18 अक्तूबर 2018

अनिश्चता के घेरों में फंसा हुआ है ताज सिटी का नया सिविल एन्क्लेव

आगरा के नये सिविल एन्क्लेव के निर्माण की परियोजना को न तो पर्यावरणय मंत्रालय से पर्यावरणीय स्वीकृति मिल सकी है और न ही ताज ट्रिपेजियम जोन अथॉरिटी से अनापत्ति मिली है जिनके चलते सिविल एन्क्लेव का निर्माण अनिश्चितता के घेरे में है। यह बात अभी हाल में सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई सूचना से उजागर हुई। आगरा डवलपमेन्ट फाउण्डेशन (एडीएफ) के सचिव एवं वरिष्ठ अधिवक्ता के0सी0 जैन को उपलब्ध कराई गई सूचना में कुसुम दास, हवाई अड्डा निदेशक, आगरा हवाई अड्डा ने यह बताया है कि पर्यावरण मंत्रालय को नये सिविल एन्क्लेव के निर्माण की पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए आवेदन-पत्र 22.3.2018 को लगाया था एवं टीटीजैड प्राधिकरण में भी अनापत्ति हेतु 10.7.2018 को आवेदन-पत्र लगाया गया किन्तु दोनों ही जगहों से अभी अनापत्ति प्राप्त नहीं हुई है।


उपलब्ध कराई गई सूचना में यह भी बताया गया है कि नये सिविल एन्क्लेव की बाउण्ड्रीवॉल का कार्य प्रगतिशील है और नये सिविल एन्क्लेव की लागत रुपये 376.14 करोड़ है, जिसका कार्य अक्टूबर-2018 में दिया जाना सम्भावित है तथा यह कार्य समाप्त होने की संभावित अवधि जनवरी-2020 तक है। 
उपलब्ध कराई गई सूचना के क्रम में एडीएफ सचिव के0सी0 जैन द्वारा कुसुम दास से पुनः बात की गई, जिससे यह बात सामने आई कि सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति के आदेश दि0 22.3.2018 के कारण पर्यावरण मंत्रालय व टीटीजैड प्राधिकरण अनापत्ति नहीं दे रहे हैं, जिसके कारण एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया के मुख्यालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अनुमति हेतु आवेदन-पत्र लगाया जा सकता है। बिना अनापत्ति के नये सिविल एन्क्लेव का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सकता है। 

उपलब्ध कराई सूचना पर टिप्पणी करते हुए सचिव जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो यथास्थिति आदेश दि0 22 मार्च 2018 को पारित किया गया था वह टीटीजैड के विज़न प्लान के प्रथम ड्राफ्ट की अवधि तक के लिए था और चूंकि विज़न प्लान का प्रथम ड्राफ्ट जुलाई-2018 के अन्तिम सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया जा चुका है, अतः यथास्थिति आदेश अब प्रभावी नहीं है। एडीएफ की ओर से यह मांग की गई कि नये सिविल एन्क्लेव के निर्माण के लिए पर्यावरण मंत्रालय व टीटीजैड प्राधिकरण को अनुमति प्रदान कर देनी चाहिए और यदि 8 सितम्बर 2016 को लगाई गई तदर्थ रोक नये सिविल एन्क्लेव को बनाने में रुकावट है तो उसे भी समाप्त किया जाना चाहिए। पर्यावरण मंत्रालय में अनापत्ति का आवेदन-पत्र विगत सात माह से व टीटीजैड अथॉरिटी में विगत तीन माह से लम्बित चला आ रहा है।

उनके द्वारा यह बात भी रखी गई कि यदि सुप्रीम कोर्ट में अनुमति हेतु आवेदन-पत्र लगाया जाता है तो वहां से अनुमति लेने में महीनों और सालों लग सकते हैं, जिससे नये सिविल एन्क्लेव के निर्माण की परियोजना में अनावश्यक विलम्ब होगा। नया सिविल एन्क्लेव आगरा की आवश्यकता है, जो जल्दी से जल्दी बनना चाहिए। यह बात भी सामने आई है कि पुराना सिविल एन्क्लेव ताजमहल से छः-साढ़े छः किमी0 दूर है, जबकि नये सिविल एन्क्लेव का स्थल ताजमहल से लगभग 9 किमी0 दूर है, जो पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर स्थिति में है। किसी नये रनवे का निर्माण भी नये सिविल एन्क्लेव के लिए नहीं होना है।

उपलब्ध कराई गई सूचना में आगरा से चलने वाली फ्लाइटों का ब्यौरा देते समय बताया गया कि इस समय केवल दो नियमित फ्लाइट एयर इण्डिया व एलाइन्स एयर की हैं, जो आगरा से खजुराहो व आगरा से जयपुर की हैं।