25 जून 2019

रि‍यल एस्‍टेट सैकटर सर्कि‍ल रेट में बढोत्‍तरी के प्रस्‍ताव से ति‍लमि‍लाया

 रैडि‍को आगरा ने सहायक महानिरीक्षक (निबन्धन)  निरंजन कुमार से जतायी वेदना
अध्‍यक्ष के सी जैन के नेतृत्‍व में रैडि‍को ने सहायक
महानिरीक्षक (निबन्धन)
   को सौपा ज्ञापन।
आगरा: रियल स्टेट सेक्टर में मंदी के दौर से गुजर रहे हैं। यदि जिला प्रशासन द्वारा सर्किल दरों में वृद्धि की गयी, तो रियल स्टेट सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हो जायेगा और अंततः जन सामान्य के रूप में जो ग्राहक हैं उन्हें भी गंभीर नुकसान होगा। यह बात शहर के बिल्डर्स की संस्था आगरा सिटी रेडिको के प्रतिनिधि मण्डल ने निरंजन कुमार, सहायक महानिरीक्षक (निबन्धन) आगरा से मिलकर आज कही और अपना प्रतिवेदन दिया।

प्रतिनिधि मण्डल की ओर से रेडिको अध्यक्ष के0सी0 जैन द्वारा यह बात रखी गयी कि  सम्पत्तियों के मूल्यों में पिछले दो वर्षों में निरन्तर गिरावट आयी है जिसके कारण शहर के चारों ओर अनेकों भवन व बहुमंजिली इमारतें बनी खड़ी हैं किन्तु उनके फ्लेटों को लेने वाले ग्राहक नहीं हैं। यही नहीं, आगरा ताज ट्रिपेजियम
जोन (टीटीजेड) का भाग है जहां उद्योगों की स्थापना एवं विस्तार (व्हाइट कैटेगरी को छोड़कर) पर पर्यावरण मन्त्रालय केन्द्र सरकार के आदेश दिनांक 08.09.2016 से तदर्थ रोक लागू है जिसकी वजह से यहां कोई भी होटल, अस्पताल, ऑटोमोबाइल्स सर्विस स्टेशन, कोल्ड स्टोरेज, पाँच हजार वर्ग मीटर से बड़ी आवासीय योजनायें, प्रधानमन्त्री आवास योजना आदि नहीं बनाये जा सकते हैं। इस कारण से भी आगरा में व्यवसायिक व आवासीय भूमियों की मांग नगण्य है जिसका विपरीत प्रभाव भूमि की मूल्यों पर पड़ा है।

प्रतिनिधि मण्डल द्वारा यह बात भी रखी गयी कि यदि बाजार की स्थिति के विपरीत सर्किल दरों में वृद्धि की जाती है तो ऐसी स्थिति में क्रेता विक्रेता सम्पत्तियों के क्रय विक्रय से बचेंगे और स्टाम्प शुल्क की वसूली कम हो जायेगी जिससे शासन को नुकसान ही होगा। इन्ही कारणों से उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद् के द्वारा कार्यालय आदेश दिनांक 03.04.2017 को अंतिम बार दरों को पुनरीक्षित किया था जो 01.04.2017 से प्रभावी है। उसके उपरान्त परिषद् द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 अथवा 2019-20 हेतु दरों को पुनरीक्षित नहीं किया गया। इसी प्रकार आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा भी दरों को नहीं बढ़ाया गया है।
यह बात भी रखी गयी कि अभी हाल में मध्य प्रदेश राज्य एवं हरियाणां राज्य द्वारा स्टाम्प अधिनियम के अन्तर्गत सर्किल दरों को घटाया गया है जो दिखाता है कि पूरे देश में रियल स्टेट सैक्टर के मूल्यों में गिरावट है। उ0प्र0 राज्य भी अपवाद नहीं है और विशेष रूप से ताज ट्रिपेजियम जोन में स्थिति और भी खराब है।
प्रतिनिधि मण्डल में सम्मिलित इन्दर जैन द्वारा यह कहा कि स्टाम्प नियमावली के अन्तर्गत जो न्यूनतम दरें निर्धारित होती हैं, उनका सीधा सम्बन्ध आयकर अधिनियम, सम्पत्ति कर, विकास प्राधिकरण की लेवी आदि से सीधा है। वास्तविक दरों से अधिक दर निर्धारित किये जाने की स्थिति में न केवल भूमि क्रेता विक्रेता को बडी कठिनाई का सामना करना पड़ता है अपितु उन्हें अधिक आयकर, अधिक प्रोपर्टी टैक्स व विकास प्राधिकरण को अधिक शुल्क देने के लिये बाध्य होना पड़ता है जिससे असंतोष उत्पन्न होगा।
यह बात भी रखी गयी मंदी के चलते वित्तीय वर्ष 2017-18 के सापेक्ष में वित्तीय वर्ष 2018-19 में निबन्धित अभिलेखों की न तो संख्या में वृद्धि हुई और न ही राजस्व में वृद्धि हुयी जिससे स्पष्ट है कि यदि सर्किल दरों को बढ़ाया गया तो अभिलेखों की संख्या एवं राजस्व दोनों में गिरावट आयेगी। रियल स्टेट सैक्टर की खराब स्थिति को देखते हुये दरों में कमी की जानी चाहिये ताकि सम्पत्तियों का क्रय विक्रय प्रोत्साहित हो और उससे शासन को प्राप्त होने वाले राजस्व में भी वृद्धि हो।
प्रतिनिधि मण्डल में सुमित गुप्ता विभव, रवि शंकर अग्रवाल, हेमन्त जैन, इन्दर जैन, किशोर गुप्ता, राकेश कुमार लोदी (एडवोकेट) आदि उपस्थित थे।