21 मार्च 2018

इंटरनेशनल फ्लाइटों के उपयुक्‍त सिविल एयर टर्मिनल 2018-19 चुनाव वर्ष का मुख्‍य मुद्दा

--आगरा में 12 करोड की बचत , पूर्व से  संचालित तीन एयरपोर्टों पर  राज्‍य सरकार खर्च करेगी सात अरब 
चैम्‍बर के  अध्‍यक्ष राजीव तिवारी ने दी सिविल एन्‍कलेव के बारे में जानकारी
 मंचस्‍‍‍‍थ हैं दिगम्‍बर सिंह धाकरे, राजीव सक्‍सेना एवं अनिल शर्मा ।

                                                    
   (रिपोर्ट एवं फोटो :असलम सलीमी)
आगरा: ताज सिटी की नेशनल एवं इटरनेशनल कनैक्‍टविटी लम्‍बेसमय से बनी चली आ रही जरूरत है, इसके लिये हर संभव प्रयास किया जायेगा। यह कहना है उ प्र चैम्‍बर आफ कामर्स एंड इंडस्‍ट्रीज के निर्वाचित अध्‍यक्ष श्री राजीव तिवारी का।श्री तिवारी जो कि सिकन्‍दरा स्‍थित ‘ द के एस रॉयल ‘ होटल के वैंकटब्‍ हॉल सिविल सोसायटी आगरा के तत्‍वावधान में आगरा की एयरक नैक्‍टिविटी पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे ने  कहा कि वर्ष 2018-19 चुनाव वर्ष है, संयोग से यही उनके  शुरू होने जा रहे कार्यकाल की  भी अवधि है । उनकी
कोशिश होगी कि इस दौरान न केवल सिविल एन्‍कलेव बनने का काम शुरू हो जाये , बल्‍कि यह डोमेस्‍टिक और इंटरनेशनल दोनो ही फ्लाइटों के
लिये अनुकूल हो।
श्री तिवारी ने कहा कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट को आगरा के स्‍थान पर जैबर लेजाये जाने के निर्णय से बेहद कष्‍ट है ,क्‍यो कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट की उपयुक्‍त जगह तो आगरा ही है।इसका कारण संभवत: राजनैतिक प्रभाव में आगरा कमजोर पडना  रहा । श्री तिवारी ने कहा कि फिलहाल मैं इतना अवश्‍य कहता हूं कि राजनीतिज्ञों से बनी चल रही संवाद –संपर्क स्‍थति को और प्रभावी बनवाने का प्रयास करेंगे। उन्‍होने कहा कि केवल चैम्‍बर या राजनीतिज्ञों के द्वारा ही किसी मुद्दे को उठाते रहना पर्याप्‍त नहीं होता । जनता को भी इससे जोडना जरूरी होता है। जो बात जनता की आवाज के रूप में मुखरित होती है उसकी अनदेखी कोयी भी व्‍यवस्‍था नहीं कर पाती है। एयरपोर्ट के मामले में भी उन्‍होंने हस्‍ताक्षर अभियान आदि के माध्‍यम से जनता को सहभागी बनाया था। 
प्रख्‍यात निर्यातक श्री दिगंबर सिंह धाकरे  ने कहा कि मुल रूप से वे समाज सेवी है किन्‍तु राजनीति से भी जुडा रहने से उन्‍हे अहसास है कि जनता का ज्‍यादा दिन भुलावे में नहीं रखा जा सकता जब उसे लगता है कि उसके साथ वायदा खिलाफी हो रही है तो वह बडी से बडी राजनैतिक ताकत का कंफर्ट जोन खत्‍म कर देती है। उन्‍होंने कहा कि जिस स्‍थान पर एन्‍कलेव बन रहा है, उस स्‍थान का चिन्‍हांकन जैबर एयरपा्रेजेक्‍ट के साथ ही 1012 में बहन मायाबती के मुख्‍यमंत्रित्‍व काल में हुआ था।