24 अगस्त 2017

ताजमहल के गार्डनों के लि‍ये बनी नहर फि‍र से सुचारू होगी

पार्क माईनर में लगे 15 स्ट्रीट लाइट पोल नि‍गम हटवायेगा 

 आगरा : ताज ट्रि‍पेजि‍यम जोन के कोर एरि‍या की हरि‍याली को सघन व ताजगी भरा करने के लि‍ये नगर नि‍गम पार्क माईनर से 15 स्ट्रीट लाइटि‍ग के पोलों को हटायेगा। इन पोलों का उपयोग पूर्व में क्षेत्र की वि‍द्युत व्यवस्थाए के लि‍ये होता था कि‍न्तु जब वह अंडरग्राऊंड हो गयी तो उनपर केवल स्ट्रीट लाइटें ही लगी रह गयीं। नगर आयुक्ता अरुण प्रकाश,नि‍गम के चीफ इंजीनि‍यर तरुण शर्मा के साथ इन खम्बो का नि‍रीक्षण कि‍या और इन्की  शि‍‍फ्टि‍ग तीव्रता के साथ करने कोआदेश दि‍या।



नगर आयुक्त अरुण प्रकाश ,अधीक्षण अभि‍यंता एन सी उपाध्‍याय आदि 
डि‍प्‍टी सी एम को दि‍लचस्‍पी :
 उल्लेखनीय है कि‍ पार्क माईनर को पुन: प्रवाह युक्त  करने का मुद्दा जलाधि‍कार फाऊंडेशन के द्वारा डि‍प्टी सी एम डा दि‍नेश शर्मा के समक्ष उठाकर इस नहरी चैनल की उपयोगि‍ता और एति‍हासि‍कता की जानकारी दी गई ।जब यह मामला जि‍ला अधि‍कारी गौरव दयाल के समक्ष पहुंचा तो उन्होंने जलाधि‍कार  फाऊंडेशन की माग को उपयुक्त  मान कर कार्रवाही का आदेश दि‍या।
टोरैंट ने हटवाये दो ट्रांसफर्मर : नहर पर आगरा महानगर को बजली अापूूूूर्ति‍ करने वाली टोरैंट कंंपनी  अभि‍यान  की जानकरी उन्हे मि‍ली उन्हेंने अपने ट्रासफर्मार शि‍फ्ट करवा दि‍ये। 

