5 जुलाई 2018

अमित शाह भी मानते हैं कि आगरा के लिये इंटरनेशनल फ्लाइटें जरूरी

फिलहाल  मौजूदा सिविल एन्‍कलेव का नाम पं दीन दयाल उपाध्‍याय  रखकर की जा रही है शिफ्टंग
जरूरत तो चिन्‍हित किन्‍तु एक्‍शन नही
आगरा: आगरा में इंटरनेशनल फ्लाइटें  उतरे  और  उसकी कनैक्‍टिविटी बढे यह कहना है, भारतीय जनता पार्टी  के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष का । उनके पूर्व पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष  डा महेन्‍द्र नाथ पांडेय के द्वारा अगरा  की  एतिहासिक  और राजनैतिक महत्‍ता पर विस्‍तार से चर्चा करने के क्रम में उत्‍तर प्रदेश के जनपदों  की  छोटी हवाई  पटटियों  के उपयोग की शुरूआत हो जाने के लिये योगी सरकार की  प्रशांस करते हुए अनायास ही आगरा का भी उल्‍लेख कर डाला था ।
उनके बाद जब श्री अमित शाह बोलने लगे तो उन्‍होंने भी
श्री योगी के द्वारा एयर कनैक्‍टविटी  को बढाने के प्रयासों का उल्‍लेख करने के साथ ही कहडाला कि आगरा में इंटरनेशनल फ्लाइटें आनी चाहिये और यह काम भारतीय जनता पार्टी के सतता में रहने से ही संभव है।
अब शाह सहाब को क्‍या मालूम  कि आगरा में उनकी पार्टी  के कर्त्‍ताध्‍रताओं को अगर कोयी विषय अप्रिय है तो वह आगरा की इंटरनेशनल  फ्लाइटों  से कनैक्‍टिविटी । प्रधान मंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भी उन्‍ही के समान ही  केन्‍द्र में सरकार आने पर आगरा की जरूरत के  अनुरूप यहां इटरनेशनल  एयरपोर्ट बनाये जाने की बात मंच से कहडाली। बाद में  अपने एक प्रभावशाली  मंत्री  की सशक्‍त  लाबिंग के कारण इंटरनेशनल  एयरपोर्ट का ग्रीनफील्‍ड प्रोजेक्‍ट जैबर (ग्रेटर नौयडा ) ले जाना पडा था। इस शिफ्टिंग के कारण जब भी  श्री मोदी आगरा  आये उन्‍हे  आगरा की इंटरनेशनल फ्लाइटों से कनैक्‍टिविटी  संबधी जरूरत  से जुडे तीखे सवालों से जूझना पडा। 
आगरा  के प्रबुद्धजन ही नहीं राजनैतिक समीक्षक तक केन्‍द्र सरकार के फैसले को आगरा के साथ नाइंसाफी मानते हैं। फिलहाल आगरा में  70 साल पुराने   सिविल एन्‍कलेव को खेरिया वायुसेना के बाहर राष्‍ट्रीय नेता पं दीन दयाल उपाध्‍याय के ना रख कर धनौली और बल्‍हेरा गांवों में शिफ्ट किया जा रहा है।