अब सपा की साइकिल दो धड़ों में बटती नज़र आ रही है। देखना है कि किसके हाथ में साइकिल का अगला हिस्सा और किसके हाथ में पिछले हिस्सा लगता है। मुलायम और अखिलेश की इस खींच तान में पार्टी की छवि तो ख़राब हो ही रही है साथ ही बी जे पी और बसपा को इसका सीधा फायदा हो रहा है। कांग्रेस भी सपा के मुस्लिम वोट आकर्षित कर सकती है। कुछ लोगों का मानना है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कांग्रेस से चुनाव गठबंधन कर सकते हैं। अखिलेश की समझ अनुसार सपा का अकेला चुनाव जीतना आसान नहीं है। वह कांग्रेस से चुनाव गठबंधन की पहले से ही वकालत कर रहे हैं। किन्तु मुलायम अकेले ही सारी सीटें जीतना चाहते हैं। अब अखिलेश ने काफी सख्त रुख अपना चुके हैं और 235 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर इसका आगाज कर दिया। अड़ियल मुलायम क्या अपनी अड़ियलता से हटेंगे, ऐसा नज़र नहीं आता है।