--आधुनिकता की दौड में भी सदपरंपराओं के प्रति प्रतिबद्धता न छोडें: दादाजी
दादाजी ने कहा कि वक्त बदल रहा है, इस दौड में नागरिक भी शामिल हों किन्तु, उन मर्यादाओ और परंपराओं से जुडे रह कर जो सूफी ,संतो और अध्यात्म से गुंथी शहर की पहचान रही हैं। श्री बांके लाल महेश्वसरी ने दादाजी का सम्मान करते हुए कहा कि श्रीनाथ जलसेवा शहर के तनमन ,धन से समर्पित समाज सेवियों का एक ऐसा समूह है, जो जहां ग्रीष्म में सूखे कंठों को तृप्त करने को प्रयत्नशील रहता है, वहीं कडाके की सर्दी में जरूरी इंतजामों से युक्त रैनबसेरों की व्यावस्था करता है। परोपकार, सहष्णुता और भाईचारा लक्ष्यं रहे हैं। दादाजी का मार्ग दर्शन हमारे लिये सदौव प्रेरणाप्रद रहा है।
राधास्वमी मत के धर्म गुरू का नागरिकों की ओर से श्रीनाथ जलसेेेेवा के श्री बांके लाल महेश्वरी ने किया नागरिक अभिनन्दन |
(रिपोर्ट: असलम सलीमी) आगरा: कभी यमुना नदी में भरपूर पानी रहता था, नलों से जब चाह नागरिक जरूरत का पानी ले लिया करते थे किन्तु अब हालात बदले हुए हैं। पानी बिक रहा है ,बेहद अफसोस जनक नजारा है ।संतोष की बात है की बात है कि इस महौल मे भी पीने का पानी निशुल्क उपलब्ध करवाने की प्याऊ परंपरा को ‘ श्रीनाथ जल सेवा ’ के द्वारा जीवंत बनाये रखा गया है। उपरोक्तन अभिव्यक्ति राधास्वमी मत के धर्म गुरू एवं प्रख्यात शिक्षाविद डा अगम प्रसाद माथुर ने शहर वासियों के उस प्रतिनिधि मंडल से व्यक्त की जो कि श्री नाथ जल सेवा के
प्रमुख श्री बांकेलाल महेश्वरी के नेतृत्व में पीपल मंडी स्थित हुजूरी भवन, उनका अभिवादन और जन्म दिवस के अवसर पर शुभकामनायें देने पहंचा हुआ था।दादाजी ने कहा कि वक्त बदल रहा है, इस दौड में नागरिक भी शामिल हों किन्तु, उन मर्यादाओ और परंपराओं से जुडे रह कर जो सूफी ,संतो और अध्यात्म से गुंथी शहर की पहचान रही हैं। श्री बांके लाल महेश्वसरी ने दादाजी का सम्मान करते हुए कहा कि श्रीनाथ जलसेवा शहर के तनमन ,धन से समर्पित समाज सेवियों का एक ऐसा समूह है, जो जहां ग्रीष्म में सूखे कंठों को तृप्त करने को प्रयत्नशील रहता है, वहीं कडाके की सर्दी में जरूरी इंतजामों से युक्त रैनबसेरों की व्यावस्था करता है। परोपकार, सहष्णुता और भाईचारा लक्ष्यं रहे हैं। दादाजी का मार्ग दर्शन हमारे लिये सदौव प्रेरणाप्रद रहा है।
श्री महेश्वरी ने कहा कि दादाजी के जीवन के आठ दशक आगरा के जनजीवन को सकारात्मशकता की दिशा में प्रेरित करने वाले रहे हैं ,जो देश और समाज की अमूल्य निधि हैं।श्री महेश्व्री के अलावा सर्वश्री प्रकाश चन्द्रं ,कौशल बाबू आदि ने भी विचार व्यक्त कर दादाजी महाराज के शतायु होने की कामना व्य क्तर की।