21 मार्च 2016

आप पार्टी के 21 संसदीय सचिवों को चुनाव आयोग का नोटिस

-- मत्रियों जैसे कार्यालय व वाहनों का उपयोग कर रहे हैं


नई दिल्ली !  चुनाव आयोग ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी के विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने के
मामले में नोटिस जारी कर तलब किया है। दरअसल बीते साल 67 विधायक जीतने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति की थी।उन्होंने तब कहा कि यह संसदीय सचिव मंत्रियों का कामकाज में सहयोग करेंगे। सरकार के इस कदम की तभी से ओलाचना भी शुरू हो गई थी। सरकार ने तब तर्क दिया था कि संसदीय सचिव बनने वाले विधायकों को वेतन नहीं मिलेगा और न ही इससे कोई आर्थिक भार बढ़ेगा। हां, उन्हें सरकारी कामकाज के लिए वाहन मिलेगा और कामकाज निपटाने के लिए उन्हें ऑफिस भी उपलब्ध होगा।बता दें कि प्रवीण कुमार को शिक्षा मंत्री का संसदीय सचिव, शरद कुमार को राजस्व, आदर्श शास्त्री को आईटी, मदन लाल को सतर्कता, शिवचरण गोयल को वित्त, संजीव झा को परिवहन, सरिता सिंह को रोजगार, नरेश यादव को श्रम, जरनैल सिंह (तिलक नगर)...
विकास, राजेश गुप्ता, राजेश ऋषि और अनिल कुमार वाजपेयी को स्वास्थ्य मंत्री का संसदीय सचिव बनाया गया है।
विधायक सोमदत्त, अवतार सिंह कालका, विजेंद्र गर्ग विजय, जरनैल सिंह (राजौरी गार्डन) को ऊर्जा, कैलाश गहलोत को कानून, अल्का लांबा को पर्यटन, मनोज कुमार, नितिन त्यागी, सुखबीर सिंह को मंत्री का संसदीय सचिव बनाया गया था। हालंाकि इससे पहले दिल्ली में अधिकतम तीन संसदीय सचिव कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में रहे हैं। अब चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर 11 अप्रैल 2016 तक उनसे लिखित में जवाब तलब किया है।
पूरे मामले में पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने यह मांग की है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि अरविन्द केजरीवाल द्वारा अपने 21 विधायकों को नियमों को ताक पर रखकर संसदीय सचिव नियुक्त किया जिसके लिए चुनाव आयोग ने सभी संसदीय सचिवों को नोटिस जारी किया है।
श्री माकन ने कहा ईमानदारी का ढोंग करने वाली आम आदमी पार्टी ने सभी नियमों और कायदों को दरकिनार कर सत्ता का दुरुपयोग किया। श्री माकन ने कहा संसदीय सचिवों को मोटा वेतन व अन्य मंत्री तुल्य सुविधाऐं जैसे कार व कार्यालय दिया जाने के लिए श्री केजरीवाल को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की मार्फत, दायर की गई एक पेटीशन के संदर्भ में सभी 21 संसदीय सचिवों को आज नोटिस जारी किया गया।