4 जुलाई 2018

आगरा की बदहाली दूर करने के नाम पर भाजपा कितनी बार और बोट लेती रहना चाहती है 'भाजपा'

--एयर कनैकटविटी तो दूर सिविल एन्‍कलेव के काम तक में खास प्रगति नहीं
पत्रकारों से चर्चारत सिवल सोसायटी आगरा के डा शिरोमणी सिंह,
अनिल शर्मा, कृषक नेता भोले एवं राजीव सक्‍सेना। 
फोटो:असलम सलीमी
 अगरा: आगरा को उसकी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के मगालते में भाजपा को कितनी बार और जिताना पडेगा, यह जानकारी आगरा सिविल सोसायटी के अध्‍यक्ष डा शिरोमणी सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्‍व से मांगी है, वह हरियाली  वाटिका में सत्‍तादल के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष श्री अमित शाह के आगमन के आगरा आगमन के पूर्व दिवस पर आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। 
डा शिरामणी सिंह ने कहा आगरा महानगर को स्‍मार्ट सिटी बने तीन साल हो गये, पिछले 24 साल से भाजपा के मेयर नगर निगम पर काबिज है किन्‍तु
इसके बावजूद महानगर पानी, सडकों की जीर्णशीर्ण हालत ओर लोकल पब्‍लिक ट्रांसपोर्ट,व्‍यवस्‍था से जूझ रहा है। उन्‍होंने कहा कि पिछले एक साल में नगर निगम ने जनता पर करों का बोझ बढाया वहीं नगर निगम के काम काज के तरीकों में भारी गिरावट आयी है, सत्‍ता दल के विधायक ओर पार्षद निकायों के काम काज में आयी गिरावट के प्रति चिंता और खीज व्‍यक्‍त कर रहे हैं।
सिविल सासायटी के जनरल सैकेट्री अनिल शर्मा ने कहा कि आगरा में शिफट होने वाले सिविल एन्‍कलेव का नाम प.दीन दयाल उपाध्‍याय के नाम पर कर दिये जाने के बावजूद प्रदेश सरकार एयरपोर्ट अथार्टी को अ तक वांऊंड्री युक्‍त जमीन उपलब्‍ध करवा सकी है। उन्‍होंने कहा कि जेबर मेु इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाये जाने का काम आगरा के हितो को नजर अंदाज कर किया जा रहा है। पार्टी के टिकट पर जीते  विधायको की इस मामले में  चुपपी अपने आप में आश्‍चर्यजनक और नागवार है। इसी के कारण सिविल सोसाटी को हाईकोर्ट में इसके लिये कानूनी संघर्ष लडने को बाध्‍य होना पड रहा है। 
श्री शर्मा ने कहा कि अक्‍सर जनता उनसे पूछती है कि आप विधायकों से बात क्‍यों नहीं करते ,किन्‍तु जब में उन्‍हें बताता हूं कि प्रदेश में वाकायदा बहुमत की सरकार होने के बाबजूद स्‍वयं भी गंगाजल पाइप लाइन प्रोजेक्‍ट जेसी स्‍वीकृत योजनाओं के लिये सुप्रीम कोर्ट जाना पड रहा हे तो वह मेरी मजबूरी से सहमति व्‍यक्‍त करते हैं। 
 
अभिनय प्रसाद: आर्थिक तंगी बढी है, पूरी शिक्षा तक दिलाना
हुआ मुश्‍किल । फोटो असलम सलीमी
प्रख्‍यात सोशल एक्‍टविस्‍ट एवं श्रमिक नेता श्री अभिनय प्रसाद ने कहा है कि पकोडे तलकर और चाट के ठेले लगाकर जीवन यापन करने वालों की संख्‍या की जानकारी तो उन्‍हे नहीं है और नहीं इनका कोयी डाटाबेस सरकार पर है किन्‍तु आगरा और मथुरा में गरीबी बढी है, स्‍कूलों से ड्रापआऊट के मामलों की संख्‍या बढी है, प्रोफेशन स्‍टैडीज करने वालों के परिजन पूरे कोर्स के लिये पढाई की फीस का इंतजाम नहीं करपा रहे हैं। तकनीकि शिक्षण और उच्‍च शिक्षा संस्थानो में शिक्षा दिलवाना खास उपयोगी नहीं रहा। पिछले चार सालों में एसी पचास नई प्रोडैक्‍शन  यूनिटे तक स्‍थापित नहीं हो सकी जिनमें सौ कम्रचारी काम करते हों। 
किसानों के नाम पर गलत बयानी 
कृषक नेता एवं धनौली निवासी श्री भोले ने कहा कि आगरा सिविल एन्‍कलेव के शिफ्ट होकर उनके गांवा पहुंचने की जानकारी जब से प्रचारित हुई है, आसपास के गांवों की अर्थव्‍यवसथा को लेकर ग्रामीणों में अनिश्‍चितता है। अब यह तो हमारी समझ में आ चुका है कि अपनी जमीन पर अब खेती करके जीवन यापन नहीं कर पायेंगे , इसे बेचना ही होगा ।इस लिये हम चाहते हैं कि सरकार किसानों और आगरा की एयरकनैक्‍टिविटी के हित में अगे आये और शासन की आपसी समझौता नीति के अनुरूप जो जमीन सिविल एवियेशन के लिये चिन्‍हित की हुई है उसका पूरी तरह से अधिग्रहण करे। उन्‍होंने कहा कि आगरा तहसील में बेहद भ्रष्‍टाचार व्‍याप्‍त है, अगर गांव की जमीन संबधी रिकार्ड अपडेट नहीं हुए हैं तो यह तहसील स्‍टाफ की गलती है फिर किसान क्‍यों इसका खामियाजा उठाये। उन्‍होंने कहा कि बार बार यह कहा जना उन्‍हे बेहद अखरता हे कि किसान जमीन देने में आनाकानी कर रहे है,जबकि हकीकत यह है कि किसान अपनी जमीनों का उनकी मौजूदा स्‍थिति और उपयोग के आधार पर मुआबजा मांग रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि जमीन अधिग्रहण के 'आपसी सहमति ' के फार्मूले के तहत उपरोक्‍त स्‍थिति में भी समाधान संभव है, बशर्त जिला अधिकारी किसानों से सीधी बात करें।