11 मार्च 2018

गजेटियरों की तर्ज पर जानकारियों से भरपूर है 'एनवायरमैंट : इश्‍यू एंड चैलेंजेस '


--पुस्‍तक में कुष्‍ठ रोग के बिसराये विषय पर भी कलम चलायी है डा के एस राणा ने 
आगरा के मेयर नवीन जैन को डा के एस राणा ने अपनी
 पुस्‍तक 'एनवायरमेंट:इश्‍यू ऐंड चेलैैैैजेस' भेंंट की। 



आगरा : प्रख्‍यात पर्यावरण विद् डा के एस राणा ने पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के उपायो पर गंभीर चिंता जतायी  है। रैफ्रेन्‍शियल कंटैंटों से भरपूर उनकी पुस्‍तक ‘एनवायरमैंट : इश्‍यू   एंड चेलैजिज’ (ENVIRONMENT: ISSUES & CHALLENGES)   के मुद्रित हुए तीसरे संस्‍करण में पूर्व दो  संस्‍करणों में उल्‍लेखत तमाम तथ्‍यो को और  अधिक सारगर्भिता के साथ इसमें समावेषित किया गया है। वैश्‍विक परिवेश से संबधित 14 जून 1992 रियोडिजनिरियो के डिक्‍लयरेशन का............  
जहां भारतीय परिवेश मे उल्लेख है, वहीं ताजमहल पर प्रदूषण के कुप्रभाव और क्‍लाईमेट चेंज के आगरा सहित उत्‍तर प्रदेश पर पडे प्रभाव भी इसमें शामिल हैं। इस सबके बाबजूद  मूल विषय आगरा के पर्यावरण  पर ही केन्‍द्रित  रहा गया है।
यमुना क्‍यो साफ नहीं हो सकी, ताजमहल पर बेशुमार खर्च किये जाने के बावजूद पर्यावरणीय खतरे क्‍यो मडरा रहे हैं आदि जनमानस मे बने रहने वाले प्रश्‍नो के जबाव इस 104 पेज की किताब में दर्ज हैं।वैसे तो इसका किसी के द्वारा भी पढा जाना उपयोगी है किन्‍तु  आगरा के मेयर , आगरा छावनी के उपाध्‍यक्ष तथा आगरा में नियुक्‍त होने वाले  कलैक्‍टरों को यह किताब पढना खास तोर से  उपयोगी साबित हो सकता है।ये सभी वे हैं जिन्‍हें अगर सही सटीक जानकारी होंगी तो ताजमहल और प्रदूषण के नाम पर मजबूत भ्रष्‍टतंत्र इनका दुरोपयोग नहीं कर सकेगा। 
लिप्रोसी और आगरा 
किताब में डा राणा ने ताजमहल के संरक्षण के साथ साथ पर्यावरण और जनस्‍वस्‍थ्‍य के मूल मुद्दों को कामयाबी के साथ  उठाया ही गया है  । आगरा किन्‍तु इस सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण गांधी जी के मिशन में शामिल कुष्‍ठ रोग की ओर ध्‍यान दिलाना है। ताजगंज में गांधी कुष्‍ठ आश्रम और जालमा इस्‍टीट्यूट दोनो ही है । गांधी कुष्‍ठ आश्रम दुनियां का दूसरा सबसे पुराना केन्‍द्र है जहां इस रोग से पीडितों को रहवास देकर समाज से जोडारहने का प्रयोग  किया गया। आगरा के इ्स्‍ट इंडया कंपनी के ले गर्वनर जेम्‍स थामसन ने निजी दिलचस्‍पी से इसे ताजगंज में जगह दिलवायी थी। एस एन मैडीकल कालेज (तब थामसन मैडीकल स्‍कूल) के पहले प्रसिपल जोह्न मूरे इसके रेग्‍यूलर विजिटर थे। सैकेड वर्ल्‍डवार से आहात गांधी दर्शन के प्रति झुकाव वाले जापानी मियां जाकी (Dr. Miyazaki (Founder & First Japenese Director) ने जालमा लिप्रौसी सेंटर शुरू करवाया था। गांधी जी 1929 में अपने आगरा प्रवास के दौरान संया ब्‍लाक के बृथला गांव के उस चमत्‍कारी तालाब को देखने गये थे जिसके पानी मे स्‍नान करने से कुष्‍ठ रोग ठीक होने की मान्‍यता है। अब भी इस तालाब में लोगों का नहाने पहुंचने का सिलसिला बना बना चल रहा है। टर्मनल राजवाह के गढसानी माईनर से तालाब में पहुपानी पहुंचाने की व्‍यवस्‍था है। जबकि पूर्व में यह लोकल कैचमेंट एरिया के डिसचार्ज से स्‍वत: ही भरा रहता था। मराठा शासक महादजी सिंधिया के शासन काल में यहां एक मन्‍दिर भी बनवाया गया था।
ऑन लाइन एडीशन भी 
काऊंसिल फार नेचुरल साइंस देहरादून इस स्‍पेशल वाल्‍यूम का प्रकाशक है। प्रिंट के साथ साथ यह ऑन लाइन एडीशन के रूप में भी उपलब्‍ध है।