--केन्द्रीय मंत्रियों के दौरे से भी कुछ हांसिल नहीं हो सका ताज सिटी को
आगरा: टूरिज्म का मौजूदा सत्र आर्थिक मार से उबर नहीं पा रहा है, कैशलैस इकनामी के लिये की गयी व्यवस्थायें भी अबतक ना काफी साबित हुई हैं.आगरा में लगभग पांच हजार छोटे बडे प्रतिष्ठा्न पर्यटन पर निर्भर हैं.इनमें से कुछ अपवादों को छोड दिया जाये तो ज्यादातर का कारोबार नोटबंदी के दूसरे दिन से ही प्रभावित चल रह है।.जो पर्यटक आ भी रहे हैं, उनकी धन खर्च करने की इच्छा शक्ति न के बाराबर रह गयी है.अनेक मामलों में अगर धन भी
होता है तो दो हजार के छुट्टे नोट न हो पाने से खरीद फरोख्त् संभव नहीं हो पाताा।.करोबारी जरूरत के लिये दस, पचास और सौ के नोट उपलब्धी करवा पाना अच्छी खासी चुनौती बना हुआ है।
होता है तो दो हजार के छुट्टे नोट न हो पाने से खरीद फरोख्त् संभव नहीं हो पाताा।.करोबारी जरूरत के लिये दस, पचास और सौ के नोट उपलब्धी करवा पाना अच्छी खासी चुनौती बना हुआ है।
सबसे ज्यादा मुश्किरल होटल और ट्रैविल एजैंसियों की बुकिंग कैंसिल होने से उत्पछन्न हो रही हैं.जब टूरिस्ट ही नहीं आयेगा तो फिर कारोबार का चक्का घूमेगा कैसे।.आगरा के टूरिज्म सैक्टर को सबसे अधिक निराशा भारत सरकार के पर्यटन विभाग से है। केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री महेश शर्मा आगरा की टूरिज्म् इडस्ट्री की समस्यामओं की जानकारियां रखते हैं, यही नहीं टूरिज्म ट्रेड के प्रतिनिधियों से उनकी लगातार मुलाकात भी होती रही है किन्तु यहां की भलाई के लिये अबतक करवा कुछ भी नहीं सकेहैं.नोटबंदी के बाद से केन्द्री य परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी आगरा में पब्लिक मीटिंगे कर गये हैं लेकिन कुछ ऐसा नहीं कह सके हैं जिसे कि राहतकारी कहा जा सके।
टूरिज्म ट्रेड पर रही बची मार कोहरे के कारण और बढचली है, सामान्य तौर से टूरिज्मइंडस्ट्रीज का मुख्य आय स्त्रोत ' विदेशी टूरिस्ट' इन्दि्रा गांधी एयरपोर्ट पर उतरता है और टैक्सी पकड कर आगरा आता है किन्तु घने कोहरे के कारण सडक यातायात केवल दिन में ही संभव रह गया है.फलस्व, रूप उसके आगरा मे रूकने के घंटों में लगातार कमी आती जा रही है.हालांकि आधिकारिक रूप से टूरिज्म ट्रेड पर पडे सकल असर की जानकारी टूरिज्म सीजन के मार्च 2017 में समाप्त होन पर ही मिल सकेगी किन्तु मौजूदा परिदृष्य का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि इस ट्रेड से जुडे पचास प्रतिशत से ज्यादा लोग हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। अगर अगले दो तीन महीने मे नोटबंदी को लेकर हालात बदलते है तो भी उससे कोई राहत नहीं मिलने वाली है, क्योंुकि उ प्र में टूरिस्टा सीजन केवल मार्च तक ही रहता है।