30 मई 2017

हिन्दी समाचार पत्रों की विश्वसनीयता आज भी कायम

मीडि‍या डयैरैक्‍ट्री का ढडी जी और डी एम ने कि‍या वि‍मोचन
                                                       फोटो:असलम सलीमी
आगरा: इलैक्ट्रेनिक मीडिया तथा वर्तमान में सोशल मीडिया, तथा ग्लोवल मीडिया हावी होने के बावजूद दिन चर्या की शुरूआत समाचार पत्र पढ़ने से होती है उसकी विश्वसनीयता आज भी कायम है कहा अजय आनन्द ने ताज सिटी आगरा में । 
हिन्दी पत्रकारिता दिवस  के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन होटल वैभव पैलेस में किया गया जिसके अन्तर्गत ‘‘वर्तमान में पत्रकारों की दशा और दिशा पर आत्ममंथन‘‘ विषय पर विस्तृत रूप में विचार-विमर्श
किया गया। 
       कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडीजी अजय आनन्द ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता की 188 साल के गौरव शाली यात्रा में पत्रकारिता को निरन्तर चुनौतियों का सामना करना पड़ा।  उन्होंने कहा कि इसके बावजूद समाज के मुद्दों पर खरे नहीं उतर रहे है। जिसके लिए पूरे समाज को बैठकर आत्मचिंतन करना होगा। केवल एक मुद्दे की रिपोर्टिग पर विशेष ध्यान देने से समाज के बहुत से मुुद्दे गौण हो जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्राइम रिपोर्टिग के साथ ही समाज के अन्य विशेष और महत्वपूर्ण मुद्दों की रिपोर्टिग भी नहीं छूटनी चाहिए। 

          जिलाधिकारी गौरव दयाल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि पत्रकारिता कठिन कार्य है, जिसके तहत समाचार संकलन के लिए बहुत ही कठिन स्थानों पर कवरेज हेतु जाना पड़ता है, ताकि जनता को अच्छा संदेश मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रशासन तथा पत्रकारिता को कदम से कदम मिलाकर चलने से जनता को बेहतर लाभ मिलता है, इसलिए प्रशासन व पत्रकारिता एक ही सिक्के के दो पहलू होते हंै। विषम परिस्थितियों में जो कठिनाइयां आती है उनके समाधान हेतु प्रशासन तथा पत्रकारों का दायित्व है कि मिल बैठकर समस्या का समाधान करें। उन्होंने आश्वस्त किया है कि बेहतर पत्रकारिता के लिए संयुक्त रूप से कार्य करने में पूर्ण सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने वर्तमान में बीमार पत्रकार विनोद अग्रवाल के इलाज हेतु प्रशासन द्वारा पूर्ण सहयोग के लिए आश्वस्त किया।  
         उपनिदेशक सचूना डा0 राजेन्द्र यादव ने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुये कहा कि हिन्दी पत्रकारिता की जब शुरूआत हुयी तो प्रथम हिन्दी अखबार उदन्त मार्तण्ड प्रकाशित हुआ था। उस समय को याद करने से पता चलता है कि उस दौरान तथा वर्तमान परिस्थिति में कितना परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि लोकतन्त्र के चैथे स्तम्भ होने के नाते पत्रकारिता की देश के विकास में बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि उस दौरान पत्रकारिता एक मिशन के रूप मंे थी लेकिन धीरे-धीरे इसका व्यवसायीकरण हो रहा है इसके बावजूद हिन्दी पत्रकारिता का देश के विकास में योगदान है। उन्होंने पत्रकारों से अनुरोध किया कि वे अपने मनोबल को न गिरने दें। 
      इस अवसर पर एडीजी, जिलाधिकारी, पत्रकार परिषद के प्रदेश अध्यक्ष डा0 विजय अग्रवाल, जिलाध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल, प्रदेश महामंत्री के.पी.सिंह, कार्यकारिणी सदस्य एस.पी. सिंह, सत्येन्द्र कुमार पाठक, शर्मा सहित विभिन्न पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम में मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। सभी अतिथियों को फूलमाला तथा प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। 
       कार्यक्रम में स्वतन्त्र पत्रकार राजीव सक्सेना, विनोद भारद्वाज भुवनेश, श्रेत्रिया, विजय शर्मा, कवलजीत सिंह बग्गा, ऊषारानी लोदा, वरिष्ठ फोटोग्राफर असलम सलीमी सहित विभिन्न समाचार पत्र पत्रिकाओं तथा पत्रकार परिषद के पदाधिकारी, सदस्यगण उपस्थित थे। ।हिन्दी पत्रकारिता दिवस  के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन होटल वैभव पैलेस में किया गया जिसके अन्तर्गत ‘‘वर्तमान में पत्रकारों की दशा और दिशा पर आत्ममंथन‘‘ विषय पर विस्तृत रूप में विचार-विमर्श किया गया। 
       कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडीजी अजय आनन्द ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता की 188 साल के गौरव शाली यात्रा में पत्रकारिता को निरन्तर चुनौतियों का सामना करना पड़ा।  उन्होंने कहा कि इसके बावजूद समाज के मुद्दों पर खरे नहीं उतर रहे है। जिसके लिए पूरे समाज को बैठकर आत्मचिंतन करना होगा। केवल एक मुद्दे की रिपोर्टिग पर विशेष ध्यान देने से समाज के बहुत से मुुद्दे गौण हो जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्राइम रिपोर्टिग के साथ ही समाज के अन्य विशेष और महत्वपूर्ण मुद्दों की रिपोर्टिग भी नहीं छूटनी चाहिए। 
          जिलाधिकारी गौरव दयाल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि पत्रकारिता कठिन कार्य है, जिसके तहत समाचार संकलन के लिए बहुत ही कठिन स्थानों पर कवरेज हेतु जाना पड़ता है, ताकि जनता को अच्छा संदेश मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रशासन तथा पत्रकारिता को कदम से कदम मिलाकर चलने से जनता को बेहतर लाभ मिलता है, इसलिए प्रशासन व पत्रकारिता एक ही सिक्के के दो पहलू होते हंै। विषम परिस्थितियों में जो कठिनाइयां आती है उनके समाधान हेतु प्रशासन तथा पत्रकारों का दायित्व है कि मिल बैठकर समस्या का समाधान करें। उन्होंने आश्वस्त किया है कि बेहतर पत्रकारिता के लिए संयुक्त रूप से कार्य करने में पूर्ण सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने वर्तमान में बीमार पत्रकार विनोद अग्रवाल के इलाज हेतु प्रशासन द्वारा पूर्ण सहयोग के लिए आश्वस्त किया।  
         उपनिदेशक सचूना डा0 राजेन्द्र यादव ने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुये कहा कि हिन्दी पत्रकारिता की जब शुरूआत हुयी तो प्रथम हिन्दी अखबार उदन्त मार्तण्ड प्रकाशित हुआ था। उस समय को याद करने से पता चलता है कि उस दौरान तथा वर्तमान परिस्थिति में कितना परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि लोकतन्त्र के चैथे स्तम्भ होने के नाते पत्रकारिता की देश के विकास में बहुत बड़ी भूमिका है।