6 जुलाई 2017

चीन में आंतरिक अशांति, जोरो पर हैं कम्यूनिस्टि विरोधी प्रदर्शन

--ग्वादर पार्ट को हांगकांग वाले मानते हैं अपने हितो के विरूद्ध
चीन की कम्‍यूनिस्‍ट सरकार के विरूद्ध शुरू है प्रदर्शनों का दौर
नई दिल्ली: एशिया के तमाम देशों के समान ही चीन भी अंन्दर से सुलग रहा है1 उसकी आर्थिक राजधानी हांगकांग में माहौल सबसे ज्यांदा गरमाया  हुआ है। बस रूस की तर्ज पर किसी येल्तसिन के आगे आकर नेतृत्व करने का इंतजार है। लाल चीन को हांगकांग की जनता बेहद नापसंद करती है। इस समय खुले अहिंसक विरोध करने को आमादा है।
विश्व समुदाय
से उम्मीद की जाती है कि वह लोकतांत्रिक व्य वस्थान के प्रति प्रतिबद्धता को अपनी प्रथमिकताओं में सबसे ऊपर रखेगा। किन्तु लगता है कि यू एन ओ के वीटो राइट-धारी चीन के मामले  में बिल्कुल ही उदासीन है। हांगकांग में चीन वन नेशन टू गर्वेमेंट सिस्टगम का पालन न करके वहां के लोकतांत्रिक अधिकारों का एक एक करके समापन सा कर रहा है।इसे लेकर हांगकांग की सत्तकर लाख से ज्यादा जनता चीन के विरूद्ध लामबन्दे है।जमकर चीन के विरूद्ध प्रदर्शन हो रहे हैं।
उल्ले्खनीय है कि  चीन को हांगकांग सोंपते हुए इंग्लैंड ने शर्त रखी थी कि चीन वहां की प्रशासनिक व्यवस्था  से अगले पचास साल तक छेड छाड नहीं करेगा। लेकिन  ब्रिटेन के जाने के बाद केवल बीसवें साल में ही चीन ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है।हाल में ही  20वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक समारोह में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि हांगकांग पहले कभी इतना स्वतंत्र नहीं था जितना आज है . साथ ही उन्होंने बीजिंग शासन के लिए अनुचित चुनौतियां  खड़ी किए जाने के खिलाफ आगाह भी किया।
 सब जानते है कि शी चिनफिंग इस समय चीन को एक जुट रखने के लियेमुश्किपल दौर में हैं। पाकिस्तान में ग्वादर पार्ट तक ट्रेड कॉरीडोर बनाये जाने को हांगकांग वाले पसंद नहीं करते और इसे हांगकांग  के आर्थिक विकास के विरूद्ध मानते हैं । उधर इस कॉरीडोर से चीन पाकिस्ता न की संस्कृंति में घुसी हुई मजहबी आतंकवादी सरगर्मियों को भी अपनी जमीन से ज्यादा दिन दूर रख सकेगा, इसमें भी शुवहा माना जाता है।
हांगकांग की नई नेता कैरी लाम ने अपने शपथ समारोह के बाद जैसे ही  एक टेलीविजन संबोधन में बीजिंग की नीतियों का गुणगान किया वैसे ही लाल चीन की तानाशाही  समर्थकों एवं विरोधियों के बीच झड़पे शुरू हो गयीं।