कौन भूल सकता है विनोद खन्ना की मेरा गांव मेरा देश,मेरे अपने, जेल यात्रा, मुकदर का सिकंदर, इंकार, अमर अकबर एंथनी, राजपूत, कुर्बानी, खुदरत और दयावान उनकी यादगार फिल्मे,जिनमें किये गये उनके अभियन को लोग हमेशा याद रखेंगे। विनोद खन्ना भारतीय जनता पार्टी से पिछले 20 वर्षों से जुड़े रहे। वाजपेयी जी की सरकार में वे केन्द्रीय मंत्री भी रहे। वर्तमान में गुरदासपुर से सांसद खन्ना के निधन से भारतीय जनता पार्टी और गुरदासपुर की जनता को बहुत हानि पहुंची है।सूचना एवं प्रसारण मंत्री नायडू ने विनोद खन्ना की मौत को अपूरणीय क्षति बताया ।
प्रसिद्ध सिनेमा कलाकार और सांसद विनोद खन्ना का जन्म एक व्यापारिक परिवार में छह अक्टूबर 1946 को पेशावर में हुआ, लेकिन देश के विभाजन के बाद उनका परिवार मुंबई आकर बस गया। विनोद खन्ना ने अपने फिल्मी सफर की शुरूआत 1968 में
आई फिल्म मन का मीत से की। कई फिल्मों में उल्लेखनीय सहायक और खलनायक के किरदार निभाने के बाद 1971 में उनकी पहली एकल हीरो वाली फिल्म हम, तुम और वो आई। विनोद खन्ना ने 140 से भी ज्यादा फिल्मों में योगदान दिया है। उनके योगदान को भारतीय सिनेमा शायद ही भुला सके।
आई फिल्म मन का मीत से की। कई फिल्मों में उल्लेखनीय सहायक और खलनायक के किरदार निभाने के बाद 1971 में उनकी पहली एकल हीरो वाली फिल्म हम, तुम और वो आई। विनोद खन्ना ने 140 से भी ज्यादा फिल्मों में योगदान दिया है। उनके योगदान को भारतीय सिनेमा शायद ही भुला सके।