आजकल समाजवादी पार्टी को नाटक का मंच कहना उचित होगा। पार्टी के नेता रामगोपाल यादव मंच के एक दरवाज़े से बाहर और थोड़ी समय बाद दूसरे दरवाज़े फिर मंच पर। सपा नेता रामगोपाल यादव जो कि मुलायम सिंह यादव के चचेरे भाई भी हैं उनको अंदर बाहर आने जाने की प्रैक्टिस लगातार है।मुलायम सिंह उनका निष्कासन रद्द करते हुए फिर उन्हें बापिस बुला लिया। पारवारिक कश्मकश में फंसे रामगोपाल यादव एक प्रेस-कॉन्फ्रेंस के दौरान यह कह कर फूट-फूट कर रोने लगे थे कि वे अपने को अब भी सपा का हिस्सा मानते हैं। बता दें भाजपा से सांठगांठ करने के आरोप में उन्हें दरवाज़े से बाहर जाने का रास्ता दिखा दिया गया था। यदि देखा जाये तो यह बात साफ़ है कि सपा के भीतर एक ही परिवार के कई सदस्यों की मौजूदगी और उन सब का ऊँचे पदों पर होना झगडे का कारण है।