23 सितंबर 2017

नरेंद्र मोदी की मन की बात और इसके श्रोता,तीन साल में किसको क्या मिला

प्रधानमंत्री का मासिक रेडियो संवाद रेडियो कार्यक्रम मन की बात पिछले तीन वर्षों  में एक ऐसी संवाद प्रक्रिया के रूप में अपने को स्थापित कर चुका है जहां दो तरफा संवाद है तो आम लोगों के लिए एक भरोसे का स्तंभ कि उन्हें सुना जा रहा है। चाहे स्वच्छता हो, किसानों का मुद्दा हो, या बेटियों को आगे बढ़ाने का मसला और नशे की लत जैसे मसले मन की बात ने समाज के हर वर्ग और कई समस्याओं को चर्चा और समाधान के केंद्र में रखा है।पिछले तीन सालों में मन की बात धीरे धीरे, हम सब की बात होती गई। मन की बात में प्रधानमंत्री कभी शिक्षकों की बात करते हैं तो कभी खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने की बात। सैनिकों के बलिदान को याद करते हैं तो देश के निर्माण में शामिल विभूतियों को नमन करते हैं। देश का शीर्ष नेतृत्व, जो उम्मीदों का प्रतीक है। जो भविष्य की दिशा तय कर सकता है, उसके लिए आम जनता का भरोसा, विकास की प्रक्रिया का एक अभिन्न हिस्सा हो जाता है।