21 फ़रवरी 2020

ताजमहल के पिछवाड़े यमुना नदी का लुक सुधारने की गैर जरूरी कवायदें

झरना नाला (कारवान नदी) गंगा का  पानी ताजमहल तक ला सकने का है सहज सुलभ माध्‍यम

( स्‍व.जैकलि‍न  कैनेडी ने फर्स्‍ट लेडी के रूप में 1962 में ताजमहल के
 पि‍छवाडे में  
यमुना  का लुक सुधारने को लेकर की थी पूछताछ )
आगरा: यमुना नदी को ताजमहल के पीछे बैकड्राप सीन का अभि‍न्‍न भाग होने के कारण पानी से भरपूर दिखाए जाने के लि‍ये जो तौर तरीके अपनाये जार रहे है, उनके कारण यमुना का जलस्‍तर तो एक दो दि‍न के लि‍ये जरूर सुधर जायेगा और अमेरि‍कन राष्‍ट्रपति‍ डौनाल्‍ड ट्रंप को यह मनमोहक भी लगेगा।कि‍न्‍तु इसके तत्‍कालि‍क परि‍णामों के रूप में गंगा नदी की अपर गंगा नहर और लोअर  गंगा नहरों के जलस्‍तर प्रभावि‍त होंगे। यही नहीं इन नहरों से पोषि‍त नहरी तंत्र के रोस्‍टर भी प्रभावि‍त हुए बि‍ना नहीं रहेंगे। 

जैकललि‍न कैनेडी ने नदी पर जतायी थी चिंता  :

नदी की बदहाली को लेकर वि‍देशी महमानों के स्थायी मेजवान उ प्र शासन को हमेशा से कष्‍टकारी हालाततों का सामना करना पडा है।यह मुसीबत 1962 में अमेरि‍का के राष्‍ट्रपति‍ रहे स्‍व.जोह्न एफ कैनेडी की पत्‍नी स्‍व जैकलि‍न केनैडी की आगरा यात्रा के समय से शुरू हुई । ताजमहल
देखने के दौरान ही यमुना नदी की ओर पहुंचने पर उन्‍होंने बदहाल नदी को लेकर चिंता   जतायी साथ ही जब आगरा से वाराणसी पहुंचीं तो वहां भी उन्‍हें गंगा नदी की स्‍वच्‍छता अपेक्षओं से कही कम दि‍खी थी।  बताते है कि‍ पं जवाहर लाल नेहरू से मुलाकात के दौरान उन्‍होंने इसका उल्‍लेख  भी कि‍या था।
फर्स्‍ट लेडी के रूप मे तो वह फि‍र कभी भी भारत नहीं आयी कि‍न्‍तु बाद में उनका श्रीमती  आनसि‍स के रूप आगरा आना लगातार बना रहा। कैनेडी के एक बेटे ने तो अलीगढ मुस्‍लि‍म यूनीवर्स्‍टी मे ही अपनी शि‍क्षा ली । 
उसी समय से जब भी  ताजमहल देखने कोयी अमेरि‍कन गैस्‍ट आता है तो ताजमहल के पिछवाड़े (रि‍यर व्‍यू रि‍वर फ्रंट ) को सुधार की कोशि‍शें  सरकारें अपने अंदाज में करती रही है।  

सि‍चाई वि‍भाग की अदूरदर्शि‍ता : 

वैसे देखा जाये तो ताजमहल के पीछे नदी को जलयुक्‍त करने की  यह व्‍यवस्था आगरा के जन प्रतति‍नि‍धि‍यों की उदासीनता का स्‍पष्‍ट साक्ष्‍य है। इसी प्रकार यह उ प्र सि‍चाई वि‍भाग की नाकामी का स्‍वयं में सत्‍यापि‍त प्रमाण है।
यमुना नदी को गंगा का पानी लाये जाने के लि‍ये हि‍डन बैराज (500क्‍यूसेक),हरनाल एज्ञकेप(150क्‍यूसेक) और कोट एस्‍केप (300क्‍यूसेक) के माध्‍यम से कुल लगभग 950 क्‍यूसेक पानी डि‍सचार्ज कि‍या गया है।आगरा तक पानी लाये जाने के ये तीनों माध्‍यम सौ साल से पुराने हैं और नदि‍यों के सरप्‍लस पानी को संजोक रखने के लि‍ये बनाये गये थे। सबसे दि‍लचस्‍प यह है कि आगरा क्‍या ताजमहल तक गंगा नहर सि‍स्‍टम का पानी एक दम ताजमहल के डाउनस्‍ट्रीम तक लाये जाने के लि‍ये सबसे सहज ओर सुलभ माध्‍यम 'कारबन' नदी के अनुरक्षण और इसकी क्षमता पुनर्स्‍थापना को लेकर अब तक कुछ भी नहीं हो सका।

