21 सितंबर 2016

गाइडिंग की नई नीति से आगरा में अनेक को छोडनी होगी रोजीरोटी

--बिना जन आपत्तियां जाने   ही जारी करदी गयी है नई गाइड नीति

आतिथि देवभव
आगरा: 27 सितम्बार को विश्वईपर्यटन दिवस मनाये जाने के साथ शुरू होने वाला पर्यटन सत्र उन अनेक लोगों के लिये राजी रोटी कमानेवाला सावित नहीं रहेगा जो कि आर्केलाजी सर्वे आफ इंडिया से लाईसेंस न होने के बावजूद उ प्र पर्यटन विभाग से मिले लाईसेंस के बूते काम चलाते रहे थे.हालांकि इस साल ज्या दा सख्तीे नहीं हो सकेगी किन्तुप सैकडों लोगों के परंपरागत रोजीरोटी माध्येम को अपनाये रहने को लेकर इसी साल से मुश्किालें जरूर बढना शुरू हो जायेंगी .इस नीति से अनेक परंपरागतों को जहां रोजीरोटी कमाना मुश्किरल हो जायेगा वहीं यू पी टूरिज्मढ से मान्यंता प्राप्त गाइडों को कइ्र साल तक बिना किसी परेशानी के ही ए एस आई का गाइड बने रहने का अवसर मिल सकेगा.अपरोक्ष रूप से सिटीजन गाइड कंसैप्टब
पूरी तरह से समाप्त हो जायेगा और इस बृहद धंधे पर लाईसेंसिंग अथार्टी के रूप में ए एस आई का एकाधिकार हो गया है।
अब अगर कोई नयी याचिका आदि सर्वोच्चि न्याहयालय में दाखिल नहीं होती है तो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) मॉन्यूमेंट्स गाइड बनाएगा। उसने आगरा के उप्र पर्यटन (यूपीटी) गाइडों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में नई पॉलिसी जमा करने के साथ नोटिफिकेशन कर दिया है। इसमें बताया है कि एक वर्ष में नए सिरे से गाइड बना दिए जाएंगे, जिनका चयन लिखित परीक्षा से होगा। हर पांच साल में लाइसेंस रिन्यू कराना होगा।
यूपीटी गाइड संगठन स्टेट एप्रूव्ड गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक दान व अन्य ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का एएसआइ द्वारा पालन नहीं करने पर अवमानना ​​याचिका दायर की थी। कोर्ट में न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह व अभय मनोहर सप्रे की खंडपीठ ने 26 अगस्त को सुनवाई की थी। अदालत ने एएसआइ को नौ सितंबर को गाइड पॉलिसी के साथ पेश होने को कहा। शुक्रवार को मामले की सुनवाई से पूर्व एएसआइ ने सुप्रीम कोर्ट में पॉलिसी जमा करने के साथ ही इसका नोटिफिकेशन कर दिया है।
पॉलिसी में एक वर्ष के अंदर नए सिरे से गाइड बनाने की बात कही है। उन पर एन्सिएंट मॉन्यूमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साइट्स एंड रिमेंस रूल्स, 1959 में कार्रवाई प्रभावी होगी। यह सभी एएसआइ के मॉन्यूमेंट्स गाइड के रूप में जाने जाएंगे.नोटिफिकेशन जरूर जारी हो गया है, किन्तुए बिना प्रभावित पक्षों के आंकलन को जाने ही।