यहां इटरनेशनल फ्लाइटों की जरूरत के मुताबिक सिविल एन्‍कलेव को बनाया जाना था। उन्‍होंने कहा कि जमीन के आकार में काटछोट कर इसे सीमित उपयोगिता वाले एयरपोर्ट में तब्‍दील न कर ‘रॉयटस ‘ की मूल योजना व आकार के अनुरूप ही विकासित किया जाना चाहिये। जहां तक 12 करोड की बचत का सवाल है , इसके स्‍थान पर विवाद का कारण बनी जमीन और निर्माणों का मूल्‍याकंन कर जमीन लेने का प्रयास करना चाहिये। उन्‍होंन कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार  किसान उचित मुआबाज लेकर जमीन देना चाहते है किन्‍तु प्रशासन जमीन लेने के स्‍थान पर एयरपोर्ट को इंटरनेशनल फ्लाइटों में इस्‍तेमाल होने वाले बडे हवाई जहाजों के लिये एयरपोर्ट अनुपयोगी बनाये जाने के काम को ज्‍यादा दिलचस्‍पी ले रहे है।
इस अवसर पर उपस्‍थित बल्‍हेरा गांव से संबधित मूल रूप से किसान , शिक्षाविद्  श्री अखिल महेश्‍वरी ने कहा कि यह कहना गलत है कि किसान जमीन देना नहीं चाहते , जबकि हकीकत यह है कि प्रशासन मुआबजा देने के नाम पर मनमानी थोपना चाहता है। कम से कम किसानों को सरकार की निति के अनुरूप मुआबजा तो मिले । उन्‍होंने कहा कि दरअसल पूर्व में प्रशासन में रहे  क्षेत्र से संबधित अधिकारी राजस्‍व रिकार्डो में जो भूलें कर गये है , प्रशासन उन्‍हे दुरुस्‍थ नहीं कर रहा है। फलस्‍वरूप मुआबजा राशि का सही मूल्‍यांकन नहीं किया जा पा रहा है1 उन्‍होंने कहा कि जिन जमीनों के बहनामों पर लोकेशनों के अनुसार व्‍यवसायिक और आबादी क्षेत्र की जमीन के हिसाब से स्‍टांप लगते रहे हैं वहां जमीनो और उस पर हो चुके निर्माणों का मूल्‍यंकन कर मुआबजा दिये जाने की मांग  से सरकार क्‍यो मुंह मोड रही है।
भारतीय गुप्‍तचर सेवा के वरिष्‍ठ अधिकारी रहे श्री वी के शर्मा ने कहा कि अपने दायित्‍वों के संबध में उन्‍हे अनेक देशों मे तैनात रहना पडा है , दुनियां भर में भारतीय शहरों मे दिल्‍ली के बाद केवल आगरा ही ऐसा है जिसे ताजमहल के कारण लोग जानते हैं और भारत यात्रा के दौरान आना चाहते हैं । इनमें से ज्‍यादातर का मानना था कि आगरा में इंटरेनशनल एयरपोर्ट होना चाहिये। 
जर्नलिस्‍ट राजीव सक्‍सेना ने कहा कि जहां आगरा में नये बन रहे सिविल एन्‍कलेव को चार हेक्‍टेयर जमीन न खरीदकर 12 करोड बचत की बात प्रचारित की जा रही है, वहीं दूसरी ओर पूर्व से आपरेटिड बरेली , इलहाबाद तथा लखनऊ के एयरपोर्टों को विस्‍तार देने के लिये 700करोड ( सात अरब रुपये) खर्च करने को तैयारी  है। उन्‍होंने कहा कि तीनो ही एयरपोर्टें के लिये यह बडी धनराशि वास्‍तविक जरूरतों से अधिक राजनैतिक कारणों से स्‍वीकृत एवं अवमुक्‍त होना संभव हुआ है। उन्‍होंने कहा कि उपयुक्‍त होगा अगर मूल्‍यंकन के अनुसार जिन जमीनों की खरीद पर आपसी सहमति से खरीद की स्‍थिति नहीं बन पा रही है उनके संबध में कैबीनेट कों निर्णय के लिये अग्रसरित किये जाने चाहिये। निश्‍चित ही वहां किसानों की अपेक्षाओं को तकनीकि या नीतिगत आधार पर नकारा नहीं जायेगा। 
  डॉ आर सी शर्मा, सुश्री रुनू दत्ता,डा मधु भारद्वाज  श्री अभिनय प्रसेद.,अनिल कुमार शर्मा,  श्री दीपक राघव, श्री अखिल महेश्वरी, श्री रंजन  शर्मा, श्री शैलेन्द्र नरवर, श्री दिवाकर तिवारी, डॉ वरुण मोदी  श्री विकास शर्मा, सुश्री अंजू दिअलानी, डॉ मनिंदर कौर, आदि की भागीदारी रही । कार्यक्रम का संचालन आगरा सिविल सोसायटी के जनरल सैकेट्री अनिल शर्मा के द्वारा किया गया।