5 नवंबर 2017

जी एस टी की पेचीदगियां दूर हो तो फिर रफ्तार पकडे 'जूता कारोबार '

'क्‍वलिटी और रिलाइबिल्‍टी' हैं 'मेक इन इंडिया ' का असली आधार

'ईज इन डूइंग बिजनिस' पैनल डिस्‍कशन  जूता उद्यमियों ने जी एस टी पर जम
कर की चर्चा और बतायीं व्‍यवहारिक  कठनााईयां ।
आगरा: तीन दिवसीय आयोजन जूता उत्‍पादक फर्मों और शूइंडस्‍ट्रीज से संबधित 'मीट एट आगरा'  सरकारी उपक्रमों के प्रतिनिधियों की बडी संख्‍या में भागीदारी रही।आयोजन संस्था आगरा फटवियर मैन्‍यूफैक्‍चरर्स  एंड एक्‍सपोर्ट चैम्‍बर 'एएफएमईसी' के तत्‍वावधान में आयोजित  देशभर से आये जूता उत्‍पादकों की अपने प्रतिनिधियों के माध्‍यम से भागीदारी रही । उन्‍होंने आयोजन स्‍थल पर ढाई सौ स्‍टालों में लगी नयी तकनीकियों एवं मशीनरी की एग्‍जीवीशन के प्रदर्शें के प्रति खास दिलचस्‍पी दिखाई। विपणन संबधीगत विधियोंमें भी में भी पर्यावरण संरक्षण के अनुकूल बतायेगये प्रदर्श मुख्‍य आकर्षण रहे। उद्यमी जूता उत्‍पादक इकाईयों से निकलने वाले वेस्‍ट के लाभदायी निस्‍तारण के बारे में भी अपने अनुभवों को एक दूसरे से शेयर करते रहे। संपन्‍न सत्रों में 'ईज आफ डूइंग' और 'मेक इन इंडिया स्‍टेटस कांस्‍टेंटस' विषयक हुए पैनल डिस्‍कशन में सरकार की नीतियों,लक्ष्‍यों और उनके कारण कारोबारियों के द्वारा सामना की जा रही मुश्‍किलों व पेचीदगियो पर जमकर चर्चा हुयी । 

ट्रेड लीडर्स और  एक्‍सपोर्ट प्रौसिसिंग को डील करनेवालों ने अधिकार सक्षम अधिकारियों और शू ट्रेड से संबधित उच्‍चस्‍तरीय सरकारी कमेटियों में शामिल प्रतिनिधियों से संपन्‍न पैनल डिस्‍कशन में कहा कि सात दिन
उद्यमियों ने अपनी पारखी नजरों से प्रदर्शनी में आये प्रदर्शों
की ली  जानकारियांं
ये जिससे कारोबारियों को राहत मिल सके। वर्तमान में हालात ये हैं कि चार चार महीने तक इंतजार करना पड रहा है रिफंड के रूप में अपना ही पैसा वापस पाने को। फलस्‍वरूप कैश लिक्‍यूडिटी कम या खत्‍म नहीं हो यह सबसे बडी चुनौती है। जीएसटी में सुधार करने के लिये सक्रिय अधिकारियों को इसकी गंभीरता को समझना होगा ।

'जी एस टी एंड ईजी आफ डूइंग बिजनिस ' 

