28 जुलाई 2017

आगरा के सिविल एन्क्लेव को एक पैसा तक रि‍लीज नहीं हो सका

सभी नौ माननीय खामोश रहे वि‍धान सभा के बजट सत्र में 
सि‍वि‍ल एन्‍कलेव आगरा प्रोजैक्‍ट : सब कुछ हवा में 
आगरा: ताज सि‍टी को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का बहुचर्चि‍त सि‍वि‍ल एन्कलेव को जमीन दि‍लवाने का काम एक बार फि‍र से अटक गया। चालू वि‍त्तीय वर्ष के बजट में इसके लि‍ये एक भी पैसा प्रदेश सरकार ने आवंटि‍त नहीं कि‍या। स्थानीय निकाय  चुनाव की घोषणा होती है तो चुनाव प्रक्रि‍या पूरी होने तक अधि‍सूचना को आधार बनाकर जमीन खरीदने के लि‍ये जरूरी 64 करोड की राशि‍ का 2017 में
अवमुक्त हो पाना लगभग नामुमकि‍न सा ही है। उधर वि‍धान सभा के बजट सत्र में भी आगरा के सि‍वि‍ल एन्कालेव का मामला एक दम ठंडा रहा।  वि‍धायकों में से एक भी आगरा के इंटरनेशनल एयरपोर्ट और सि‍वि‍ल एन्कनलेव को लेकर मानसून सत्र में सरकार से न तो कुछ भी करवा पाया और नहीं इस मामले को लेकर सदन में ही बोलने की गुंजायि‍श नि‍काल पाया। पार्टी के इन ‘सुपर ओबीडि‍येंट’ ‘नाइन ज्‍वैल्सं ‘ की पहचान अब तो आगरा में ही नहीं लखनऊ के राजनैति‍क हलकों तक में हो चुकी है। एन सी आर की ट्रेडर लाबी तो अपनी इनर सर्कि‍ल मीटि‍गों में रि‍यल स्टेैट ट्रेड में आयी मंदी से उबारने में इनके योगदान का उल्लेख करना शायद ही कभी भूलती हो।
 लोकसभा सत्र शुरू होने से पूर्व आगरा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाये जाने की मांग को उठाने के कई सांसदों ने भी दावे कि‍ये थे कि‍तु लगता है सदन के फ्लोर पर तो दूर लाबी तक में इस मामले को अब तक दमदारी के साथ नहीं रखा जा सका। आगरा मे जनता के सामने जीदारी दि‍खाने वाले दि‍ल्ली में जाकर खामोश हो गये।
केन्द्रीय मंत्री जयंत सि‍न्हा और अनुसूचि‍त जाति‍ आयोग के अध्यतकष रामशंकर कठैरि‍या भले नेता हैं कि‍न्तु सि‍वि‍ल एन्कलेव आगरा में बनाये जाने मुद्दे पर अब तक केवल बयान वीर ही सावि‍त हुऐ।