पूर्वोत्तर से आगरा को मिलेगी हाठडिल पावर |
आगरा: नार्थ ईस्ट –आगरा
ट्रांसमीशन लाइन को डाले जाने का कार्य पूरा हो गया है और इसका शीघ्र ही आधिकारिक
रूप से उद्घाटन करने की तैयारी है। देश की यह सबसे लम्बी और अधिक क्षमता वाली
ग्रिड लाइन है। इससे ब्रह्मपुत्र नदी के अपर बेसिन और भूटान के बिजली स्रोतों से संग्रहित बिजली उत्तर भारत के सबसे अधिक
खपत वाले नेशनल कैपीटल जोन तथा ताज
ट्रिपेजियम जोन को हाईडिल बिजली उपलब्ध हो सकेगी।
--सितम्बर में उद्घाटन संभव
अति संवेदनशील चिकिन नैक कॉरीडोर जहां से होक निकलेगी पावर ग्रिड लाइन |
भारत सरकार के प्रतिष्ठान पावर ग्रिड कार्पोरेशन की ओर से प्रदत अधिकारिक जानकारी के अनुसार वर्तमान मे ट्रांसमीशन लाइन की टैस्टिंग का काम शुरू हो चुका है , अगर सब कुछ ठीक चला तो सितम्बर 2017 में इसका लोकापर्ण हो जायेगा। लाइन शुरू होने के साथ ही इसके माध्यम से नार्थ ईस्ट के राज्यो से 1,500 मैगावाट बिजली ट्रांसमिट कर आगरा तक लाई जा सकेगी। 12 हजार करोड का यह प्रोजेक्ट पूरा होते ही मुनाफे के साथ नौ करोड आवादी वाले उस क्षेत्र की सेवा शुरू कर देगा जहा बिजली आपूर्ति की अनिश्चितता से नागरिको का जन जीवन तथा औद्योगिक विकास बुरी तरह से प्रभावित है। इस लाइन के डालने में अल्ट्रा हाई वोल्टेेज डायरैक्टक करैंट ट्रांसमीशन टैक्नेलाजी का इस्तेमाल किया गया है। नार्थ ईस्ट के सात राज्यों के जलस्त्रो में 60,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है।यह प्रयोग अब अवशेक्ष्मता के उपयोग का मार्ग भी प्रशस्त् करेगा।
--चीन का उत्पात
भारत की विद्य़़ुत क्षमता पर्याप्त हो जाने को लेकर चीन सबसे ज्या्दा बेचैन है। खास कर अरूणाचल का भी इसमें भरपूर योगदान रहना है, जबकि चीन अरुणाचल को अपना भाग मानकर दलाई लामा तक का वहां जाना बर्दाश्त नहीं करता है।जो भी हो इस बिजली ग्रिड के शुरू हो जाने से एन टी पी सी और उ प्र राज्य विद्युत परिषद अपनी उपलब्ध् बिजली को राज्य में ही अन्यत्र सप्लाई कर कमी को दूर कर सकेंगे।
--दरे हो सकती हैं कम
आगरा और उ प्र के एन सी आर वाले भाग में विद्युत प्राधिकरण के नियमो अनुसार बिजली के दाम का निर्धारण होता है, अगर पूरी स्टै्डी करके इस माले का उठाया जाये तो इंडट्रियल और घरेलू दोनो ही तरह की बिजली की दरों मे कमी आ सकती है।