7 दिसंबर 2019

आगरा में भी था एक सचमुच का ' मोगली '

सूर सरोवर रि‍सोर्स सेंटर की पहली इन्‍वेट्री 'सनीचर , द बुल्‍फ बॉय आफ इंडि‍या'
( रि‍सोर् सेंटर की पहली इन्‍वेंटरी )
फोटो:असलम सलीमी
आगरा: सूर सरोवर पक्षी अभ्‍यारण्‍य स्‍थि‍त 'प्रकृति‍ अध्‍ययन केन्‍द्र ' नेचर रि‍सोर्स सेंटर' पर आयोजि‍त कार्यक्रम के अवसर पर 'पहली पुस्‍तक  के रूप में ' सनीचर वुल्फ बॉय आफ इंडि‍या ' भेंट की गयी। इस पुस्‍तक की एक प्रति‍ चम्‍बल सेंचुरी नेशनल  प्रोजेक्‍ट के उपवन संरक्षक आनंद श्रीवस्‍तव  तथा एक अन्‍य प्रति‍ एस ओ एस के वीयर रैस्‍क्‍यू सेंटर के प्रभारी  बैजू राज को  भेंट की गयी। ये पुस्‍तक प्रति‍यां लोकस्‍वर संस्‍था के अध्‍यक्ष एवं  प्रख्‍यात उद्यमी राजीव गुप्‍ता के द्वारा उपलब्‍ध करवायी गयीं तथा पत्रकार राजीव सक्‍सेना ने उनकी ओर से इन्‍हें भेंट कीं।
राजीव गुप्‍ता प्रकृति‍ प्रेमी हैं और कभी आगरा में धर धर पायी जाने वाली गौरया के वि‍लुप्‍त प्राय हो जाने के बाद इसके संरक्षण के अभि‍यान मे जुटे हुए हैं। उनके द्वारा पि‍छले कई साल से वि‍शेष्‍ प्रकार से बनाये गये घौंसलो का वि‍तरण कि‍या जा रहा है,जो कि‍ पक्षि‍यों के द्वारा बेहद पसंद कि‍येजाते हैं।
                             आगरा का बुल्‍फवाय
 आगरा का 'बुल्‍फवाय ' प्रख्‍यात लेखक रुपर्ड मैकार्ड की  प्रख्यात पुस्‍तक 'जंगल बुक ' का नायक 'मोगली' भले ही काल्‍पनि‍क रहा हो कि‍न्‍तु ' सनीचर वुल्फ बॉय आफ इंडि‍या ' असली है।इसे अमेरि‍कन के द्वारा न्‍यूयार्क में 1003 में प्रकाशि‍त कि‍या गया था। यह सि‍कन्‍दरा आर्फनेज से संबधि‍त पेपरों
में आंकि‍त वि‍वरणों पर आधारि‍त है जि‍न्‍हे कि‍ सी एस रैवेंडर वैलेंटाइन , एल. एल. डी.,एफ. आर. सी. एस. ई.  के द्वारा एडि‍ड कि‍या गया था।
राजीव गुप्‍ता/ ' उद्घोष ' प्रकृति‍ संरक्षण  का।
इस पुस्‍तक में उस बच्‍चे की कहानी है जो कि‍ अपने मां बाप से बि‍छुड कर भेडि‍यों के झुड से जुड़   गया और जंगली जानवरों जैसा ही उसका आचरण हो गया। बुलंद शहर के एक शि‍कारी दल को जब अपने अभि‍यान के दौरान मि‍ला तो उसके द्वारा इसे सि‍कन्‍दरा आर्फनेज में लाकर सुपुर्द कर दि‍या गया। सि‍कन्‍दरा आर्फेनेज में रख कर  इसे वापस इंसानों की दुनि‍यां में लाये जाने की कोशि‍श और उसके द्वारा यहां जि‍या जीवन ही इस कि‍ताब की वि‍षय वस्‍तु है।
डा चन्‍द्रशेखर शर्मा
नागरी प्रचारि‍णी सभा के मंत्री डा चन्‍द्र शेखर शर्मा ने रि‍सोर्स सैंटर को आगरा के लि‍ये एक महत्‍वपूर्ण कार्यकरार दि‍या है तथा कहा है कि‍ आगरा से संबधि‍त साहि‍त्‍य चाहे वह कि‍सी भी भाषा में हो बचाया जाना चाहिए । उन्‍होंने श्री गुप्‍ता के द्वारा सौ साल से ज्‍यादा वि‍लुप्‍त प्राय पुस्‍तक को नयी पीढी के लि‍ये उपलब्‍ध करवाये जाने के कार्य को महत्‍वपूर्ण योगदान माना है।