5 सितंबर 2018

आगरा के ' महाराष्‍ट्रियन 'राज्‍यपाल से मिलेंगे

-- मिट्टी की गणेश प्रतिमा स्‍थापित कर यमुना को प्रदूषित होने से भी बचायें ,पुण्‍य कमायें : ' लोक स्‍वर '
मिट्टी की प्रतिमाये स्‍थापित कर पुण्‍य कमायें: लोक स्‍वर       
                                                   फोटो:असलम सलीमी

आगरा: लोक स्‍वर संस्‍थ्‍ाा  के अध्‍यक्ष  ,प्रख्‍यात उद्यमी राजीव गुप्‍ता ने कहा है,प्रकृति का संरक्षण जितना जरूरी वैज्ञानिक कारणों से हैं उतना ही उन धार्मिक कारणों  से भी है जो क हमारी धर्म संस्‍कृति का आधार हैं।  नदी इनमे मुख्‍य है, इसी को यथा संभव प्रदूषण मुक्‍त रखना इस समय सबसे बडी चुनौती  ।
 श्री गुप्‍ता जो कि यमुना नदी की बदहाली रोकने के लिये अपने स्‍तर से ही तमाम प्रयास करते रहे हों किन्‍तु उन्‍हें हमेशा लगा कि लक्ष्‍य अभी बहुत दूर हैं।यह बात अलग  है कि  को लेकर  तमाम श्‍हरवासियों
के समान ही उनकी भी हसरत है, आगरा प्रदूषण मुक्‍त हो। । यह कैसे पूरी होगी फिलहाल इस पर वह  चुकी जनप्रक्रियाओं पर चर्चा कर रआगरा: लोक स्‍वर संस्‍थ्‍ाा  के अध्‍यक्ष  ,प्रख्‍यात उद्यहे थे  ने,  कहा कि  कि यमुना नदी को बैहतरीनतम स्‍थिति में लायाकुछ भी कहने की स्‍थिति में नहीं  हें। नदी को उसके मूलवरूप में पुर्नस्‍थापित करने और अनुरक्षण कार्यके लिये तमाम कानून हैं। लगभग एक दर्जन विभाग परोक्ष या अपरोक्ष रूप से नदियों की संरचनाओं की सुरक्षा के लिये कानून ओर संसाधनों से संपन्‍न हें।
प्रतिमायें पंचतत्‍वों में विलीन हो सकने वाले पधार्थों की बनायें
अत:स्‍वभाविक ही मिट्टी या किसी एसे पदार्थ या ततव से से बीनी हों जिसे प्राकृति विलीनी करण की प्रक्रिया के साथ अपने में आत्‍मसात कर सके संपन्‍न हैं ।अगर ये ही अपने दायित्‍व को पूरी तरह से निर्वाहन कर रहे होते तो मुझ जैसों को न तो घरेलू उपयोग के लिये पानी को ही खरीदना पडाता और नहीं नागरिको की सहभागिता कर यह अभियान ही चलाना पडता। लेकिन इसके बाबजूद वह इसके लिये प्रयास करते रहे हैं और करते रहेंगे।
धार्मिक परिप्रेक्ष्‍य में नई बात नहीं
श्री गुप्‍ता ने कहा कि अब आप ही बताई ये कि मैं अपने अभियान में कौन सी नयी बात कह रहा हूं । बस सिर्फ यही तो याद दिलाने का प्रयास किया हे कि पूजा अर्चना के लिये देव प्रतिमा की प्राण प्रतिष्‍ठा होती , अगर यह मंदिर आदि उन पूजा स्‍थलों के लिये है जहां कि इसे स्‍थायी रूप से स्‍थापित किया जाना हैख्‍ तब तो स्‍थापना से पूर्व '  प्रकट्य ' करने की धार्मिक औपचारिकता के साथ ही स्‍थापना स्‍थल के आसपास के आबादी के क्षेत्र में ' शेभायात्रा ' निकाले जाने की   रस्‍म होती है। ऐसी  प्रतिमाये सामान्‍यत: