26 मई 2020

खुशहाली की बहाली की दुआओं के साथ ईद भी मनाई गयी लॉक डाउन' ताज सि‍टी में

-- सेवई,सौहार्द,सोशल डि‍स्‍टैंसि‍ग रही हर गली नुक्‍कड पर 
ईद पर की गयीं भाईचारा,खयाहाली की बहाली की दुआऐं
आगरा: सामन्य रूप से अमन और भाईचारे की दुआ को समर्पित रहता आया हंसी खुशी से भरपूर त्योहार ' ईद उल फितर ' पर आवाम की सेहदबन्दी की दुआओं भी की गयी। व्यंजन,कपडों और मेल मुलाकातें की रबायत से हटकर दुआ सलाम की प्रतीकात्मक रस्मों तक ही सीमित रहा। कोरोना संक्रमण से बचने के लिये अमल  में लायी जा रही हिदायतो का  देश के दूसरे हिस्सों की तरह ताज सिटी के हर गली मौहल्ले में अमल किया गया। 
 महानगर पिछले दो महीने से लॉकडाउन में है और अगर लोग स्वयं सेवी भाव से सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सचेत नहीं हैं तो पुलिस उनका पालन करवा रही है।
रमजान के पूरे महीने में तो सख्ती रही ही ,ईद पर और ज्यादा निगरानी रही।रमजान के पूरे महीने में तो सख्‍ती रही ही ,ईद पर और ज्‍यादा नि‍गरानी रही।
 ख्‍यायि‍श और परंपरा के बाबजूद लोग इस बार  ईदगाह नहीं पहुंचे, वही मस्जिदों में भी सीमि‍त मौजूदगी हीरही। शहर के जामा मस्जिद सहरसा बस्ती के इमाम मौलाना सोहराब नदवी ने ईद की नमाज अदा करने से पहले अपनी तकरीर में कहा कि कोरोना संक्रमण इंसानी करतूतों का नतीजा है। लिहाजा हम सबको इस  बीमारी से सबक लेकर अच्छा काम करना चाहिए।

  उन्होंने कहा कि आपसी भेदभाव को ईद के त्यौहार में खत्म कर एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। ताकि इस महामारी के वक्त एक-दूसरे के काम
आ सके। 
ज्‍यादातर ने घरों में ही नमाज अदा कर अल्लाह की इबादत की। नमाज के बाद लोगों ने सेवई और लॉकडाउन के इंतजामि‍याओं के बन्‍दोबस्‍त में संभव हो सकी मिठाइयों का स्वाद और सेवईयां खायीं। 
वाट्एप ,वीडि‍यों कालि‍ग,माबाइल फोन मुबारक बाद देना का मुख्‍य माध्‍यम रहे । 
रमजान के रोजो के बाद पडने वाला ईद त्‍योहार धार्मि‍क दृष्‍टि से तो महत्‍वपूर्ण होताही है कि‍न्‍तु दूकानदारों और छोटे कारोबारि‍यों के लि‍ये यह खास महत्‍व रखता है। लोग जमकर कपडे ,खाने पीने के सामान सामान खरीदते हैं और दान भी करते है। शहर के सभी प्रमुख्‍य बाजार खुलने के साथ मि‍लाओं और बच्‍चों से भरजाते हैं औरअक्‍सर देर रात तक इनमें रैनक बनी रहती है।
 सेव का बाजार मावा कटरा स्‍थित आस्‍ताना  मेवा कटरा आस्ताना - ए - मैकश के हज़रत सैय्यद अजमल अली शाह ने कहा है कि‍ परंपराओं से जुडा रहना जरूरी है,धर्मि‍क पर्वों का इबादत मुख्‍य मकसद होता है। बेशक इस बार ईद पर शहरभर में पहले जैसी रौनक नहीं रह सकी हो कि‍न्‍तु परवरदि‍गार से उसके बातये रास्‍ते पर चलने का संकल्‍प जरूर दोहराया। आस्‍ताना के ही नायब सज्‍जादनशीं सैयद फैज अली शाह ने कहा कि चुनौति‍यां इंसान को जज्‍बाती तौर पर मजबूत बनाती हैं और इबादत रूहानी ताकत देती है।
ईद को दृष्‍टि‍गतकांग्रेस नेता शब्‍बीर अब्‍बास ने डी एम आगरा
सेप्रि‍यंका गांधी की बसें बापस न करने की मांग भी की ।
समाजवादी पार्टी के नेता श्री रईस उद्दीन ने कहा है कि खुदा की इबादत से हम सबको सही रास्‍ते पर चलने की ताकत मि‍लती है। इस समय कोरोना संक्रमण के कारण बीमारी,बेरोजगारी जैसी समस्‍या से जूझने वालों की मुश्‍कि‍लें कम करने को संवेदनशील होने की जरूरत है ।बुजुर्ग राजनीति‍ज्ञ की पहचान रखने वाले हाजी अल्‍ताफ हुसैन ने ईद मुबारक कहते हुए उममीद जतायी है कि‍ आवाम के हालात बदलेंगे और आने वाला वक्‍त तमाम बदलावों के साथ खुशहाली लाने वाला होगाजो भी उनके लि‍ये संभव हो पा रहा है खुदायी खि‍दतमतगार के रूप में वह अपने साथि‍यों के साथ लगे हैं।
  उधर कांग्रेस नेता श्री शब्‍बीर अब्‍बास ने कहा है कि अमन चैन की दुआ आम शहरी की तरह से मैने भी की लेकि‍न एक बात की टीस जरूर रही कि अगर श्रीमती प्रि‍यांका गांधी बाड्रा के द्वारा कांग्रेस की ओर से उपलब्‍ध करवायी बसों का उपयोग उ प्र सरकार के द्वारा कर लि‍या गया होता  तो और भी ज्‍यादा लोग इस मौके पर अपने घरों पर अपनों के बीच होते। उन्‍होंने उम्‍मीद जतायी कि‍ हालात सुधरेंगे और अगली ईद पर देश कोरोना संक्रमण से मुक्‍त होगा और लोग परंपरागत तरीके से रोजा -इबादत कर खुशनुमा माहौल में ईद मनायेंगे। 
जज्‍बाती फोटो जर्नलि‍स्‍ट

श्री असलम सलीमी पेशागत रूप से प्रेस फोटोग्राफर हैंऔर सच्‍चाई को कैमराबन्‍द करना अपनी सेवानि‍वृत्‍ति‍ के बाद भी उनकी जि‍दगी का हि‍स्‍सा है,लेकि‍न इंसानी तौर पर बेहद जज्‍बाती हैं। रोजे भी रखे , ईद पर मुबारकबाद  ली और दीं भी लेकि‍न यह
कहने से अपने को नहीं रोक पाये कहते हैं कि इतने गंभीर मंजर को कभी  नहीं देखा।
अन्‍यों की क्‍या कहें उनके हम पेशाओं तक को अपने कैरि‍यर के बीच में ही हाथ का काम   खोना पडा है । उल्‍लाह से दुआ है कि‍ यह दौर जल्‍दी से खत्‍म हो। प्रेसमैन फि‍र से सम्‍मान अपने पहले जैसे हालातों में काम करते दि‍खने लगें।