नई दिल्ली : बिटक्वाइन जैसी आभासी मुद्रा को इस्तेमाल करने वालों और उनके कारोबार में संलग्न लोगों को दिसम्बर, 2013, फरवरी 2017 और दिसम्बर 2017 में भारतीय रिजर्व बैंक ने सावधान किया था। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा था कि यह आभासी मुद्रायें वित्तीय, वैधानिक और सुरक्षा संबंधी मामलों के लिए खतरनाक हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने यह भी स्पष्ट किया था कि उसने बिटक्वाइन या किसी भी अन्य आभासी मुद्रा के लेन-देन और संचालन के संबंध में किसी भी कंपनी या एजेंसी को न तो लाइसेंस दिया है और न उन्हें अधिकृत किया है। भारत सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि आभासी मुद्रायें लेन-देन के लिए किसी भी प्रकार वैधानिक नहीं है और उन्हें कोई भी कानूनी अनुमति नहीं दी गई है। आभासी मुद्राओं में निवेश करने वाले और अन्य भागीदार अपने जोखिम पर लेन-देन करते हैं और सबसे अच्छा तरीका यही है कि इस प्रकार के किसी भी लेन-देन से बचा जाए।