21 सितंबर 2018

हवाई उड़ानों की कमी बाधा बनी हुई है आगरा के विकास में

एडीएफ  अध्यक्ष पूरन डावर
आगरा। पिछले 4 वर्षों में जो पर्यटक हवाई यात्रा द्वारा आगरा आये या गये, उनका यदि प्रतिदिन का औसत देखा जाये तो वह मात्र 35 व्यक्ति हैं, जबकि आगरा में प्रतिदिन आने वाले पर्यटकों की संख्या लगभग 20 हजार है और इस प्रकार प्रत्येक एक हजार पर्यटकों में से 2 से भी कम पर्यटक हवाई यात्रा करते हैं। यह खुलासा अभी हाल में आगरा डवलपमेन्ट फाउण्डेशन के सचिव एवं वरिष्ठ अधिवक्ता के0सी0 जैन को सूचना अधिकार में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया से  प्राप्त सूचना से हुआ।एडीएफ के अध्यक्ष पूरन डावर द्वारा भी नागरिक उड्डयन मंत्रालय से यह मांग की गई कि वे पहल करें ताकि प्राईवेट ऑपरेटर नई फ्लाइट प्रारंभ कर सकें ...

सूचना से यह भी खुलासा हुआ कि पिछले सवा चार वर्षों में आगरा में आने व जाने वाली कुल उड़ानों की संख्या मात्र 1710 थी अर्थात् 855 हवाई जहाज ही इस अवधि में आये और यदि इसका औसत निकाला जाये तो दो दिन में एक हवाई उडान ही आगरा आई। तीन विश्वदाय स्मारकों वाले एवं जूता, हैण्डीक्राफ्ट, कालीन आदि के निर्यातकों वाले शहर में इतनी कम हवाई उड़ानें अपनी कहानी स्वयं बयां करती हैं कि पर्यटक व उद्यमी हवाई यात्रा का उपयोग क्यों नहीं करते हैं।
एडीएफ की ओर से यह भी कहा गया कि एयर कनैक्टिविटी दूर स्थित चेन्नई, बेंगलूरू, गोवा, कोलकाता, हैदराबाद आदि शहरों से होनी चाहिए ताकि वहां से पर्यटक सुगमता से हवाई यात्रा करके आगरा आ सकें। एडीएफ द्वारा पत्र लिखकर नागरिक उड्डयन मंत्री से पुनः पहल करने की मांग की जा रही है ताकि आगरा में पर्यटन की संभावनाओं को पंख लग सकें। उद्योगों पर लगी रोक के चलते पर्यटन ही एकमात्र विकल्प आगरा शहर के लिए है लेकिन हवाई उड़ानों की कमी उसको यहां विकसित नहीं होने दे रही है। उड़ान योजना के अंतर्गत ही क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए नई फ्लाइट्स को जोड़ा जाये। पूर्व में भी अनेकों बार नागरिक उड्डयन मंत्री से मिलकर गुहार लगाई गई है किन्तु परिणाम निराशाजनक ही रहे हैं। अब जबकि सिविल एन्क्लेव का कार्य प्रारंभ होने वाला है, नई फ्लाइट्स को प्रारंभ करना जरूरी होगा।