21 मई 2017

‘ लखनऊ- आगरा एक्सरप्रेस वे’ की जांच शरू

--पौधरोपण तक मे पाया जा रहा है मानकों का अनदेखा कि‍या जाना

' करवां गुजर गया , गुवार देखते रहे.....'
आगरा: अखि‍लेश यादव सरकार के बहुप्रचारि‍त प्रोजेकट आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे की जांच शुरू हो गई है। लखनऊ से आयी  टीम ने कठफोरी से लेकर आगरा की सीमा तक एक्सप्रेसवे के निर्माण की गुणवत्ता को परखने की प्रक्रि‍या में एक्सप्रेस वे पर हर दस किलोमीटर पर एक मीटर गहरे गड्ढे खोदे और सड़क की मोटाई मापी।हालांकि‍ जांच रि‍पोर्ट तो बाद में ही आयेगी कि‍न्तुढ प्राप्त् जानकारी के अनुसार जहां भी जांचा गया सडक पर
कंक्रीट की तह की मोटाई नि‍र्धारि‍त मानक से कही कम नि‍कली।
उल्लेगखनीय है कि‍ कैबिनेट की बैठक में गत दिनों एक्सप्रेसवे की जांच कराने के आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए थे।
आगरा से लखनऊ तक जाने वाले एक्सप्रेस-वे की फीरोजाबाद जनपद  में लगभग  38.4 किलोमीटर लंबाई है। जि‍सको बनाये जाने के लि‍ये 32 गांवों के 5200 किसानों से 410.0721 हेक्टेयर भूमि ली गई थी। जांच के लि‍ये बनी कमेटी में कमेटी के सीईओ अवनीश अवस्थी के यूपीडा के चीफ इंजीनियर एके पांडेय, टीम लीडर सलाहाकार एके सिंहा, क्वालिटी कंट्रोलर बीसी तिवारी, चीफ इंजीनियर दीपक कुमार आदि‍ शामि‍ल हैं जबकि‍ वरि‍ष्ठं आई ए एस अधि‍कारी अवनीश अवस्थी, टीम लीडर हैं। टीम ने कठफोरी से लेकर आगरा की सीमा तक करीब पचास किलोमीटर के क्षेत्र में जांच इस पहले चरण में की। टीम में शामि‍ल  वन विभाग के अधिकारि‍यों ने रोड साइड  पौधरोपण की स्थि ‍ति‍ का जायजा लि‍या तथा मानसून काल में पौधे पनपने की संभावनाओं को लेकर सुझाव परामर्ष भी दि‍ये। एक्सप्रेसवे पर एक किलोमीटर क्षेत्र में एक हजार पौधे लगाने का लक्ष्यभ था जबकि‍ वर्तमान में इसके दस प्रति‍शत पौधे भी नहीं लग सके हैं।