नजर अंदाज कि‍या हुआ है झरना नाला :

बुलंदशहर जनपद की नेशनल कैपीटल रीजन के तहतत आने वाली खुर्जा तहसील के तालाबों के मानसून कालीन उफानों से शुरू होने वाली इस नदी में मानसून के भरपूर पानी के बाद गंगा नहर प्रणाली की नहरों की टेलों तक पहुंचने वाले पानी तथा सि‍चाई रोस्‍टरों के दौरान एस्‍केपों से डि‍सचार्ज होते रहने वाले पानी की मौजूदगी तो रहती ही है।साथ ही नदी के प्राह क्षेत्र के स्‍थानीय जलग्रही क्षेत्र का भरपूर पानी भी रहता हे।
आगरा में सि‍चाई वि‍भाग ने नजाने कि‍न कारणों से इसे झरना नाले के रूप में दर्शा कर उपेक्षि‍त छोड दि‍या है। ताजमहल के एक दम डाउन में गंगाजल प्राप्‍ति‍ का माध्‍यम होने तक को नजर अंदाज कर दि‍या है।उ प्र पौल्‍यूशन कंट्रेल डि‍पार्टमेंट ने भी इस नदी को नाला बनाये जाने के लि‍ये हाथरस और सादाबाद के शहरी नि‍कायों को इसे गंदा करने के लि‍ये बेलगाम छोड दि‍या है। 
जहां तक कारवन नदी के पानी का सवाल है, यह यमुना नदी में ताजमहल के डाउन में एत्‍मादपुर तहसील के , एत्‍माली करभना गांव में यमुना नदी में गि‍रती है। हाथरस और सादाबाद के नगरीयनि‍कायों की तमाम गंदगी आजाने के बावजूद इसके पानी में गंगा की नहरों का पानी भी भरपूर रहता है। पता नहीं बैराज बनाये जाने वालों की नजर इस महत्‍वपूर्ण जलस्रोत   पर अब तक क्‍यों नहीं पडी।
सुप्र्रीम कोर्ट मानीटरि‍ग कमेटी के सदस्‍य रमन,(इन्‍सेट )
जलाधि‍कार के डा अनुराग शर्मा और विनोद   गुप्‍ता  

गंगा का पानी प्रज्ञप्‍ति‍ के अन्‍य माध्‍यम :

 ठीक इसी प्रका गंगा नदी का पानी सबसे सुलभता से लाये जाने के सबसे सहज अन्‍य माध्‍यमों में बल्‍देव राजवाह और पचावर ड्रेन को भी अपने हाल पर उपेक्षि‍त छोड़  रखा है। इन दोनों ही माध्‍यमों से अपर गंगा नहर और मध्‍य गंगा नहर प्रणालि‍यों से पोशि‍त मांठ ब्राच का पानी गोकुल बैराज के डाउन स्‍ट्रीम में अत्‍यंत सहजता के साथ आ सकता है। वह भी सि‍कन्‍दरा जलकल के इंटेक वैल के एकदम नजदीक।

 ' गैर सरकारी '' कर चुके हैं  नि‍रीक्षण :

सुप्रीम कोर्ट मानीटरि‍ग कमैटी के सदस्‍य श्री रमन और आगरा की जल समस्‍या के प्रति‍ गंभीर संगठन 'जल अधि‍कार फाऊंडेशन ' आगरा के अध्‍यक्ष डा अनुराग शर्मा और वि‍नोद गुप्‍ता ने ताजमहल के नजदीक के इस जलस्‍त्रोत का न केवल नि‍रीक्षण कि‍या अपि‍तु यमुना बैराज को दृष्‍टि‍गत कर इसके पानी की उपयोगि‍ता को भी समझा ।