सिचाई वि‍भाग नहर मे पानी देने को सहमत : 
सि‍चाई वि‍भाग के अधीक्षण अभि‍यंता एन सी उपाध्याय ने कहा कि‍ अगर चैनल अवरूद्ध नहीं रहे तो पानी पुन: टेल तक पहुंचना शुरू हो जायेगा फलस्वरूप ताज गार्डन ओर सर्कि‍ट हाऊस के तालाबों में भरपूर पानी भरने लगेगा। नि‍गम अधि‍कारि‍यों के नि‍रीक्षण के बाद अधीक्षण अभि‍यंता एन सी उपाध्याेय के कार्यालय में अधि‍कारि‍यो की औपचारि‍क बैठक हुई ,जि‍समें नगरायुक्त श्री अरूण प्रकाश ,अपने चीफ इंजीनियर श्री तरूण शर्मा, संजय कटयार, ऐक्सीक्यूटिव  इंजीनियर मनोज प्रभात व जलाधिकार पावर टीम के अवधेश कुमार उपाध्याय व अशोक कुशवाहा आदि‍ उपस्थिा‍त थे। 
श्री उपाध्याय ने कहा है कि‍ ताजगंज के  गिरते जलस्तर में सुधार और ताज संरक्षि‍त क्षेत्र के कोर जोन के पेडो व लानों को खारे पानी से बचाने के लि‍ये पार्क माईनर  चेनल काफी महत्वंपूर्ण है। उन्होंने कहा कि‍ यह सि‍चाइ्र वि‍भाग का रैग्यूलर और रोस्टूर में दर्ज चैनल है। समान्यरूप में इसमे खेती में नहरी पानी की जरूरत कम हो जाने वाले दि‍वसों में ही पानी दि‍या जाता है। जिसे तालाबों में भरकर उद्यान वि‍भाग अपनी जरूरत के हि‍साब से गार्डनों में इस्तेमाल करता रहता है। श्री उपाध्यांय ने कहा कि‍ सबस महत्वापूर्ण है कि‍ उद्यान वि‍भाग इस पानी का नि‍र्धारि‍त दर से दाम चुकाने को भी तैयार है। 
ग्रीसन ने बनवाया था पार्क  माईनर वाटर चैनल :
 पार्क माइनर ताजमहल के आसपास की हरि‍याली के लि‍ये मीठे पानी का मुख्य  स्रोत   है। जब मुगलों के समय चलने वाले रहट ,पुर और ढकेल के प्रचलन बन्द हो गये और बेगारी पर काम लेने की प्रथा नहीं रही तो हरि‍याली को मीठे  पानी की उपलब्धता लगभग नामुमकि‍न हो गयी। इसी दौर में वाय सराय लार्ड कर्जन के द्वारा ताजमहल और उसके आसपास हरि‍याली की संघनता की जरूरत महसूस की गयी। इसके लि‍ये आगरा में गार्डन सुप्रि‍टेडेट पद सर्जि‍त कर इसके सुप्रि‍टैडेंट पद पर इंग्लिश  उद्यानवि‍द(हार्टीकल्चरि‍स्ट)  अलवर्ट एडवर्ड पीटर ग्रीसन  (Albert Edward Peter Griessen -1875–1935)को कल्कतता से आगरा बुलवाया   गया ।आगरा में उसने पालीवाल पार्क को सि‍टी फारैस्ट  वि‍द वाइल्डरनैस के कसैप्ट के साथ यमुना नदी की ओर ढलान वाले टीलों के बीच ‘लैंडस्कैपिंग  ग्रीनरी के साथ वि‍कासि‍त कि‍या । यहां के लि‍ये भी उसने सि‍कन्दरा राजवाह से पालीवाल पार्क तक गूल से नहरी पानी पहुंचाने तथा तालाबों में इसे भरने का इंतजाम कि‍या था। ताजगंज की ग्रीनरी के लि‍ये बनाये गये पार्कमाइनर पर गीसन ने एक हम्प भी लगवाया जो कि‍ डैना पार्क के(सर्कि‍ट हाऊस)पीछे   अब भी माईनर के टेल र्स्टैेक्चर मे भरी मि‍टटी के नीचे दबा पडा हुआ है।
हम्‍प से नहरी पानी बि‍ना बि‍जली का इंजन उपयोग कि‍ये ही लि‍फ्ट हो जाता था और उससे सर्कि‍ट हाऊस के लानों और गोल्‍फ ग्राऊंड को सींचने में उपयोग हो जाता था। जि‍स कंपनी ने यह हंप लगाया था,वह अब भी लंदन में हमप बेचने का करोबार करती है। मैट्रोपोलेटि‍न वि‍श्‍ववि‍द्यालय के स्‍टूडैंट का एक दल कुछ साल पूर्व आगरा आया था तब उसने इस हम्‍प को देखा था तथा बाद में लंदन पहुंचने पर जब कंपनी से बात की तो वह इसे सुचारू करने को तैयार थे।
नहर की जमीन पर कब्‍जा करने की नि‍यत
तत्‍कालि‍क स्‍थि‍ति‍यों में पार्क माईनर को सुचारु रखना तो दूर पटवाकर नि‍जी उपयोग में इसकेी जमीन का उपयोग करने वालों का प्रशासन मे असर ज्‍यादा था ।फलस्‍वरूप माईनर के ओपि‍न चैनल को पाइप चैनल के रूप में तब्‍दील कर दि‍या गया और बाद मे पाइपों की सफाई न करवा के मलवे से भरवाकर नहर को ही बन्‍द कर दि‍या गया। शहीद नगर और राजपुर क्षेत्र के कुछ असरदार चाहते थे कि‍ नहर पाट कर उस पर पार्कि‍ंग करने को उन्‍हें जगह उपलब्‍ध हो जाये। जमीन सि‍चाई वि‍भाग के नाम दर्ज होने से इसका कोशि‍शों के बावजूद खुर्दबुर्द हो पाना संभव नहीं हो पाया। अब तो खैर नहर पुन: सुचारू होने जा रही है।