21 जुलाई 2018

आगरा स्‍मार्ट सिटी कंपनी नगर निगम के तहत लाये जाने तक चलेगा संघर्ष : सिविल सोसायटी

'रमन अनुभव नकार कर ताज ईस्‍टर्न गेट नाले पर बीस करोड खर्च करने पर क्‍यों आमादा है कंपनी
 आगरा: आगरा स्‍मार्ट सिटी लिमिटेड शत प्रतिशत जनता के पैसे से बनी कंपनी  है और अब कंपनी का तंत्र
स्‍मार्ट सिटी नगर निगम के तहत
लायाजाय :  अभिनय प्रसाद
उससे ही दूरी बनकार चलने की नीति अपनाये हुए है। यह कहना है सिविल सोसायटी आगरा के जनरल  सैकेट्री श्री अनिल शार्म और श्री अभिनय प्रासद एडवोकेट का। उन्‍होंने कहा कि स्‍थानीय स्‍थिति की गहनता से जानकारी रखने वाले पार्षदों की मौजूदगी होने के कारण स्‍मार्ट सिटी की योजनाओं के बनाये जाने में  नगर निगम सदन की सबसे महत्‍वपूर्ण भूमिका हो सकती है, जिसे जानबूझ कर अनदेखा किया जा रहा है। 
श्री अभिनय प्रसाद ने कहा कि पूरा एक साल हो गया किन्‍तु स्‍मार्ट सिटी अपना विजन डौक्‍यूमेंट तक पब्‍लिक के सामने नहीं ला सकी। उन्‍होंने कहा कंपनी अगर ताजगंज क्षेत्र के वार्डों में काम करवा रही है तो पार्षदों के माध्‍यम से कम से कम जनता को यह तो मालूम होना ही चाहिये कि स्‍मार्ट सिटी लि के द्वारा करवाये जा रहे इन कामों से नगर निगम को कितना फायदा होगा यानि धन बचेगा।

श्री प्रसाद ने कहा है कि स्‍मार्ट सिटी अगर नगर निगम के विकल्‍प के रूप मे लाये जाने की तैयारी है तो भी सरकार को यह स्‍पष्‍ट कर देना चाहिये और संबधित मंत्रियों वाक्‍य पटुता दिखाना छोड कर संविधान के 74 वें संशोधन में बदलाव को संसद में खुलकर लाना चाहिये।
 श्री अभिनय प्रसाद ने कहा कि स्‍मार्ट सिटी लि. नागरिको को आधी अधूरी सूचना और जानकारियां देकर थोपी हुई गैर जरूरी कंपनी है। अब चूंकि बहुमत की सरकारों को गलतियां और मनमानी जनता पर थोपने का हक सा रहता  आया है इस लिये बने हुए हालातों के बदलाव के लिये कोशिश करने में  अपना ज्‍यादा समय नष्‍ट नहीं करेंगे किन्‍तु कंपनी के काम काज को अधिक जन-उन्‍मुख बनाये जाने और पारदर्शिता लाये जाने के लिये जो भी संभव होगा करेंगे।
ताज पूर्वी गेट नाला सींमेंट
स्‍लैैैैबं से  पाटना  गलत
साइटी के जनरल सैकेट्री अनिल शर्मा ने कहा है कि आगरा नगर निगम शहर वासियों की चुनी हुई संवैधानिक संस्‍था है और वह उन सभी कामों को करने में सक्षम है जिनके लिये स्‍मार्ट सिटी कंपनी का गठन किया गया है। उन्‍होंने कहा कि उनका प्रयास होगाप कि कंपनी का कामकाज  नगर निगम सदन की सीधी निगरानी में लाया जाये। उन्‍होंने कहा कि ताजमहल के आसपास के क्षेत्रों सीवर लाइन डाली हुई है और कूडा निस्‍तारण की ताजमेगा प्रोजेक्‍ट तथा  पथकर निधि के तहत भारी भरकम खर्च कर प्रभावी व्‍यवस्‍था की जानकारी दी जाती रही है, फिर भी  ताज ईस्‍टर्न गेट नाले को पाटने की क्‍या जश्ररत है।
श्री शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट मानीटरिंग कमैटी  के अध्‍यक्ष श्री रमन कह रहे है कि अगर उनके द्वारा प्रस्‍तावित 70 लाख रूपये की लागत वाला प्रोजेक्‍ट मान लिया जाये तो 21 करोड रुपये खर्च करने और स्‍ट्राम वाटर डिस्‍चार्ज चैनल को पाटने से बचा जा सकाता है। वैसे भी यह ताज ट्रिपेजियम जोन के लिये प्रचलित गाइड लांइसों के भी  विरूद्ध है।  नाला टैपिंग का 'ककरैठा वैट लैंड प्रोजेक्‍ट'  मॉड्यूल कामयाब रहा है फिर इसे ताजगंज में ताज इंस्‍टर्न ड्रेन पर इस्‍तेमाल करने में क्‍यों संकोच किया जा रहा है।