पत्‍थर, धातु या काष्‍ठ की होती हैं। जब कि केवल पूजाकाल के लिये स्‍थापित की जाने वाली प्रतिमाओं के साथ प्रकटीकरण की रस्‍म जुडी हुई नहीं है। प्राण प्रतिष्‍ठा के साथ निश्‍चित अवधि या कल्‍प-पर्व अवधि तक इसकी पूरी क्षेत्रा के साथ सामूहिक पूजा अच्रना की जाती है और संकल्‍पित अवधि पूरी हो जाने पर शोभा यात्रा निकाल कर  अगले साल पुन: स्‍थापित करने के साथ  विसर्जित कर दिया जाता है। पौराणिक एवं वैदिक मान्‍यता यह है कि विसर्जित की जाने वाली ।
प्‍लास्‍टर आफ पैरिस र्ध्‍मानुकूल नहीं
   स्‍वभाविक है कि ये प्रतमाये प्‍लास्‍टर आफ पैरिस या किसी अन्‍य प्रकार के ऐसी सिथौटिक मैटिल की नहो जो कि प्रक्रति की स्‍वभाविक ग्राहिता के अनुकूल नहीं हो। अब आप ही यह सोचिये कि अब अगर गणेश जी और मां दुर्गे की प्रतिमा मिट्टी की बनाने और उनका श्रंगार प्राकृतिक रंगों से करने के प्रति जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहा हूं तो इसमें कौन से नयी बात है। एक निष्‍ठावान हिन्‍दू होने के नाते मेरा कार्य तो प्राकृति के संरक्षण के साथ ही श्रद्धालुओं को उनके दायित्‍व के प्रति सचेत करना मात्र ही है।
महाराष्‍ट्रियन साथ, राज्‍यपाल से मिलेंगे
श्री गुप्‍ता ने कहा कि उन्‍हे खुशी हे कि नागरिकों में से जागरूकों का एक वर्ग खुलकर उनके साथ है, जबकि अन्‍यों में से तमाम अभियान के खामोश समर्थक  हैं। एक जानकारी में उन्‍होंने बताया कि  हाल में ही गोबर्धन होटल में आयोजित एक मीटिंग में महाराष्‍ट्र समाज के लोग भी सहभागी थे और उन्‍होंने मिट्टी की गणोष प्रतिमा स्‍थापना के प्रचलन को ही  प्रचारित करने के अपने प्रयास की जानकारी दी। ये लाग राज्‍यपाल राम नायिक से भी इस संबध में मुलाकात करने केको प्रयास रत हैं।
आगरा का स्‍वर ' लोकस्‍वर '  
लोकस्वर संस्‍था के तत्‍वावधान हुई इस संगोष्‍ठी में सभी ने यमुना नदी में प्रतिमा विसर्जन को यथा संभव सीमित करने का संकल्‍प लिय तथा विसर्जन के लिये मिट्टी की प्रतिमा बनाये जाने के लिये लोगों को प्ररित करने के प्रति भी अभिव्‍यक्‍तियां व्‍यक्‍त कीं। संगोष्‍ठी की अध्‍यक्षता लोक स्‍वर संस्‍था के अध्‍यक्ष  अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने की जबकि साक्षी जैन ,संध्या शर्मा ,किशोर करमचंदानी , शैलेन्द्र नरवार ,  अभिनय प्रसाद,  रंजन शर्मा , इंडिया राइजिंग के नितिन जोहरी , संदीप अग्रवाल गोल्डन एज के निहाल सिंह जैन , सत्य नारायण सिंघानिया,स ओ स के नवीन गुप्ता श्रीमती अंजु जैन  महाराष्ट्र समाज आगरा। मुकुल सोवनी , श्री अभय पोताड़े, श्री दिवाकर मोखरिवाले , श्री नितिन सोवनी,विकास पंडित , मदन ओदक आदि विचार व्‍यक्‍त करने वालों में शामिल थे। ।