27 जून 2019

कीठम लोअर लेक कर सकता है दूर ताज सिटी में पानी की समस्या

                                                                ( शैलेंद्र सिंह नारवार )
आगरा। आज हमारे द्वारा प्रकृति के अंधाधुंध दोहन ने एक गंभीर संकट पैदा कर दिया है, जिसमें जल संकट बहुत ही विकराल समस्या बन गयी है..... अपने पूर्वजों द्वारा स्थापित तालाब, कुए हम बर्बाद कर चुके हैं इन सभी का महत्वपूर्ण कार्य भूजल को रीचार्ज करना भी था जहां ये रीचार्ज व्यवस्था हमने बर्बाद की वहीं बेशर्मी की हद को पार करते हुए हम लगातार धरा के गर्भ से एक तरफा भूजल को निकालते जा रहे हैं समरसेबल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है .....
ऐसे में वह सभी छोटे-बड़े उपाय अति महत्वपूर्ण हो जाते हैं जो बरसात के अमृत रूपी जल को इकट्ठा कर सके जिससे हम अपने आरक्षित भूजल को रिचार्ज कर सकें .....

इस दिशा में कीठम झील से लगी हुई कीठम लोअर लेक लगभग 800 मीटर का वह वृहद हिस्सा है जो कीठम झील व यमुना नदी के बीच स्थित है और वर्तमान में इस क्षेत्र का उपयोग एक संकरे से रास्ते से हुए हुए कीठम के अतिरिक्त जल को थोड़ा थोड़ा करके यमुना नदी में पहुंचाने के लिए किया जाता है... थोड़े
प्रयास से इस विस्तृत भू-भाग पर कीठम लोअर लेक को विकसित कर एक बड़े क्षेत्र में विशाल जल संग्रह किया जा सकता है.....
कीठम से अतरिक्त डिस्चार्ज जल को, बरसात के जल को व अन्य स्रोत से प्राप्त इस जल को यमुना से पहले दो रेगुलेटरों के माध्यम से इसे एकत्रित व नियंत्रित किया जा सकता है तथा आवश्यकता पड़ने पर इस जल को हम यमुना नदी में प्रवाहित कर उसे पानी दे सकते हैं, साथ ही पर्यावरण  की दृष्टि से इसके और भी बहुत से दूरगामी लाभ मिलेंगे। 

इस दिशा में जलाधिकार फाउंडेशन के प्रयास प्रशंसनीय हैं जलाधिकार फाउंडेशन के अध्यक्ष डा अनुराग शर्मा  , वरिष्ठ पत्रकार  राजीव सक्सेना  ,  नितिन अग्रवाल , विनोद गुप्ता,शैलेंद्र सिंह नरवार  आदि कीठम लोअर लेक स्थल को देखने समझने के लिए पहुंचे थे।