12 जून 2017

जोधपुर जखीरा मानसून में हो जायेगा पानी से भरपूर

--सरकार ने जखीरे का नाम किया 'पं दीन दयाल सरोवर'

जलाशय नि‍र्माण का जायजा लेते  'जलाधि‍कार 'के सदस्‍य
आगरा: जोधपुर  झील अब नई पहचान के साथ आगरा और मथुरा दोनों ही जनपद के नागरिकों के लिए दीन दयाल सरोवर के नाम से जाना जायेगा । इस झील को एक दशक बाद  नए सिरे से 54 हेक्टेयर में फैली विशाल झील का रूप दिया जा रहा है। अनुमान है कि अगले 15 दिनों में यह जल निकासी करने के लिए पानी से भरपूर होगा । आगरा नहर के सौ वें कि मी
पर बनी नहर कोठी के डाउन में यह सोरावर विकसित होगा। 1.5 कि मी इसकी लम्बाई होगी तथा 900 मीटर चौडाई जबकि इसमें पानी को भरा रखने के लिये लगभग 1100 मीटर का बांध बनाया जायेगा। मथुरा प्रशासन द्वारा इसे मानसून से पहले पूरा करने के लिए  प्रोजेक्ट के लिए दो जे सी बी मशीन लगाई गई थीं ।बांध  बन जाने के बाद यह मुख्य रूप से मानसून काल में ही लबाल किया जायेगा लेकिन यदि इसके बावजूद भी पानी के लिए गुन्जायश रहती है तो टर्मिनल राजवा और सिकन्दर राजवा के नान रोस्ट और दिन के पानी का उपयोग किया जायेगा। सामान्यत: जायद की फसल के दौरान नहरी पानी की मांग बेहद सीमित रहती है और इस पानी का उपयोग ग्रीष्म से निपटने के लिए तालाब भरने के लिए ही किया जाता है। इस पर भी जो पानी बचा है उसे एस्केपों से होकर निस्तारित किया जा रहा है है। सबसे बडी बात यह है कि बांध  के बनाये जाने के साथ ही जल निकासी के नहर कोठी छोर पर पार्क और हरि परिसर का विकास किया जायेगा। आधुनिक फर्नीचर युक्त इस परिसर में लोग आराम फर्मा सकेंगे। पर्यटन विभाग को इसके लिये शासन के द्वारा र्निदेश दिये जा चुके हैं। जलापूर्ति फाउंडेशन के द्वारा नई दिल्ली के प्रोजेक्ट पेश किए गए मानसून से पहले पूरा करने के लिए आग्रह किया गया था। बाद में फाउंडेशन के जनरल  सैकेट्री अवधेशजी   के साथ राजेश कुमार, डा अनुराग शर्मा, तत्सम शर्मा, अशोक कुशवाहा, अनूप और बिमल जैन आदि ने उपमुख्य मंत्री श्री दीनेश शर्मा से मुलाकात कर प्रोजाकेट को दीन दयाल शताब्दी के उपनिवेश में जखीरे का नाम आधिकारिक रूप से 'पं दीन दयाल सरोवर' रखने का अग्रह किया। बाद में शासन द्वारा वकायादा इसके  लिए आदेश जारी किया गया था। अग्रण्य मंडल में तीन दशक पूर्व कीठम झील का नाम बदल कर सूर सरोवर रखे जाने के बाद यह दूसरा और 21 वीं सदी का पहला झील जिसका नाम रखा जा रहा है।
पर्यटन स्थल  के साथ ही सुधरेगा भूगर्भजल : जलाधिकरण फाउंडेशन के जर्नल सैकटर्री अवधेश उपाध्याय ने कहा कि इस विशाल जल निकाय के बनजाने के बाद मथुरा, आगरा और भरतपुर जिले के सभी गांवों में भूगर्भ जलस्थाप में व्यापक सुधार आयेगा।