स्व मोतीलाल नेहरू की मूर्ति लगी है।किन्तु उस समय आगरा में म्यूजियम नहीं था।उन्हों ने संतोष जताया कि अब नगर पालिका ने म्यूजियम खुलवा दिया है।
(नगरायुक्त के नाम गांधी चर्खा म्यूजियम के लिये स्वीकार करने को अर्जी लिखते हुए चिम्मनलाल जैन,पूर्व मे चर्खे पर सूत भी काता)--फोटो:अनिल शर्मा |
श्री चिम्मन
लाल जैन ने कहा कि अब जमाना बदल गया है, इंग्लैंड की महारानी जलियांवाला कांड
के लिये माफी मांग चुकी है।महात्मा गांधी के द्वारा उनके विवाह अवसर पर भेंट के
रूप में भिजवायी गयी खादी की शाल उनके मूल्यवान उपहारों में सबसे ऊपर है।इगलैड
में भगत सिह की शाहदत दिवस पर मीटिगें होती हैं।गांधी जी की प्रतिमा विस्टन
चर्चिल की प्रतिमा के बगल में लंदन के ‘र्पार्लियामेंट स्वायर’ स्थापित है
तथा दस हिन्दुस्तानी मूल के लोग इंग्लैंड के हाऊस आफ कामंस को चुनाव जीते कर
पहुंच चुके हैं।
चर्खा सुपुर्द करने से पूर्व की सूत कातीई
श्री जैन नगरायुक्त से मिलने शनिवार को नगर निगम
पहुंचे थे किन्तु अवकाश का दिन होने के कारण सीधे जोन्स लाइब्रेरी पहुच गये।
जहां चर्खे को निगम को सोंपने से पूर्व साथ लायी एक पूरी पूनी(सूतकातने की रुई की
पिडी) को गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष काता तथा नगरायुक्त के नाम चर्खा म्यूजियम
के प्रदर्श के रूप में स्वीकार करने के लिये प्रार्थन पत्र दिया।उनका कहना है
कि चर्खे की अब गुलामी के दौर की हथियार के रूप में प्रासंगिकता तो नहीं तो
नहीं रही किन्तु स्वावलंवन का प्रतीक जरूर है।इस अवसर पर सुप्रीमकोर्ट मानीटरिग
कमेटी के सदस्य रमन,इतिहासविज्ञ राजकिशोर राजे, चैम्बर आफ इंडस्ट्रीज एंड
कामर्स के पूर्व अध्यक्ष राजीव गुप्ता ,अनिल शर्मा तथा सूरस्मारक मंडल के
मंत्री भुवनेश श्रेोत्रिय भी उपस्थित थे।