1 नवंबर 2016

दीपावली पर घर नहीं आ सके आगरा सहित यू पी के तमाम प्रवासी वाशिंदे

--प्रवासियों तक के  अच्छे दिन छीन लिये मोदी सरकार के विदेश मंत्रालय ने

--ओ सी आई कार्ड से हटाना होगा पासपोर्ट नम्बर का कॉलम
पीआईओ कार्ड 31दिसम्‍बर 2016 को समाप्‍त हो जायेगा और ओसीआई 
कार्ड ,पासपोर्ट नम्‍बर आंकित होने से जो खुद हो जायेगा समस्‍याकारी

आगरा: आगरा सहित यू पी के तमाम शहरों से जुड़े प्रवासी इस बार विदेश मंत्रालय मनमानी के कारण दीपावली पर भारत नहीं आ सके.भारतीय दूतावासों के काम काज के तरीकों में बढे उलझाव से प्रवासी भारतीयों और उनके विदेश में रह रहे परिवारों के लिये लगातार पेचीदिगियां बढ रही है, यह स्थिेति तब हे जब कि विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा  स्वराज अपने मंत्रालय के काम काज के तरीकों में सुधार के दावे करती रही हैं और उ प्र सरकार ने तो प्रदेश से संबधित
प्रवासियों के लिये अलग
से एक मंत्रालय ही बना रखा है।
एम्बैसियां ​​नहीं दे रहीं दायित्वंपूर्ण जबाब
वाकायदा ओ सी आई (ओवरसीज सिटीजन ऑफ़ इंडिया) और पी आई ओ कार्ड (पर्सन ऑफ़ इंडियन ओरिजिन) कार्डधारकों को भारतीय एम्बेासियों से न तो जरूरी जानकारी मिल पा रही है और नाही अपनी समस्या को सामने रखने वालों को उपयुक्त मसाधान ही सुझाया जा पा रहा है .यही नहीं भारतीय एम्बैासियों का स्टाफ जो जबाब दे रहा है उनसे जहां प्रवासियों को निराशा हो रही है वहीं भारत सरकार खास कर विदेश मंत्रालय बेहद मजाक का विषय बन रहा है।
31 दिसम्बर को समाप्तं हो जायेगा पी आई ओ कार्ड
2014 में कहा था कि  15साल केलियेजारी पीआई ओ कार्ड को लाइफ लाग के
लिये वैद्य कर दिया जायेगा ,जबकि अब यह में खत्‍म कर दिया जायेगा।
शायद विदेश मंत्रालय के तहत आने वाला यह मामला और भी लम्बे समय तक चलता रहता किन्तु भारत सरकार ने एक निर्णय लेकर पी आई ओ कार्ड को ओ सी आई कार्ड में समाहित (मर्ज) करने का फैसला किया हुआ है। 31 दिसम्बार इसके लिये अंतिम तारीख तय की हुई है। इस तिथि के बाद तीस हजार रूपये के बराबर विदेशी करेंसी की फीस अदाकर जारी करवाये गये ये कार्ड रद्द हो जायेंगे।
शुरू में कहा गया था कि कार्ड परिवर्तन की प्रक्रिया सहज होगी और  ज्यादातर रिकार्ड आनलाइन होने से एम्बैसी स्तर पर ही पूरी कर दी जायेगी किन्तुं अब कहा जा रहा है कि कार्ड परिवर्तन का हर प्रकरण निस्ता्रण को नई दिल्ली भेजा जायेगा। जिसमे तीन से चार महीने लगाना सामान्य बात है। उस पर भी जरूरी नहीं कि पूरे कागजात होने के बावजूद काम हो ही जाये।
-- 'नेशनलटी कार्ड' मांगना गैर जिम्मेादाराना
काम हो जाने की जो संभावना बची भी थी उसे भारतीय दूतावासों ने आई ओ कार्ड धारकों से उनके देशों का नेशनलटी सर्टिफिकेट मांग कर पूरी तरह से समाप्त कर दिया है.पी आई ओ  कार्ड धारकों में अधिकांश वे होते हैं, जो खुद तो विदेश मे जन्मे होते हैं किन्तुओ उनके पति या पत्नीश भारतीय मूल के होते हैं।