 एफमैक के अध्‍यक्ष श्री पूरन डॉवर ने कहा कि विसंगितयां और आरंभिक परेशानियां अपनी जगह महत्‍वपूर्ण हैं इनमें सुधार होना ही चाहिये ,किन्‍तु इतनी अपेक्षा तो जरूर है कि कारोबारियों की व्‍यवहारिक परेशनियों को पूरी गंभीरता से लिया जाये तथा त्‍वरितता से उनका समाधान हो। श्री डावर ने कहा कि ' एक देश एक टैक्‍स ' की मंशा से लागू किया गया जीएसटी सरकार का एक सकारात्‍मक कदम है किन्‍तु अपेक्षा  है कि इसका असर दूरगामी न होकर त्‍वरितता से प्रभावी किया जाये।उन्‍होंने कहा कि ' ईज आफ डूइंग का इससे बडा प्रमाण क्‍या होगा कि कारोबारियों को जहां पूर्व में 12 अलग अलग टैक्‍स भरने पडते थे अब केवल एक ही टैक्‍स 'जी एस टी' ही भरना पड रहा है। उन्‍होंने उम्‍मीद जतायी कि अगले 'मीट एट आगरा 'आगरा के आयोजन तक जीएसटी जूता कारोबारियों के द्वारा सामना की जानेवाली स्‍थितियों के पूरी तरह से अनुकूल हो चुका होगा।  लैदर सैक्‍टर स्‍किल डव्‍ल्‍पमेंट काऊंसिल( एल एस डी सी ) के चेयरमैन  हबीब हबीब हुसैन नेकहा कि जीएसटी एक बडा कदम है किन्‍तु  इसमें दो राय नहीं कि मौजूदा दौर ट्रेड के लिये चुनौती भरा है। इंडियन कंपोनेन्‍ट मैन्‍यूफैक्‍चरर्स एसोसियेशन के (इफ्कोमा ) के ज्‍वांट सैकेट्री संजीव ने मौजूदा चुनोतियों और उनसे निपटने के उपायों  की जानकारी दी , वहीं  काऊंसिल फार लैदर फुटवियर लैदर ऐंड एसेसरीज( सीएफएलए) के चेयरमैन आदेश गुप्‍ता ने कहा उन्‍हें पूरी आशा है कि आने वाला कल और बैहतर होगा । उन्‍होंने दावा किया कि जीएसटी का असर 2018 से दिखना शुरू हो जायेगा । 
एफडीडीआई एम डी,अरुण सिन्‍हा कमिश्‍नर जी एस एस टी(सी)आर सी खोसला, इन्‍कम टैक्‍स कमिश्‍नर श्रीमती रेनू जौहरी  एडीशनल कमिश्‍नर   स्‍टेट टैक्‍स डा एमबी पांडेय ,सी एफ एल ए के चेयरमैन  आदेश गुप्‍ता,एल एस एस डी सी के चेयरमैन हबीब हुसैन ,आई एफ कोमा केएज्‍वाइंट सैकेट्री संजीवनारंग, 

मेक इन इंडिया स्‍टेटस कांस्‍टेंटस 

इस सत्रमें वक्‍ताओं कामुख्‍यवल गुणवत्‍ता और दक्षिता पररहा । वक्‍ताओं शूइंडस्‍ट्रीज में नये प्रयोगों  की व्‍यापक संभावनाये बतायीं तथा कहा कि प्रडोक्‍शन क्षेत्र में अबभी बहुतकुछ ऐसा करने को है जिससे उद्यमियों कातो फायदा होगाही साथ ही भरत के सकल उत्‍पादन में भी योगदान संभव करेगा । दूसरा पैनल डिस्‍कशन सत्र मेक इन इंडिया स्‍टेटस कंस्‍ट्रेन्‍टस (constraints) विषय हुआ चैयरमैन सी एल ई मुख्‍तयार उल अमीन, वीसी सी एल ई पी आर अकील अहमद ,एफडीडीआईकेचेयरपर्सन  श्रीमती रेवथी राय, आरसी(डव्‍लू) सी एल इ आर रमेश कुमार, सीएलई के अधिशासी निदेशक आर रमेश कुमार , सी एल आर आई के  डायरैक्‍टर डाबीचन्‍द्रशेखरन,सी एल आर आई के सीनियर मेम्‍बर दीपक मनचन्‍द्रा शूज ऐंड एसेसरीज के एमडीअमितचोपडा, ए एफ एम ई सी के वाइस प्रेसीडैंट राजेश सहगल आदि सत्र के मुख्‍य वक्‍ता के रूप में सहभागी थे।