12 सितंबर 2016

आगरा से पूर्व ही इलहाबाद सिविल एयरपोर्ट का मामला हाईकोर्ट पहुंचा

--अधिकारी सबक ले ताज इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मामले मे गलत बयानी से बचें: अनिल

ताज इंरनेशनल एयरपोर्ट                  फाइल फोटो
आगरा: एयरपोर्ट के मामलों को लेकर सरकार की किरकिरी होना शुरू हो गयी है, और मनमानी बयानबाजी थमने जा रही है.सिविल सोसायटी आगरा और ताज इंटरनेशनल एयरपोर्ट आगरा डिजर्ब्सत इंट 'जागो' आगरा जागो आगरा 'अभियान की ओर से जहां वरिष्ठ अधिवक्ता सरकार की कथनी को करनी में तबदील करवानेके लिये कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेने जा रहे हैं, वहीं इलाहाबाद में तो इसकी शुरूआत
हो गयी है।
अधिवक्ता अजय कुमार मिश्र की जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, केंद्र सरकार और राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि इलाहाबाद में एयरपोर्ट के निर्माण में तेजी लाई जाए। कोर्ट ने एयर पोर्ट के लिए ली गई किसानों की जमीन की राशि का भुगतान में तीन सप्ताह में करने का निर्देश दिया है। शेष कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया को भी यथाशीघ्र पूरा करने को कहा है। अदालत ने सिविल हवाई अड्डे का काम शीघ्र पूरा करने के लिए जिला प्रशासन को भी गंभीर प्रयास करने का निर्देश दिया है।
 याची की ओर से अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी, एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से वीके उपाध्याय और केंद्र सरकार के अधिवक्ता एसके राय ने अदालत को एयरपोर्ट के लिए हो रहे कार्यो की जानकारी दी। जिनमें बताया गया है कि 13 अगस्त को निविदाएं आमंत्रित की गई हैं, इनको 20 सितंबर 2016 को खोला जाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से बताया गया कि सिविल एयर टर्निमल का लेआउट प्लान तैयार चुका है हो। इसके लिए पर्यावरण और अन्य विभागों की अनापत्ति प्राप्त करने के लिए आवेदन किया गया है।

राज्य सरकार ने बताया कि 118.20 करोड़ रुपये ली गई भूमि के एवज में प्राप्त हो चुके हैं, शेष धनराशि एक अरब 71 करोड़ रुपये के करीब अभी और मिलने हैं। कोर्ट ने निदेशक सिविल एविएशन से कहा है कि वह बकाया धनराशि का भुगतान तीन सप्ताह के भीतर करवा दें।
'जागो आगरा जागो' मूवमेंट के कॉर्डीनेटर श्री अनिल शर्मा ने कहा है कि आगरा के मामले में तो कोर्ट जाने का पहले से ही मनबनाया हुआ है। शहर के प्रमुख अधिवक्ताश श्री अरविंद शर्मा को इस मामले की पैरवी करने तथा विधि विशेषज्ञों से सहयोग लेने को अधिकृत किया जा चुका है। फिलहाल वह इतना ही कहना चाहेंगे कि आने वाले वकत में मंत्रियों और अधिकारियों को गलत बयानी काफी कष्टहकारी साबित होने जा रही है।
उल्लेाखनीय है कि इस समय आगरा के अलावा मेरठ के पारतापुर हवाई अडडे के विकास का मामला जोर पकडा हुआ है। मेरठ के हवाई अडडे को नेशनल कैपीटल रीजन की बढी जरूरतों को दृष्टि्गत विकसित किया जाना था, इसका नाम डा भीमराव अम्बे डकर एयरपोर्ट तो जरूर कर दिया गया किन्तु डाक्टिर साहब की 125 जयंती के अवसरपर भी जमीन की उपलब्धाता और आदर्श स्थितियों के बावजूद कुछ भी नहीं किया जा सका है।