जहां तक नेशनलटी सर्टिफिकेट का सवाल है, इस किस्म का सर्टिफिकेट भारत सरकार खुद जारी नहीं करती है, पासपोर्ट, वोट आई डी कार्ड और आधार कार्ड का ही उपयोग भारतीय देश या विदेश में अपनी पहचान के लिये करते हैं.प्रवासियों के परिवारजन भी इसी प्रकार आई डी कार्ड या पासपोर्ट का ही नॅशनॅलिटी दर्शाने के लिये इस्तेमाल करते आ रहे हैं.जिसे दूतावास  मान्य करते रहे है। प्रवासियों के परिवार समझ नहीं पा रहे कि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने उनसे नेशनलटी सर्टिफिकेट मांगना अचानक क्यों शुरू कर दिया है।
ओ सी आई (ओवरसीज सिटीजन ऑफ़ इंडिया) कार्ड में जहां एक ओर पी आई ओ कार्ड समाहित करने की तैयारी है, वहीं सरकार इस कार्ड को लेकर पहले से ही बनी समस्या का समाधान करने में जरा भी इच्छुक नहीं है पता नहीं विदेशमंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज  और उनका मंत्रालय प्रवासियों की मुश्किलें हल करने की अपनी पार्टी और सरकार की नीति के अनुकूल कदम क्यों नहीं उठा रही हैं।
ओ सी आई कार्ड से हटाना होगा पासपोर्ट नम्बर
दरअसल ओ सी आई कार्ड एक बार जारी होता है और पूरी जिंदगी के लिये मान्यम होता हैं किन्तु इसमें एक कालम पासपोर्ट नंबर  का भी है। जिसे लेकर ओ सी आई कार्ड धारक बेहद परेशान हैं क्योंकि पासपोर्ट भरजाने पर नया पासपोर्ट जारी होता है  और उसका नम्बर पूर्व के पासपोर्ट से फर्क होता है। इस प्रकार से एक बार पासपोर्ट भरते ही नया पासपोर्ट जारी होते ही एम्बैसियों के पासपोर्ट सैक्शरन का स्मा्र्ट सिस्टेम फीड ऐट्रियों में फर्क आते ही ओ सी आई कार्ड को रिजैक्ट करना शुरू कर देता है। इसका समाधान उसी स्थिति में संभव है जबकि पासपोर्ट के नम्बर की ऐंट्री का कालम ओ सी आई कार्ड से हटा दिया जाये तथा इसके स्थापन पर बीजा या अन्य किस्म की भारत यात्रा के  के समय पासपोर्ट के साथ ओ सी आई कार्ड को भी पेश करने का नियम बनाकर काम चलाया जा सकता है। क्योंकि  पासपोर्ट नम्बर के अलावा ओ सी आई कार्ड में दर्ज सभी ऐंट्रियां स्थायी एवं अपरिवर्तनशील होती हैं।
ओ सी आई कार्ड अब बन चुका 'आत्मगोरव' डाक्यूमेंट
 चाहें भारतीय हों या विदेशी, भारत से विदेश जाने और वहां से स्वजदश लौटने के लिये पासपोर्ट धारक होना तो जहां अनिवार्यता है, वहीं ओ सी आई कार्ड का मकसद भारतीय मूल का होने की पहचान और प्रवासियों व उनकेपरिवारों के लिये कुछ सुविधाओं पानेके हक तक सीमित है। किन्तु इसके बावजूद भारतीय मूल के लोगों के लिये ओ सी आई कार्ड अब उस भारत से जुडा होने का गौरवा अनुभव करने का प्रमाण है, जिसे दुनियां लोकतंत्र, शांति, बुद्ध, राम, कृष्ण  और गांधी की जमीन के रूप में जानती है।